कवर्धा: किसानों को लाभ देने के लिए जिले में शक्कर कारखाना तो बना दिया गया, लेकिन प्रबंधन की लापरवाही से साल 2015 से अब तक कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो चुका है. जिसपर कंपनी प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है.
कवर्धा जिले में भारी मात्रा में गन्ने का उत्पादन होता है. जिसका लाभ किसानों के देने के लिए सरकार ने 2015 में 2 करोड़ की लागत से यहां एक हाईटेक शक्कर कारखाना खोला था. उस समय गन्ने के रस से निकलने वाले मोलेसिस को जमा करने के लिए एक ही टैंक बनाया गया था. जो बहुत जल्दी भर जाता है. जिसके कारण प्रबंधन बाकी मोलेसिस को पास में ही जमीन में कच्चा गड्ढा बनाकर जमा करता है. इससे ज्यादातर मोलेसिस को जमीन सोख लेता है या खुले में होने के कारण ये खराब हो जाता है. जिससे हर साल कंपनी को लाखों का चूना लग रहा है.
मोलेसिस गन्ने के रस का वो हिस्सा होता है, जिससे शक्कर नहीं बन सकता है. मोलेसिस को शराब बनाने के अलावा और भी कई कामों में उपयोग किया जाता है. फिलहाल मोलेसिस 1800 रुपये प्रति क्विंटल बेचा जाता है. जिससे उनुमान लगाया जाता है कि, कंपनी को हर साल लाखों का नुकसान हो रहा है. जिले के किसानों का कहना है कि, कंपनी ने जितने रुपये का मोलेसिस बर्बाद कर दिया है, उतने में अब तक तीन-चार टैंक आ जाते. जिसमें मोलेसिस को जमा कर कंपनी लाखों का मुनाफा कमा सकती थी.
किसानों का कहना है कि, कंपनी की इस लापरवाही के कारण नुकसान तो सरकार का हो रहा है. ऐसे में सरकार कई बार कंपनी से नुकसान होने की बात कह कंपनी को बंद करने या किसानों को उनके उत्पादन का ज्यादा मूल्य नहीं दे पाती है. ऐसे में सरकार को भी मामले में संज्ञान लेकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए और कंपनी के मुनाफे को किसानों के साथ शेयर करनी चाहिए. तभी देश में किसनों की स्थिति में सुधार आएगा.