कवर्धा: जिले की ढोलबज्जा ग्राम पंचायत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के साथ ही ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए दो पालियों में काम करने का रास्ता निकाला है. इसके तहत मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत तालाब गहरीकरण का काम मजदूरों ने दो पालियों में करके पूरा कर लिया है. सुबह की पाली में रोज 60 मजदूर और शाम की पाली में 50 मजदूर काम करते थे. करीब महीनेभर चले इस काम में सुबह की पाली में 35 महिलाएं और 25 पुरुष काम करते थे. वहीं शाम की पाली में 23 महिलाएं और 27 पुरुष काम करते थे.
कवर्धा जिले के बोड़ला विकासखंड की ढोलबज्जा ग्राम पंचायत आदिवासी बाहुल्य है. वहां विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा परिवारों की संख्या बहुत है. वहीं लॉकडाउन के बीच मनरेगा के तहत 4 लाख रुपए से ज्यादा की लागत से वहां के बगीचे और तालाब के गहरीकरण के काम की मंजूरी मिली. इसके बाद गांव वालों ने आपसी सलाह-मशविरा से दो पालियों में काम करने का फैसला लिया. इससे कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कार्यस्थल पर एक-दूसरे से सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखने में मदद मिली. वहीं इस काम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार का मौका मिला.
पढ़ें: बेमेतरा CEO रीता यादव ने साजा में मनरेगा के तहत चल रहे काम का लिया जायजा
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही ग्रामीणों ने हाथ धुलाई और मास्क या कपड़े से मुंह ढंककर काम करने के दिशा-निर्देशों का भी पालन किया. ढोलबज्जा में करीब महीनेभर चले तालाब गहरीकरण के काम में दो हजार लोगों को रोजगार मिला है. वहीं मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को अब तक 3 लाख 72 हजार रुपए से ज्यादा मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है. मनरेगा के तहत गांव के 92 परिवारों को महीनेभर का काम मिला है. मनरेगा में काम करने वालों में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के 75 परिवार भी शामिल हैं.