कवर्धाः जिला जेल में कैदियों को दोहरी सजा झेलनी पड़ रही है. 110 बंदियों वाली जेल में वर्तमान में 247 बंदियों को रखा गया है. कभी-कभी कैदियों कि संख्या इससे भी ज्यादा हो जाती है. जिसके कारण जेल प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ता है. कम जगह में ज्यादा लोगों को रखे जाने से कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं किया जा रहा है. जिससे बंदियों में कोरना संक्रमण का खतरा बना है.
जिला जेल में 250 लोगों के लिए महज 6 शौचालय है. इसके उपयोग के लिए भी लाइन लगानी पड़ती है. सबसे बड़ी समस्या कोरोना गाइडलाइन को लेकर है. यहां सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना नामुमकिन है. जिसके कारण यहां कोरना संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. ऐसे हालात में अगर किसी भी कैदी को कोरोना होता है, तो दूसरे कैदी तक फैलने में जरा भी वक्त नहीं लगेगा. कैदियों को होम आइसोलेशन की भी सुविधा नहीं दी जा सकती है. अगर अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया तो इनकी निगरानी के लिए पुलिस को तैनात करना पड़ेगा. जबकि जिला जेल वैसे ही पुलिस बल की कमी से जूझ रहा है.
कैदियों के लिए 6 बैरक वाला बना था जेल
2012 में बने तत्कालीन स्थिति के हिसाब से 110 कैदियों के लिए 6 बैरक वाला जेल बनाया गया था. जेल में वर्तमान में 247 कैदी है. इन कैदियों के देख-रेख के लिए प्रहरी भी कम हैं. जेलर योगेश बंजारे ने बताया कि जिला जेल 247 बंदियों में से 239 बंदी विचाराधीन है. इनमें 2 मियादी बंदी और 6 सिविल बंदी है.
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