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Bhoramdev temple of kawarda : भोरमदेव मंदिर के पास अतिक्रमण हटाने का विरोध - भोरमदेव मंदिर

सोमवार को भोरमदेव के सरपंच समेत आसपास पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार और व्यापारी कलेक्टोरेट पहुंचे. व्यापारियों ने कलेक्टर से मुलाकात करके भोरमदेव में हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ हुई कारवाई को गलत बताया है.

Protest against removal of encroachment
भोरमदेव मंदिर के पास अतिक्रमण हटाने का विरोध
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Published : Mar 13, 2023, 2:33 PM IST

कवर्धा : भोरमदेव मंदिर के आसपास दुकानदारों ने पहले की ही तरह दुकानों को यथावत रखने की बात कही है. व्यापारियों का आरोप है कि बोड़ला एसडीएम और तहसीलदार अपनी पूरी टीम के साथ बुलडोजर लेकर रविवार शाम पहुंचे और बिना नोटिस सूचना के दुकानों में तोड़फोड़ करने लगे.इस कार्रवाई में दुकानदारों को सामान हटाने का मौका भी नहीं मिला.

दुकानदारों ने किया था विरोध : कार्रवाई के दौरान व्यापारियों ने काफी विरोध भी किया. लेकिन प्रशासन की टीम नहीं रुकी और लगभग 20 दुकानों को तोड़ दिया. इससे नाराज व्यापारी सोमवार को अपने परिवार के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर जन्मेजय महोबे से मुलाकात कर दुकानों की व्यवस्था कराने की बात कही है.

क्यों हुई तोड़फोड़ : दरअसल छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध एतिहासिक भोरमदेव मंदिर मे हर वर्ष होली के 13 दिनों बाद तेरस को जिला प्रशासन की ओर से तीन दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया जाता है. कार्यक्रम में बड़े-बड़े कलाकार कार्यक्रम की प्रस्तुति देते हैं. साथ ही आसपास जिला और प्रदेश से लोग मेला घूमने लोग पहुंचते हैं. लाखों की भीड़ इकट्ठा होती है. इन्हीं सभी कारणों से कार्यक्रम स्थल से भोरमदेव मंदिर तक रास्ते में हुए अवैध अतिक्रमण को प्रशासन की टीम ने कब्जा मुक्त कराया जा रहा है. ताकि बाहर से आने वाले लोगों को कोई समस्या ना हो.

स्थानीय लोगों को हुआ नुकसान : लेकिन इससे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान होगा. इसी कारण व्यापारी आक्रोश में है और इसका विरोध कर रहे हैं.महिला व्यापारी सपना लहरें ने बताया कि '' भोरमदेव मंदिर के पास वर्षों से फूल नारियल की दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. मंदिर में कोरोना काल के बाद इस वर्ष अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है. लेकिन प्रशासन के लोगों ने अचानक आकर दुकान तोड़ दिया. इससे काफी नुकसान हुआ है. पूरे साल इस आस में बैठे रहते हैं कि साल में एक बार मेला के दौरान अच्छी दुकानदारी होगी. लेकिन दुकान तोड़फोड़ होने से पूरा नुकसान हो गया है.

ये भी पढ़ें- कवर्धा में रोजगार कैंप का आयोजन

वहीं प्रकाश लहरे ने बताया कि '' भोरमदेव मेला को लेकर स्थानीय व्यापारियों ने काफी पैसा खर्च कर समान लाए है और अब प्रशासन बिना सूचना जानकारी दिए अचानक आकर दुकानों को तोड़फोड़ कर दिए हैं. इससे दुकान का नुकसान हुआ है. वहीं मेला में दुकान नहीं लगने से व्यापार में भी नुकसान होगा. हालांकि कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने व्यापारियों से मुलाकात की और पीड़ित दुकानदारों की व्यवस्थापन को लेकर आश्वासन दिया है.

भोरमदेव मंदिर के पास अतिक्रमण हटाने का विरोध

कवर्धा : भोरमदेव मंदिर के आसपास दुकानदारों ने पहले की ही तरह दुकानों को यथावत रखने की बात कही है. व्यापारियों का आरोप है कि बोड़ला एसडीएम और तहसीलदार अपनी पूरी टीम के साथ बुलडोजर लेकर रविवार शाम पहुंचे और बिना नोटिस सूचना के दुकानों में तोड़फोड़ करने लगे.इस कार्रवाई में दुकानदारों को सामान हटाने का मौका भी नहीं मिला.

दुकानदारों ने किया था विरोध : कार्रवाई के दौरान व्यापारियों ने काफी विरोध भी किया. लेकिन प्रशासन की टीम नहीं रुकी और लगभग 20 दुकानों को तोड़ दिया. इससे नाराज व्यापारी सोमवार को अपने परिवार के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर जन्मेजय महोबे से मुलाकात कर दुकानों की व्यवस्था कराने की बात कही है.

क्यों हुई तोड़फोड़ : दरअसल छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध एतिहासिक भोरमदेव मंदिर मे हर वर्ष होली के 13 दिनों बाद तेरस को जिला प्रशासन की ओर से तीन दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया जाता है. कार्यक्रम में बड़े-बड़े कलाकार कार्यक्रम की प्रस्तुति देते हैं. साथ ही आसपास जिला और प्रदेश से लोग मेला घूमने लोग पहुंचते हैं. लाखों की भीड़ इकट्ठा होती है. इन्हीं सभी कारणों से कार्यक्रम स्थल से भोरमदेव मंदिर तक रास्ते में हुए अवैध अतिक्रमण को प्रशासन की टीम ने कब्जा मुक्त कराया जा रहा है. ताकि बाहर से आने वाले लोगों को कोई समस्या ना हो.

स्थानीय लोगों को हुआ नुकसान : लेकिन इससे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान होगा. इसी कारण व्यापारी आक्रोश में है और इसका विरोध कर रहे हैं.महिला व्यापारी सपना लहरें ने बताया कि '' भोरमदेव मंदिर के पास वर्षों से फूल नारियल की दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. मंदिर में कोरोना काल के बाद इस वर्ष अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है. लेकिन प्रशासन के लोगों ने अचानक आकर दुकान तोड़ दिया. इससे काफी नुकसान हुआ है. पूरे साल इस आस में बैठे रहते हैं कि साल में एक बार मेला के दौरान अच्छी दुकानदारी होगी. लेकिन दुकान तोड़फोड़ होने से पूरा नुकसान हो गया है.

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वहीं प्रकाश लहरे ने बताया कि '' भोरमदेव मेला को लेकर स्थानीय व्यापारियों ने काफी पैसा खर्च कर समान लाए है और अब प्रशासन बिना सूचना जानकारी दिए अचानक आकर दुकानों को तोड़फोड़ कर दिए हैं. इससे दुकान का नुकसान हुआ है. वहीं मेला में दुकान नहीं लगने से व्यापार में भी नुकसान होगा. हालांकि कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने व्यापारियों से मुलाकात की और पीड़ित दुकानदारों की व्यवस्थापन को लेकर आश्वासन दिया है.

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