कांकेर: कोरोना संक्रमण के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से जिले के 37 युवा, जिसमें से 27 युवतियां शामिल हैं, राजस्थान के अलवर में लंबे समय से फंसे हुए हैं. इन सभी युवाओं को लाइवलीहुड कॉलेज में प्रशिक्षण देने के बाद निजी कंपनियों में प्लेसमेंट के तहत कार्य के लिए भेजा गया था, लेकिन अब इन कंपनियों ने इनसे किनारा कर लिया है.
ये युवा छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. युवतियों ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने सरकार से वापसी के लिए मदद मांगी है. इस मामले को CPI (M) ने उजागर करते हुए प्रदेश सरकार से युवतियों को वापस लाने की मांग की है. युवतियों को राजस्थान में महज 8 से 9 हजार रुपये वेतन की बात कहकर प्लेसमेंट दिया गया था. युवतियां लगभग 3 साल से यहां काम कर रही थीं. कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में युवतियां यहां फंस गई हैं, जिस कंपनियों में युवतियां काम कर रही थीं, वहां से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. ऐसे में युवतियों ने वीडियो जारी कर प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
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20 युवतियों की सूची माकपा के पास
माकपा नेता संजय पराते ने राजस्थान में फंसी 20 युवतियों की सूची जारी की है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के करीब 3 हजार लोग अभी भी अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, जिन्हें वापस लाने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है. माकपा ने आरोप लगाया कि नौकरी का लालच देकर चंद पैसों के लिए प्रदेश के बच्चों को दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है और ऐसे संकट के समय मे उनकी सुध तक नहीं ली जा रही है.