कांकेर: सरकार चाहे लाख दावे कर ले लेकिन ऐसी तस्वीर अक्सर देखने को मिल ही जाती है. सरकार की ओर से बच्चों की बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं. जहां नन्हे बच्चों को पढ़ाई लिखाई के साथ अच्छे स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार भी दिया जाता है. लेकिन कांकेर के आंगनबाड़ी केंद्रों में जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है. बेलगाल आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के बैठने के लिए भवन की व्यवस्था तक नहीं है.
ETV भारत की टीम मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया. जर्जर भवन में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र. लेकिन यहां आदर्श जैसा कुछ भी नजर नहीं आया. किराये के मकान में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहा है.पिछले 3 सालों से भवन जर्जर है. नौनिहालों के लिए बैठने तक की जगह नहीं है. 3 साल बीत गये लेकिन मकान मालिक को शासन प्रशासन से मकान का किराया तक नहीं मिला.
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अधिकारियों ने नहीं ली अब तक सुध
पूर्व विधायक मंतुराम पवार का भी गृहग्राम बेलगाल ही है. उसी गांव की आंगनबाड़ी का ये हाल है, अन्य जगह की क्या स्तिथि हो सकती है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. बेलगाल आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता ने कई बार उच्च अधिकारियों से मकान किराया और भवन की मांग की. लेकिन अब तक किसी ने सुध नहीं ली है.