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जंगल को आखिरकार डालना पड़ा वोट, मेहनत करने वाले बीएलओ सम्मानित

BLO Honored In Kanker कांकेर जिले में जिन पोलिंग बूथों पर 90 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है.वहां के बीएलओ को जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ प्रियंका शुक्ला ने सम्मानित किया है.सम्मानित होने के बाद बीएलओ ने अपने अनुभव ईटीवी भारत से भी साझा किए हैं.Kanker Election News

BLO Honored In Kanker
कांकेर में मतदान प्रतिशत बढ़ाने वाले बीएलओ सम्मानित
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 27, 2023, 4:17 PM IST

कांकेर में मतदान प्रतिशत बढ़ाने वाले बीएलओ सम्मानित

कांकेर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की थी. जिसका परिणाम भी देखने को मिला है. कांकेर जिले में इस बार 80.67 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है.आपको बता दें कि कांकेर जिला संवेदनशील क्षेत्र में आता है.जहां पर शांतिपूर्ण मतदान कराना किसी चुनौती से कम नहीं है.

बूथ लेवल ऑफिसर्स की बड़ी भूमिका : कांकेर जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में बूथ लेवल अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बूथ लेवल अधिकारियों ने मतदाता सूची शुद्धिकरण से लेकर मतदाताओं को जागरूक कर उन्हें वोटिंग करने के लिए प्रेरित किया. कांकेर जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ प्रियंका शुक्ला ने कांकेर विधानसभा क्षेत्र के नरहरपुर, कांकेर और भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ को सम्मानित भी किया है. सम्मानित बीएलओ के मतदान केंद्रों में 90 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है.

गांव के एक-एक वोटर को किया जागरुक : इस उपलब्धि के बाद ईटीवी भारत ने बूथ लेवल अधिकारियों से बात की. कांकेर विधानसभा के सुदूर अंचल झूलनातेंदू के बीएलओ उत्तम नेताम ने बताया कि ग्राम पटेल और बुजुर्गों की रायशुमारी से गांव में एक-एक वोटर को मतदान केन्द्र तक लाने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास किया गया. इस बार यहां नया मतदान केंद्र बनाया गया था. इससे पहले यहां के मतदाता 8 किमी दूर मतदान करने जाते थे. मतदान केन्द्र में पिछले चुनाव के मुकाबले 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

रावस मतदान केन्द्र के बीएलओ बसंत उईके ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूचि लेकर ग्रामीणों को मतदान के लिए प्रेरित किया. रावस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. लेकिन यहां के मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में वोट के लिए जागरूक करना एक चुनौतीपूर्ण काम रहा है.

वोट नहीं करने के लिए जंगल में भागे बुजुर्ग : नरहरपुर विकासखण्ड के मतदान केन्द्र क्रमांक-165 पथर्रीनाला के बीएलओ रमाकांत कश्यप ने बताया कि मतदान वाले दिन गांव के एक बुजुर्ग मतदाता जंगल सिंह को जागरूक करने के बाद भी वो वोट डालने को राजी नहीं हुए.वोट डालने से बचने के लिए जंगल की ओर भाग निकले. इसके बाद बीएलओ ने जंगल में जाकर उन्हें खोजा और लोगों की मदद से वोट डलवाने के लिए पोलिंग बूथ लाया गया. बीएलओ ने बताया कि जंगल सिंह 80 साल से भी अधिक आयु के हैं.जिन्होंने पहली बार वोट डाला है. पथर्रीनाला पोलिंग बूथ में 92 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है.


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कांकेर में मतदान प्रतिशत बढ़ाने वाले बीएलओ सम्मानित

कांकेर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की थी. जिसका परिणाम भी देखने को मिला है. कांकेर जिले में इस बार 80.67 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है.आपको बता दें कि कांकेर जिला संवेदनशील क्षेत्र में आता है.जहां पर शांतिपूर्ण मतदान कराना किसी चुनौती से कम नहीं है.

बूथ लेवल ऑफिसर्स की बड़ी भूमिका : कांकेर जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में बूथ लेवल अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बूथ लेवल अधिकारियों ने मतदाता सूची शुद्धिकरण से लेकर मतदाताओं को जागरूक कर उन्हें वोटिंग करने के लिए प्रेरित किया. कांकेर जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ प्रियंका शुक्ला ने कांकेर विधानसभा क्षेत्र के नरहरपुर, कांकेर और भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ को सम्मानित भी किया है. सम्मानित बीएलओ के मतदान केंद्रों में 90 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है.

गांव के एक-एक वोटर को किया जागरुक : इस उपलब्धि के बाद ईटीवी भारत ने बूथ लेवल अधिकारियों से बात की. कांकेर विधानसभा के सुदूर अंचल झूलनातेंदू के बीएलओ उत्तम नेताम ने बताया कि ग्राम पटेल और बुजुर्गों की रायशुमारी से गांव में एक-एक वोटर को मतदान केन्द्र तक लाने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास किया गया. इस बार यहां नया मतदान केंद्र बनाया गया था. इससे पहले यहां के मतदाता 8 किमी दूर मतदान करने जाते थे. मतदान केन्द्र में पिछले चुनाव के मुकाबले 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

रावस मतदान केन्द्र के बीएलओ बसंत उईके ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूचि लेकर ग्रामीणों को मतदान के लिए प्रेरित किया. रावस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. लेकिन यहां के मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में वोट के लिए जागरूक करना एक चुनौतीपूर्ण काम रहा है.

वोट नहीं करने के लिए जंगल में भागे बुजुर्ग : नरहरपुर विकासखण्ड के मतदान केन्द्र क्रमांक-165 पथर्रीनाला के बीएलओ रमाकांत कश्यप ने बताया कि मतदान वाले दिन गांव के एक बुजुर्ग मतदाता जंगल सिंह को जागरूक करने के बाद भी वो वोट डालने को राजी नहीं हुए.वोट डालने से बचने के लिए जंगल की ओर भाग निकले. इसके बाद बीएलओ ने जंगल में जाकर उन्हें खोजा और लोगों की मदद से वोट डलवाने के लिए पोलिंग बूथ लाया गया. बीएलओ ने बताया कि जंगल सिंह 80 साल से भी अधिक आयु के हैं.जिन्होंने पहली बार वोट डाला है. पथर्रीनाला पोलिंग बूथ में 92 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है.


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