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exam from home: प्रैक्टिकल में कम नंबर देने से कई छात्र फेल, रिचेकिंग की मांग - बीएससी अंतिम वर्ष की रसायन की परीक्षा

बस्तर विश्वविद्यालय द्वारा बीएससी अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणामों की घोषणा कर दी गई है. इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. बीएससी अंतिम वर्ष के रसायन विषय की प्रयोगिक परीक्षा में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को फेल कर दिया गया है. परीक्षा परिणाम देखने के बाद कांकेर में छात्र आक्रोषित हो उठे हैं. छात्रों ने मूल्यांकन पर सवाल उठाते हुए उत्तर पुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन किये जाने की मांग की है.

BSAC candidates performance in Kanker
कांकेर में बीएसएसी के परीक्षार्थियों का प्रदर्शन
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Published : Aug 28, 2021, 11:02 AM IST

Updated : Aug 28, 2021, 11:34 AM IST

कांकेरः बस्तर विश्वविद्यालय द्वारा बीएससी अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणामों की घोषणा कर दी गई है. इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. बीएससी अंतिम वर्ष के रसायन विषय की प्रायोगिक परीक्षा में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को फेल कर दिया गया है. परीक्षा परिणाम देखने के बाद कांकेर में छात्र आक्रोषित हो उठे हैं. छात्रों ने मूल्यांकन पर सवाल उठाते हुए उत्तर पुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन किये जाने की मांग की है.

कांकेर में बीएसएसी के परीक्षार्थियों का प्रदर्शन

शासकीय भानुप्रतापदेव पीजी कॉलेज में गुरुवार को बड़ी संख्या में बीएससी अंतिम वर्ष के परीक्षार्थी पहुंचे हुए थे, घोषित परीक्षा परिणाम को लेकर छात्र असंतुष्ट दिखे. छात्रों ने बताया कि बीएससी अंतिम वर्ष के रसायन विषय की प्रायोगिक परीक्षा में परीक्षार्थियों को बहुत की कम अंक दिए गए हैं. इससे छात्र अनुत्तीर्ण हो गए हैं. कोरोना संक्रमण के चलते परीक्षाएं ऑनलाइन हुई थीं. प्रायोगिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका छात्रों द्वारा घर पर ही तैयार की गई थी. ऐसी स्थिति में प्रायोगिक परीक्षा में इतना कम नंबर दिए जाने पर छात्रों में भारी आक्रोश है.

छत्तीसगढ़ और देश की टॉप न्यूज, जिसके बारे में आपको जरूर पढ़ना चाहिए

छात्र दीपेश कुमार ने बताया कि उन्हें प्रायोगिक परीक्षा में 6 अंक दिया गया है. ऐसे बहुत से छात्र हैं, जिनका प्रायोगिक परीक्षा में कम अंक दिए जाने की वजह से वह अनुत्तीर्ण हो गए हैं. इस प्रकार छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय किया जा रहा है. छात्रों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि प्रायोगिक परीक्षा में होने वाली मौखिक परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया था. प्रायोगिक परीक्षा में लक्ष्मी डोंगरे को 6 अंक, अनिल निषाद को 17 अंक, पूनम कुमार को 11 अंक, किशोर साहू को 8 अंक, वैदेही सलाम को 13 अंक, नेहा शर्मा को 7 अंक व जतिन निषाद को 7 अंक मिले हैं. छात्रों ने बताया कि ऐसे कई छात्राएं हैं, जिन्हें इसी प्रकार कम अंक मिले हैं.

छात्रों ने किया आंदोलन, प्राचार्य बोले, नहीं होगा पुनर्मूल्यांकनः

इसके बाद छात्र-छात्राओं ने विश्व विद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और कुलपति के नाम ज्ञापन प्राचार्य को सौंपा. छात्रों का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है कि घर पर बैठ कर उत्तर पुस्तिका लिखने के बाद छात्र अनुत्तीर्ण हो जायं. छात्रों ने मांग की कि उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन हिंदी में किया जाय. छात्रों को उनकी उत्तर पुस्तिका की फोटो कापी दी जाय ताकि छात्रों को पता चल सके कि उन्हें इतने कम अंक क्यों दिए गए हैं और उन्होंने कौन से प्रश्न के उत्तर गलत लिखे हैं. संस्था के प्राचार्य केआर ध्रुव ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के चलते नियमों में बदलाव हुआ है. इसके चलते पुनर्मूल्यांकन , पुनर्णना व पूरक का प्रावधान नहीं है. एक बार ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना है.

