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कांकेर: नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर पुलिस का शिकंजा, निशांत जैन गिरफ्तार - SIT की कार्रवाई

SIT की टीम ने नक्सलियों को नकदी देने और सामान के लिए फाइनेंस करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है आरोपी लैंडमार्क इंजीनियर कंपनी का मालिक निशांत जैन है, जिसे SIT की टीम ने बिलासपुर से धर दबोचा है.

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आरोपी निशांत जैन गिरफ्तार
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Published : May 14, 2020, 12:20 PM IST

Updated : May 14, 2020, 1:00 PM IST

कांकेर: कोरोना काल के बीच नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में SIT को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है. SIT ने नक्सलियों को नगदी रकम देने और सामान के लिए फाइनेंस करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक लैंडमार्क कंपनी के मालिक निशांत जैन को बिलासपुर से गिरफ्तार किया गया है. निशांत जैन 600 करोड़ की संपत्ति का मालिक है, जो की धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण का मुख्य ठेकेदार है, जो दूसरे ठेकेदारों को 'पेटी कॉन्ट्रैक्ट' में सड़क निर्माण का कार्य देता था.

आरोपी निशांत जैन गिरफ्तार

नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी एसआईटी की टीम ने मामले में 12वीं गिरफ्तारी की है. इससे पहले पकड़े गए आरोपियों से पुलिस को लैंडमार्क इंजीनियर कंपनी के मालिक निशांत जैन की ओर से नक्सलियों की मदद करने की पुख्ता जानकारी और सबूत मिले थे, जिसके बाद से ही निशांत जैन फरार था. बुधवार को SIT की टीम को निशांत के बिलासपुर में होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद टीम ने दबिश देकर उसे धर दबोचा.

अपने साथियों के माध्यम से कर रहा था नक्सलियों की मदद
निशांत जैन जिले के सभी नक्सल प्रभावित इलाका कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा , सिकसोड़, रावघाट, ताड़ोकी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का ठेका अपनी कंपनी लैंडमार्क इंजीनियर के नाम से लिया था और पेटी ठेका के जरिए राजनंदगांव के अजय जैन, कोमल वर्मा, तापस पालित के माध्यम से काम करा रहा था. साथ ही इनके माध्यम से ही इलाके में काम करने में बदले में नक्सलियों तक नगदी रकम और जरूरत के समान पहुंचाने का काम करता था, जिसके बदले में नक्सली इसकी कंपनी के कार्य में कोई बाधा नहीं डालते थे, निशांत जैन ऐसे ही इलाकों में काम कर चंद वर्षों में ही करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन बैठा था.

दिल्ली का रहने वाला है निशांत
निशांत जैन मुख्य रूप से गुरूग्राम का रहने वाला है, जो काम की तलाश में 2001-2002 में छतीसगढ़ आया था, जो 20 साल में 600 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया, निशांत अपने फायदे के लिए नक्सलियों की पिछले कई वर्षों से मदद कर रहा था. पुलिस को अभी निशांत के भाई वरुण की भी तलाश है.

बड़ा नेटवर्क टूटा: एसपी
एसपी एमआर अहिरे ने बताया कि 'नक्सलियों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क टूटा है, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है'. एसपी ने बताया कि 'निशांत जैन अपने साथियों के माध्यम से ही नक्सलियों के संपर्क में आया, जो अंदरूनी इलाकों में काम करने के बदले में नक्सलियों तक नकदी रकम और सामान के लिए पैसे देने का काम कर रहा था. मामले में अभी और भी गिरफ्तारी हो सकती है. आरोपी निशांत जैन से पूछताछ जारी है'.

कांकेर: कोरोना काल के बीच नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में SIT को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है. SIT ने नक्सलियों को नगदी रकम देने और सामान के लिए फाइनेंस करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक लैंडमार्क कंपनी के मालिक निशांत जैन को बिलासपुर से गिरफ्तार किया गया है. निशांत जैन 600 करोड़ की संपत्ति का मालिक है, जो की धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण का मुख्य ठेकेदार है, जो दूसरे ठेकेदारों को 'पेटी कॉन्ट्रैक्ट' में सड़क निर्माण का कार्य देता था.

आरोपी निशांत जैन गिरफ्तार

नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी एसआईटी की टीम ने मामले में 12वीं गिरफ्तारी की है. इससे पहले पकड़े गए आरोपियों से पुलिस को लैंडमार्क इंजीनियर कंपनी के मालिक निशांत जैन की ओर से नक्सलियों की मदद करने की पुख्ता जानकारी और सबूत मिले थे, जिसके बाद से ही निशांत जैन फरार था. बुधवार को SIT की टीम को निशांत के बिलासपुर में होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद टीम ने दबिश देकर उसे धर दबोचा.

अपने साथियों के माध्यम से कर रहा था नक्सलियों की मदद
निशांत जैन जिले के सभी नक्सल प्रभावित इलाका कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा , सिकसोड़, रावघाट, ताड़ोकी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का ठेका अपनी कंपनी लैंडमार्क इंजीनियर के नाम से लिया था और पेटी ठेका के जरिए राजनंदगांव के अजय जैन, कोमल वर्मा, तापस पालित के माध्यम से काम करा रहा था. साथ ही इनके माध्यम से ही इलाके में काम करने में बदले में नक्सलियों तक नगदी रकम और जरूरत के समान पहुंचाने का काम करता था, जिसके बदले में नक्सली इसकी कंपनी के कार्य में कोई बाधा नहीं डालते थे, निशांत जैन ऐसे ही इलाकों में काम कर चंद वर्षों में ही करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन बैठा था.

दिल्ली का रहने वाला है निशांत
निशांत जैन मुख्य रूप से गुरूग्राम का रहने वाला है, जो काम की तलाश में 2001-2002 में छतीसगढ़ आया था, जो 20 साल में 600 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया, निशांत अपने फायदे के लिए नक्सलियों की पिछले कई वर्षों से मदद कर रहा था. पुलिस को अभी निशांत के भाई वरुण की भी तलाश है.

बड़ा नेटवर्क टूटा: एसपी
एसपी एमआर अहिरे ने बताया कि 'नक्सलियों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क टूटा है, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है'. एसपी ने बताया कि 'निशांत जैन अपने साथियों के माध्यम से ही नक्सलियों के संपर्क में आया, जो अंदरूनी इलाकों में काम करने के बदले में नक्सलियों तक नकदी रकम और सामान के लिए पैसे देने का काम कर रहा था. मामले में अभी और भी गिरफ्तारी हो सकती है. आरोपी निशांत जैन से पूछताछ जारी है'.

Last Updated : May 14, 2020, 1:00 PM IST
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