कांकेर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. रोजाना हजार से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. इस महामारी के बीच भी कांकेर जिला प्रशासन ने ऐसा कांड कर डाला जिसकी चर्चा जोरों पर है. शहर के इमलीपारा में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए सब्जी खरीदी में जमकर लूट मचाई गई. सब्जी खरीदी की जिम्मेदारी उठाने वाले आदिम जाति कल्याण विभाग ने 550 रुपये किलो की दर से टमाटर खरीदी की है. पूरे मामले का खुलासा आरटीआई ( सूचना के अधिकार) से हुआ है.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों को रखा गया था, जिनके लिए भोजन पानी की व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी थी. जिला प्रशासन ने आदिम जाति कल्याण विभाग को भोजन पानी के लिए सामानों की खरीदी की जिम्मेदारी मिली थी. आदिम जाति कल्याण विभाग पर इस मौके का जमकर फायदा उठाने का आरोप लगा है. जिस समय टमाटर 10 रुपये किलो थे उस दौरान 550 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर खरीदी के बिल बनाए गए और इसका नगद भुगतान भी कर लिया गया है.
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कोरोना संकट के दौरान हुए इस घोटाले को लेकर लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है. कोरोना माहमारी से निपटने के लिए लोगों ने सीएम केयर फंड में बढ़ चढ़कर राशि दान की थी. साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि जनता के मेहनत की कमाई की राशि से घोटालेबाज अधिकारियों ने अपनी जेब गर्म कर ली.
बीजेपी ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग
भाजपा ने इस घोटाले की जांच की मांग की है, भाजपा के जिला महामंत्री विजय मंडावी ने ETV भारत से कहा कि कोरोना महामारी जैसे संकट के समय में इतना बड़ा घोटाला हैरान करने वाला है. प्रदेश सरकार को पूरे मामले को संज्ञान में लेना चाहिए और दोषी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. विजय मंडावी ने प्रदेश सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार अधिकारियों के माध्यम से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है.
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हो सकते हैं और भी खुलासे
क्वॉरेंटाइन सेंटर में अभी सिर्फ टमाटर खरीदी में घोटाला सामने आया है. लेकिन जिस तरह से 10 रुपये किलो टमाटर को 550 रुपये किलो दर्शाया गया, उससे साफ है कि अन्य समानों की खरीदी में भी गड़बड़ी उजागर हो सकती है. अभी इस घोटाले की कई परतें खुलना बाकी है.
घोटाले से मचा हड़कंप
देश का पहला कोरोना घोटाला प्रदेश के कांकेर जिले में सामने आया है, हमेशा से घोटालों को लेकर मशहूर इस जिले के अधिकरियों ने आपदा के समय को भी नहीं बख्शा. एक बार फिर जिला प्रशासन पर संगीन आरोप लग रहे हैं.