कवर्धा: भारतीय परंपरा में गोबर को लक्ष्मी का रूप माना गया है. ये बात छत्तीसगढ़ में सच भी साबित हो रही है. यहां गोधन योजना के जरिए ग्रामीण गोबर बेचकर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं. कवर्धा के भी एक ग्रामीण ने गोधन योजना के तहत गोबर बेचकर दिवाली पर पत्नी के लिए सोने का मंगलसूत्र और बच्चों के लिए कपड़े खरीदे हैं. सीएम भूपेश बघेल ने तीरथ साहू और केजा बाई की तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर की है, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा हैं कि यह कहानी हमें सुकून देती है कि हम सही दिशा में काम कर रहे हैं.
गोधन न्याय योजना से हो रही अच्छी-खासी कमाई
जिले के सोनपुरीगढ़ा में रहने वाला तीरथ साहू राजमिस्त्री का काम करता था, लेकिन फिर भी उसकी अच्छी कमाई नहीं हो पाती थी. छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना से जुड़ने के बाद अब इस परिवार की आय इतनी बढ़ गई है कि हर महीने कम से कम 5 हजार रुपये ज्यादा की कमाई हो रही है.
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पत्नी के लिए खरीदा सोने का मंगलसूत्र
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचकर उससे मिलने वाली अतिरिक्त आमदनी से अब ये परिवार अपनी इच्छाएं पूरी कर रहे हैं. तीरथ साहू ने गोबर बेचकर पत्नी केजा बाई के लिए तीन ग्राम सोने का मंगलसूत्र खरीदकर दिवाली पर उपहार दिया है. इतना ही नहीं उसने अपने बच्चों के लिए त्योहार पर नए कपड़े भी खरीदे है.
गोबर बेचकर करीब 22 हजार रुपये की कमाई
तीरथ साहू ने गोधन न्याय योजना शुरू होने से अब तक लगभग 22 हजार 1 सौ 50 रुपये का गोबर बेच चुका है. तीरथ साहू और उसके परिवार की तस्वीस सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में शेयर की है. कैप्शन में उन्होंने लिखा है कि यह कहानी हमें सुकून देती है कि हम सही दिशा में काम कर रहे हैं.
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'बुरे समय में गोधन न्याय योजना से मिला सहारा'
ETV भारत से चर्चा में तीरथ साहू ने बताया कि पत्नी केजा बाई ने गोधन न्याय योजना में अपना पंजीयन ये सोच कर कराया था कि कभी सरकार की ये योजना उनके काम आएगी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इसकी वजह से उनके घर में खुशियां आएगी. तीरथ ने बताया कि उसकी पत्नी स्कूल में रसोइया का काम करती थी, लेकिन कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन से उसका काम छिन गया. ऐसी स्थिति में गोधन न्याय योजना उनके लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है.