कांकेर: छत्तीसगढ़ सरकार की मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना का फायदा ग्रामीण और वन क्षेत्रों के दुरस्थ इलाकों में देखने को मिल रही है.आंकड़ों के अनुसार शिविर शुरू होने से लेकर अब तक जिले में 3 लाख 15 हजार मरीजों का उपचार हाट-बाजारों के क्लिनिक में किया गया है. जिले के सभी 7 ब्लॉक के 60 हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका उपचार किया. साथ ही उन्हें दवाई का निःशुल्क वितरण किया गया. विभाग अब भी हाट-बाजारों में ग्रमीणों के इलाज में लगा हुआ है.
छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अपनी छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए बाजार वाले दिन को प्राथमिकता देते हैं. ऐसे में दूरस्थ इलाकों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से राज्य शासन ने मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को किया था. जिससे बाजार स्थल में ही ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल रहा है. शिविर में सर्दी, खांसी, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के अलावा मलेरिया, टीबी, एचआईव्ही, रक्तचाप, मधुमेह, रक्ताल्पता, कुष्ट रोग, नेत्र विकार, डायरिया सहित गर्भवती महिलाओं और शिशुओं का टीकाकरण करने के अलावा स्वास्थ्य संबंधी परामर्श देकर और इलाज कर उन्हें निशुल्क दवाइयां दी जाती हैं.
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मलेरिया की जांच और इलाज
पिछले कुछ सालों में बस्तर में मलेरिया का प्रकोप दिखा था. जिससे सरकार की चिंता भी बढ़ी थी. डॉ उइके ने बताया कि जिले में अब तक 492 शिविर लगाए गए. जिनमें 4 हजार 642 की व्यक्तियों की मलेरिया जांच की गई. जिसमें से 215 व्यक्तियों को मलेरिया पॉजिटिव पाया गया. इसी प्रकार 6 हजार 931 मरीजों की रक्त अल्पता से संबंधित जांच एवं उपचार किया गया और 10 हजार 435 व्यक्तियों की खून जांच किया गया. 1158 व्यक्तियों को ब्लडप्रेशर प्रभावित पाये गये और 6336 व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित पाये गए. 579 मरीजों को उच्च चिकित्सा संस्थाओं में रिफर किया गया. 41 शिशुओं का टिकाकरण और 1242 गर्भवती महिलाओं की जांच भी की गई.