कवर्धा: पूरे देश में कोरोना संक्रमण ने शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी. इतिहास में पहली बार पूरे देश में शिक्षा का ऐसा हाल हुआ है. साल 2020 के शिक्षण सत्र की बात करें तो लगभग पूरा साल खत्म होने को है और कई जगह बच्चों ने अबतक स्कूल का मुंह तक नहीं देखा. छत्तीसगढ़ में बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 'पढ़ई तुंहर दुआर' योजना की शुरूआत की. जिससे अलग-अलग प्रावधान के तहत बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. कवर्धा जिले से एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई है, जहां विशाल बरगद पेड़ की छांव में बैठकर बच्चे मोहल्ला क्लास का लुत्फ उठा रहे हैं.
बरगद की छांव में स्मार्ट क्लास !
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जब प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं ऐसे में शिक्षक छात्र-छात्राओं तक पहुंच कर शिक्षा देने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. ऑनलाइन क्लास, मोहल्ला क्लास, फोन के माध्यम से समस्याओं का समाधान देना, यूट्यूब के वीडियो जैसे ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को शिक्षा उपलब्ध करने जद्दोजहद कर रहे हैं. इन सबके बीच विकासखंड कवर्धा में आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला पथर्रा में विभिन्न नवाचारों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. यहां शिक्षकों और ग्रामीणों की मदद से बरगद के पेड़ के नीचे बैठाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है.
बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी इसे लेकर उत्साहित हैं. खास बात ये भी है कि यहां शिक्षकों के साथ ही गांव के पढ़े-लिखे युवा भी बच्चों को पढ़ाने में मदद करते हैं. जिससे बच्चे, ग्रामीण और शिक्षक सभी खुश हैं.
नेट कनेक्टिविटी बनी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए रोड़ा
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शिक्षक भागवत साहू ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद चीजें थोड़ी सामान्य हुई है. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई थी. इस दौरान प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को WHATS APP ग्रुप बनाकर जोड़ा गया. उन्हें गुगल मीट के लिंक के जरिए बच्चों के जोड़ने का आग्रह किया गया. लेकिन ऑनलाइन क्लास में कई समस्याएं आ रही थी. कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन भी नहीं था. जिनके पास फोन था, तो उन जगहों पर नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं थी. ऐसे बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे थे.
शिक्षक भागवत ने बताया कि इन सभी परेशानियों को देखते हुए उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर मोहल्ला क्लास लेने का फैसला लिया. कोविड-19 संक्रमण की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बच्चों को बरगद के पेड़ के नीचे बैठाकर मनोरंजन के साथ क्लास लेना शुरू किया गया. अब शिक्षकों और बच्चो ने मिलकर बरगद की छांव में भी स्मार्ट क्लास बना लिया है. टीचर वहां स्मार्ट टीवी, ग्रीन बोर्ड की मदद से बच्चों को पढ़ाते हैं. शिक्षकों के इस पहल की चर्चा पूरे कवर्धा में हो रही है.