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कांकेर: अंतागढ़ में फंसे बालोद के 17 मजदूर, घर जाने के लिए निकले थे पैदल

लॉकडाउन की वजह से बालोद में रहने वाले मजदूर पैदल ही अपने घर जाने के लिए निकल पड़े. प्रशासन ने उन्हें अभी अंतागढ़ के एक शासकीय विद्यालय में ठहराया है.

Balod laborers trapped in Antagarh due to lockdown
अंतागढ़ में फंसे मजदूर
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Published : Mar 30, 2020, 11:22 PM IST

Updated : Mar 30, 2020, 11:57 PM IST

कांकेर: अंतागढ़ ब्लॉक के भैसगांव में निबरा मार्ग पर पुलिया के निर्माण के काम से आए 14 मजदूर लॉकडाउन में फंसे थे. वे अब तक भैसगांव में ही थे, लेकिन राशन पानी खत्म होने के बाद सारे मजदूर पैदल ही अपने गृहग्राम बालोद जा रहे थे. रास्ते में पैदल जाते देख मजदूरों को अंतागढ़ कलगांव के सरपंच पति ने उन्हें रोककर जानकारी ली और अंतागढ़ पुलिस और जनपद पंचायत CEO को मामले की जानकारी दी.

अंतागढ़ में फंसे मजदूर

अधिकारियों की मौजूदगी में माध्यमिक विद्यालय में मजदूरों को ठहराया गया है. पंचायत की ओर से भोजन और रहने की वयवस्था भी की गई है. मजदूरों ने बताया कि भैंसगांव निबरा पुल निर्माण के लिए ठेकेदार राजेश मिस्त्री सभी को लेकर आया था जहां पिछले 1 साल से वे यहां काम कर रहे थे. अचानक लॉकडाउन होने से ठेकेदार ने उन्हें घर जाने के लिए कोई मदद नहीं की.

पैदल ही निकल पड़े घर

मजदूरों ने बताया कि वे रोज ठेकेदार को फोन पर घर जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था करने को कह रहे थे, लेकिन जब ठेकेदार ने गाड़ी नहीं भेजी तो सारे मजदूर पैदल ही डेढ़ सौ किलोमीटर अपने घर जाने के लिए निकल पड़े.

कांकेर: अंतागढ़ ब्लॉक के भैसगांव में निबरा मार्ग पर पुलिया के निर्माण के काम से आए 14 मजदूर लॉकडाउन में फंसे थे. वे अब तक भैसगांव में ही थे, लेकिन राशन पानी खत्म होने के बाद सारे मजदूर पैदल ही अपने गृहग्राम बालोद जा रहे थे. रास्ते में पैदल जाते देख मजदूरों को अंतागढ़ कलगांव के सरपंच पति ने उन्हें रोककर जानकारी ली और अंतागढ़ पुलिस और जनपद पंचायत CEO को मामले की जानकारी दी.

अंतागढ़ में फंसे मजदूर

अधिकारियों की मौजूदगी में माध्यमिक विद्यालय में मजदूरों को ठहराया गया है. पंचायत की ओर से भोजन और रहने की वयवस्था भी की गई है. मजदूरों ने बताया कि भैंसगांव निबरा पुल निर्माण के लिए ठेकेदार राजेश मिस्त्री सभी को लेकर आया था जहां पिछले 1 साल से वे यहां काम कर रहे थे. अचानक लॉकडाउन होने से ठेकेदार ने उन्हें घर जाने के लिए कोई मदद नहीं की.

पैदल ही निकल पड़े घर

मजदूरों ने बताया कि वे रोज ठेकेदार को फोन पर घर जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था करने को कह रहे थे, लेकिन जब ठेकेदार ने गाड़ी नहीं भेजी तो सारे मजदूर पैदल ही डेढ़ सौ किलोमीटर अपने घर जाने के लिए निकल पड़े.

Last Updated : Mar 30, 2020, 11:57 PM IST
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