कवर्धा: कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने जिले के रहने वाले झामसिंह ध्रुर्वे की मौत के मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को पत्र लिखा है. मंत्री अकबर ने पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
आदिवासी समुदाय का झामसिंह ध्रुर्वे, जो कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक के बालसमुंद का रहने वाला है. 6 सितंबर को मध्यप्रदेश की सीमा पर नदी में अपने एक साथी के साथ मछली पकड़ने गया हुआ था. शाम को वापस लौटने के दौरान पुलिस ने उसे आवाज लगाई, लेकिन झामसिंह और नेमसिंह दोनों पुलिस के डर से भागने लगे. उसी दौरान मध्यप्रदेश पुलिस ने दोनों आदिवासियों पर फायरिंग शुरू कर दी है.
ये है घटनाक्रम
फायरिंग के दौरान गोली लगने से झामसिंह की मौके पर ही मौत हो गई और नेमसिंह भागने मे कामयाब हो गया. घर पहुंचकर उसने परिजनों को आपबीती बताई, जिसके बाद मामला तुल पकड़ने लगा और आदिवासी समाज ने छत्तीसगढ़ सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है. जिसपर मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को पत्र लिख कर बताया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र कवर्धा के ग्राम बालसमुंद निवासी नेमसिंह ध्रुर्वे ने 8 सितंबर को छत्तीसगढ़ के जिला कबीरधाम के थाना झलमला प्रभारी को अभ्यावेदन दिया है.
इस अभ्यावेदन के आधार पर प्रारंभिक तौर पर तथ्यों की पड़ताल में यह संज्ञान में आया है कि मध्यप्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा में 6 सितंबर को दो निर्दोष आदिवासियों झामसिंह ध्रुर्वे और नेमसिंह ध्रुर्वे पर बिना किसी से गोली चलाई थी. गोली चलाने से झामसिंह ध्रुर्वे की मौत हो गई और नेमसिंह ध्रुर्वे बाल-बाल बच गया.
पढ़ें- मध्यप्रदेश पुलिस की गोली से आदिवासी की मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को बताया कि उक्त घटना के कारण क्षेत्र के आदिवासी समाज में अत्यधिक आक्रोश है. उन्होंने इस घटना को उच्च स्तरीय जांच कराने और छत्तीसगढ़ सरकार को आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए आदेशित करने कहा है.