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लोहारा नगरपंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष की गई कुर्सी

लोहारा नगरपंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है. दोनों के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने अविश्वास जताया था. जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाकर वोटिंग कराई गई. वोटिंग में अध्यक्ष उपाध्यक्ष के पक्ष में पांच मत पड़े. जिसकी वजह से दोनों की कुर्सी चली गई.Lohara Nagar Panchayat President Vice President

No confidence motion passed
लोहारा नगरपंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष की गई कुर्सी
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Published : Dec 5, 2022, 5:25 PM IST

कवर्धा : नगर पंचायत लोहारा में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है. 07 भाजपा और 03 कांग्रेस पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की मांग लेकर आए थे. हालांकि अध्यक्ष उपाध्यक्ष को हटाना इतना आसान नहीं रहा . छह महीने से भी ज्यादा समय संघर्ष के बाद,कानूनी लड़ाई और कई बाधाओं को पार करते हुए पार्षद अपने निर्णय पर अड़े रहे. विरोधी पार्षदों को तोड़ने खरीदने का प्रयास किया गया. लेकिन अंतिम समय तक कोशिश नाकाम रही. और परिणाम आने के बाद सब कुछ साफ हो गया.Lohara Nagar Panchayat President Vice President

किनकी गई कुर्सी : अध्यक्ष उषा श्रीवास और उपाध्यक्ष आभा श्रीवास्तव की कुर्सी चली गई है. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों के पक्ष में 10 वोट पड़े,वहीं अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के पक्ष में केवल 05 वोट ही पड़े. दोनों को अपनी कुर्सी बचाने के लिए 06 वोट की जरूरत थी. साथ ही विपक्ष का एक भी पार्षद टूट जाता तो बाजी पलट सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की जिद और मनमानी के कारण उनकी कुर्सी चली गई.No confidence motion passed

लोहारा नगरपंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष की गई कुर्सी

मंत्री का विधानसभा क्षेत्र है लोहारा : नगर पंचायत लोहारा मंत्री मोहम्मद अकबर का निर्वाचन क्षेत्र है. यहां उनका दबदबा है,इसी के कारण नगर के लोगों ने कांग्रेस को 15 साल बाद नगर पंचायत की सत्ता सौंपी थी. हांलाकि शुरुआत में अंक गणित सटीक नहीं बैठ रहा था. आखिर में एक निर्दलीय पार्षद ने पाला बदलकर कांग्रेस का साथ दिया था, जिसे उपाध्यक्ष बनाया गया. लेकिन दो साल भी तालमेल सही नहीं बैठने के कारण कांग्रेस को अध्यक्ष की कुर्सी गंवानी पड़ी है.


कवर्धा : नगर पंचायत लोहारा में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है. 07 भाजपा और 03 कांग्रेस पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की मांग लेकर आए थे. हालांकि अध्यक्ष उपाध्यक्ष को हटाना इतना आसान नहीं रहा . छह महीने से भी ज्यादा समय संघर्ष के बाद,कानूनी लड़ाई और कई बाधाओं को पार करते हुए पार्षद अपने निर्णय पर अड़े रहे. विरोधी पार्षदों को तोड़ने खरीदने का प्रयास किया गया. लेकिन अंतिम समय तक कोशिश नाकाम रही. और परिणाम आने के बाद सब कुछ साफ हो गया.Lohara Nagar Panchayat President Vice President

किनकी गई कुर्सी : अध्यक्ष उषा श्रीवास और उपाध्यक्ष आभा श्रीवास्तव की कुर्सी चली गई है. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों के पक्ष में 10 वोट पड़े,वहीं अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के पक्ष में केवल 05 वोट ही पड़े. दोनों को अपनी कुर्सी बचाने के लिए 06 वोट की जरूरत थी. साथ ही विपक्ष का एक भी पार्षद टूट जाता तो बाजी पलट सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की जिद और मनमानी के कारण उनकी कुर्सी चली गई.No confidence motion passed

लोहारा नगरपंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष की गई कुर्सी

मंत्री का विधानसभा क्षेत्र है लोहारा : नगर पंचायत लोहारा मंत्री मोहम्मद अकबर का निर्वाचन क्षेत्र है. यहां उनका दबदबा है,इसी के कारण नगर के लोगों ने कांग्रेस को 15 साल बाद नगर पंचायत की सत्ता सौंपी थी. हांलाकि शुरुआत में अंक गणित सटीक नहीं बैठ रहा था. आखिर में एक निर्दलीय पार्षद ने पाला बदलकर कांग्रेस का साथ दिया था, जिसे उपाध्यक्ष बनाया गया. लेकिन दो साल भी तालमेल सही नहीं बैठने के कारण कांग्रेस को अध्यक्ष की कुर्सी गंवानी पड़ी है.


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