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खरीदी नहीं होने से परेशान किसान, लौटाए जा रहे धान

धान खरीदी नहीं होने से किसान परेशान हैं. लॉकडाउन की वजह से धान खरीदी के सॉफ्टवेयर को बंद कर दिया गया है. अब किसानों से धान घर लेकर जाने को कहा जा रहा है, ऐसे में किसानों के सामने अब घर चलाने की समस्या खड़ी हो गई है.

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Published : May 2, 2020, 5:43 PM IST

Updated : May 2, 2020, 6:08 PM IST

Paddy is being returned from the procurement center kawardha
बारिश में भीग रहे धान

कवर्धा: लॉकडाउन की वजह से किसान परेशान हैं. ये साल प्रदेश के किसानों के लिए अच्छा नहीं रहा. किसानों को इस साल दोहरी मार झेलनी पड़ी है. जिले में इस वर्ष धान की फसल अच्छी हुई है. जब किसानों के धान बेचने की बारी आई तो बेमौसम बारिश ने आधे से ज्यादा फसल बर्बाद कर दी. इसके बाद किसानों को बारदाने की समस्या से जूझना पड़ा. धान खरीदी में जो किसान धान नहीं बेच पाए वे अब लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. अब खरीदी केंद्रों में रखे धान को किसानों को वापस घर ले जाने को कहा जा रहा है.

धान को लेकर किसान परेशान

पढ़ें-कवर्धा: कुछ शर्तों के साथ कलेक्टर ने विवाह कार्यक्रम के आयोजन को दी मंजूरी

इस साल धान खरीदी देर से शुरू हुई थी. बारिश और बारदाने की कमी की वजह से जिले के 19 हजार किसान टोकन कटने के बाद भी अंतिम तिथि तक धान नहीं बेच पाए. धान नहीं बिकने की वजह से किसानों ने जिले में जमकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद सरकार ने उन किसानों का धान खरीदने की मंजूरी दी थी जिनका टोकन पहले ही कट गया है. जिले में जब धान खरीदी शुरू हुई तब कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन हो गया और खरीदी फिर रोक दी गई. 4-5 महीनों से सोसाइटियों में रखे धान बारिश और धूप में सूखकर वजन में कम हो गए. जिन टोकनधारियों के धान का वजन लॉकडाउन के पहले कर दिया गया था उन्हें भी अब धान लौटाए जा रहे हैं.

Paddy is being returned from the procurement center kawardha
धान लेकर जाते किसान

बंद कर दिया गया है धान खरीदी का सॉफ्टवेयर

सोसाइटी प्रभारियों का कहना है कि लॉकडाउन के साथ ही धान खरीदी का सॉफ्टवेयर बंद कर दिया गया है. जो बच गए है उन्हें सिस्टम में अपडेट नहीं किया जा सकता है. जिले में 3500 किसानों का 2 लाख क्विंटल धान नहीं बिक पाया है. इस स्थिति में किसानों के पास घर चलाने की समस्या आ खड़ी हुई है.

कवर्धा: लॉकडाउन की वजह से किसान परेशान हैं. ये साल प्रदेश के किसानों के लिए अच्छा नहीं रहा. किसानों को इस साल दोहरी मार झेलनी पड़ी है. जिले में इस वर्ष धान की फसल अच्छी हुई है. जब किसानों के धान बेचने की बारी आई तो बेमौसम बारिश ने आधे से ज्यादा फसल बर्बाद कर दी. इसके बाद किसानों को बारदाने की समस्या से जूझना पड़ा. धान खरीदी में जो किसान धान नहीं बेच पाए वे अब लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. अब खरीदी केंद्रों में रखे धान को किसानों को वापस घर ले जाने को कहा जा रहा है.

धान को लेकर किसान परेशान

पढ़ें-कवर्धा: कुछ शर्तों के साथ कलेक्टर ने विवाह कार्यक्रम के आयोजन को दी मंजूरी

इस साल धान खरीदी देर से शुरू हुई थी. बारिश और बारदाने की कमी की वजह से जिले के 19 हजार किसान टोकन कटने के बाद भी अंतिम तिथि तक धान नहीं बेच पाए. धान नहीं बिकने की वजह से किसानों ने जिले में जमकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद सरकार ने उन किसानों का धान खरीदने की मंजूरी दी थी जिनका टोकन पहले ही कट गया है. जिले में जब धान खरीदी शुरू हुई तब कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन हो गया और खरीदी फिर रोक दी गई. 4-5 महीनों से सोसाइटियों में रखे धान बारिश और धूप में सूखकर वजन में कम हो गए. जिन टोकनधारियों के धान का वजन लॉकडाउन के पहले कर दिया गया था उन्हें भी अब धान लौटाए जा रहे हैं.

Paddy is being returned from the procurement center kawardha
धान लेकर जाते किसान

बंद कर दिया गया है धान खरीदी का सॉफ्टवेयर

सोसाइटी प्रभारियों का कहना है कि लॉकडाउन के साथ ही धान खरीदी का सॉफ्टवेयर बंद कर दिया गया है. जो बच गए है उन्हें सिस्टम में अपडेट नहीं किया जा सकता है. जिले में 3500 किसानों का 2 लाख क्विंटल धान नहीं बिक पाया है. इस स्थिति में किसानों के पास घर चलाने की समस्या आ खड़ी हुई है.

Last Updated : May 2, 2020, 6:08 PM IST
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