कांकेरः बस्तर विश्वविद्यालय द्वारा बीएससी अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणामों की घोषणा कर दी गई है. इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. बीएससी अंतिम वर्ष के रसायन विषय की प्रायोगिक परीक्षा में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को फेल कर दिया गया है. परीक्षा परिणाम देखने के बाद कांकेर में छात्र आक्रोषित हो उठे हैं. छात्रों ने मूल्यांकन पर सवाल उठाते हुए उत्तर पुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन किये जाने की मांग की है.

कांकेर में बीएसएसी के परीक्षार्थियों का प्रदर्शन

शासकीय भानुप्रतापदेव पीजी कॉलेज में गुरुवार को बड़ी संख्या में बीएससी अंतिम वर्ष के परीक्षार्थी पहुंचे हुए थे, घोषित परीक्षा परिणाम को लेकर छात्र असंतुष्ट दिखे. छात्रों ने बताया कि बीएससी अंतिम वर्ष के रसायन विषय की प्रायोगिक परीक्षा में परीक्षार्थियों को बहुत की कम अंक दिए गए हैं. इससे छात्र अनुत्तीर्ण हो गए हैं. कोरोना संक्रमण के चलते परीक्षाएं ऑनलाइन हुई थीं. प्रायोगिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका छात्रों द्वारा घर पर ही तैयार की गई थी. ऐसी स्थिति में प्रायोगिक परीक्षा में इतना कम नंबर दिए जाने पर छात्रों में भारी आक्रोश है.

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छात्र दीपेश कुमार ने बताया कि उन्हें प्रायोगिक परीक्षा में 6 अंक दिया गया है. ऐसे बहुत से छात्र हैं, जिनका प्रायोगिक परीक्षा में कम अंक दिए जाने की वजह से वह अनुत्तीर्ण हो गए हैं. इस प्रकार छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय किया जा रहा है. छात्रों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि प्रायोगिक परीक्षा में होने वाली मौखिक परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया था. प्रायोगिक परीक्षा में लक्ष्मी डोंगरे को 6 अंक, अनिल निषाद को 17 अंक, पूनम कुमार को 11 अंक, किशोर साहू को 8 अंक, वैदेही सलाम को 13 अंक, नेहा शर्मा को 7 अंक व जतिन निषाद को 7 अंक मिले हैं. छात्रों ने बताया कि ऐसे कई छात्राएं हैं, जिन्हें इसी प्रकार कम अंक मिले हैं.

छात्रों ने किया आंदोलन, प्राचार्य बोले, नहीं होगा पुनर्मूल्यांकनः

इसके बाद छात्र-छात्राओं ने विश्व विद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और कुलपति के नाम ज्ञापन प्राचार्य को सौंपा. छात्रों का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है कि घर पर बैठ कर उत्तर पुस्तिका लिखने के बाद छात्र अनुत्तीर्ण हो जायं. छात्रों ने मांग की कि उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन हिंदी में किया जाय. छात्रों को उनकी उत्तर पुस्तिका की फोटो कापी दी जाय ताकि छात्रों को पता चल सके कि उन्हें इतने कम अंक क्यों दिए गए हैं और उन्होंने कौन से प्रश्न के उत्तर गलत लिखे हैं. संस्था के प्राचार्य केआर ध्रुव ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के चलते नियमों में बदलाव हुआ है. इसके चलते पुनर्मूल्यांकन , पुनर्णना व पूरक का प्रावधान नहीं है. एक बार ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना है.

Last Updated : Aug 28, 2021, 11:34 AM IST
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