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कांकेर में बायपास रोड का एप्रोच पुल बहा

कांकेर में भारी बारिश का असर देखने को मिल रहा है. बारिश के कारण दूध नदी पर बना वैकल्पिक रास्ता बह गया (Bypass road bridge shed in Kanker) है.

approach bridge of the bypass road in Kanker shed
कांकेर में बायपास रोड का एप्रोच पुल बहा
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Published : Jul 12, 2022, 3:07 PM IST

कांकेर : बीते दो दिनों में कांकेर में जमकर बारिश हुई है. इस बारिश में कई नदी नाले पूरे शबाब पर हैं. इस बारिश के कारण कांकेर बायपास रोड का एप्रोच पुल बह गया (approach bridge of the bypass road in Kanker shed )है. गौरतलब है कि पिछले चौबीस घंटे में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. जिससे पहाड़ी नाले उफान पर आ गए (Heavy rains affected life in Chhattisgarh) हैं. वहीं कांकेर बायपास रोड में पुल निर्माण किया जा रहा है. इस रोड के लिए वैकल्पिक एप्रोच पुल बनाया गया था. जिससे बड़ी वाहनें गुजरती (heavy rain in kanker) थी. लेकिन बीती रात हुई जमकर बारिश में पुल बह गया. अब बायपास रोड में आवागमन बंद हो गया है. वहीं नेशनल हाइवे रोड में ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है.

कांकेर में बायपास रोड का एप्रोच पुल बहा

कितनी बननी है सड़क : कांकेर बाईपास ग्राम माकड़ी से गढ़पिछवाडी तक 10.50 किमी में बनना है. कार्यादेश पांच साल पहले अगस्त 2016 में जारी हुआ था. काम पूरा होने की अवधि दो साल यानी अगस्त 2018 थी. लेकिन ठेकेदार की लापरवाही इतनी ज्यादा रही की काम बेहद विलंब से शुरू कराया. यही नहीं काम शुरू भी कराया तो बीच बीच में काम बंद करा दिया जाता था.अब जब सड़क बन चुकी है तो पुलिया का काम अधूरा है.

पुल के कारण मुश्किल : बताते चले कि कार्यादेश जारी हुए आज पांच साल हो चुके हैं. लेकिन हालत ये है कि काम पूरा नहीं हो पाया है. सबसे बड़ी समस्या है बाईपास में बनने वाले दो बड़े पुल. इनमें से दूधनदी पर 90 मीटर बनने वाले पुल का काम प्राथमिक स्तर तक ही हो पाया है. जबकि माकड़ी के चिनार नदी में 160 मीटर लंबा बनने वाला पुल का निर्माण कार्य शुरु नहीं हुआ है.


विभाग ने निकाला था वैकल्पिक रास्ता : विभाग ने छोटे पुल बनने के बाद समाधान निकाला और चिनार नदी पुल के आगे से डायवर्सन रोड बनाई. साथ ही दूधनदी पुल पर भी डायवर्सन तैयार किया गया. इसके बाद इसी वर्ष जनवरी फरवरी माह में बड़े वाहनों का इस मार्ग से आवागमन शुरू कराया गया. लेकिन दो दिनों के बारिश ने इस वैकल्पिक मार्ग को भी बहा (Bypass road bridge shed in Kanker) दिया .

जिले में कितनी हुई बारिश : कांकेर जिले में 01 जून से अब तक 340.5 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है. बीती रात से जिले के सभी 07 तहसीलों में व्यापक वर्षा दर्ज की गई. सर्वाधिक वर्षा पखांजूर तहसील में 81.3 मिली मीटर और सबसे कम वर्षा 21.2 मिली मीटर कांकेर तहसील में दर्ज की गई है. कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 जुलाई की स्थिति में भानुप्रतापपुर में 69.3 मिली मीटर, दुर्गूकांदल में 31.6 मिली मीटर, चारामा में 35.8 मिली मीटर, अंतागढ़ में 63.6 मिली मीटर और नरहरपुर में 41.2 मिली मीटर औसत वर्षा अब तक दर्ज की गई है.

कांकेर : बीते दो दिनों में कांकेर में जमकर बारिश हुई है. इस बारिश में कई नदी नाले पूरे शबाब पर हैं. इस बारिश के कारण कांकेर बायपास रोड का एप्रोच पुल बह गया (approach bridge of the bypass road in Kanker shed )है. गौरतलब है कि पिछले चौबीस घंटे में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. जिससे पहाड़ी नाले उफान पर आ गए (Heavy rains affected life in Chhattisgarh) हैं. वहीं कांकेर बायपास रोड में पुल निर्माण किया जा रहा है. इस रोड के लिए वैकल्पिक एप्रोच पुल बनाया गया था. जिससे बड़ी वाहनें गुजरती (heavy rain in kanker) थी. लेकिन बीती रात हुई जमकर बारिश में पुल बह गया. अब बायपास रोड में आवागमन बंद हो गया है. वहीं नेशनल हाइवे रोड में ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है.

कांकेर में बायपास रोड का एप्रोच पुल बहा

कितनी बननी है सड़क : कांकेर बाईपास ग्राम माकड़ी से गढ़पिछवाडी तक 10.50 किमी में बनना है. कार्यादेश पांच साल पहले अगस्त 2016 में जारी हुआ था. काम पूरा होने की अवधि दो साल यानी अगस्त 2018 थी. लेकिन ठेकेदार की लापरवाही इतनी ज्यादा रही की काम बेहद विलंब से शुरू कराया. यही नहीं काम शुरू भी कराया तो बीच बीच में काम बंद करा दिया जाता था.अब जब सड़क बन चुकी है तो पुलिया का काम अधूरा है.

पुल के कारण मुश्किल : बताते चले कि कार्यादेश जारी हुए आज पांच साल हो चुके हैं. लेकिन हालत ये है कि काम पूरा नहीं हो पाया है. सबसे बड़ी समस्या है बाईपास में बनने वाले दो बड़े पुल. इनमें से दूधनदी पर 90 मीटर बनने वाले पुल का काम प्राथमिक स्तर तक ही हो पाया है. जबकि माकड़ी के चिनार नदी में 160 मीटर लंबा बनने वाला पुल का निर्माण कार्य शुरु नहीं हुआ है.


विभाग ने निकाला था वैकल्पिक रास्ता : विभाग ने छोटे पुल बनने के बाद समाधान निकाला और चिनार नदी पुल के आगे से डायवर्सन रोड बनाई. साथ ही दूधनदी पुल पर भी डायवर्सन तैयार किया गया. इसके बाद इसी वर्ष जनवरी फरवरी माह में बड़े वाहनों का इस मार्ग से आवागमन शुरू कराया गया. लेकिन दो दिनों के बारिश ने इस वैकल्पिक मार्ग को भी बहा (Bypass road bridge shed in Kanker) दिया .

जिले में कितनी हुई बारिश : कांकेर जिले में 01 जून से अब तक 340.5 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है. बीती रात से जिले के सभी 07 तहसीलों में व्यापक वर्षा दर्ज की गई. सर्वाधिक वर्षा पखांजूर तहसील में 81.3 मिली मीटर और सबसे कम वर्षा 21.2 मिली मीटर कांकेर तहसील में दर्ज की गई है. कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 जुलाई की स्थिति में भानुप्रतापपुर में 69.3 मिली मीटर, दुर्गूकांदल में 31.6 मिली मीटर, चारामा में 35.8 मिली मीटर, अंतागढ़ में 63.6 मिली मीटर और नरहरपुर में 41.2 मिली मीटर औसत वर्षा अब तक दर्ज की गई है.

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