कवर्धा: साल 2022 में कवर्धा में कई घटनाएं सुर्खिंयों में रहीं. आइए नजर डालते हैं बड़ी घटनाओं पर look back 2022
- कवर्धा की बेटी ने यूरोपीय महाद्वीप में लहराया तिरंगा: कवर्धा की बेटी अंकिता गुप्ता ने जिले समेत प्रदेश का नाम रौशन किया. आरक्षक अंकित गुप्ता ने 15 अगस्त 2022 को यूरोपीय महाद्वीप के माउंट एल्ब्रस (5.442 मीटर) के बर्फीले पहाड़ पर चढ़ाई की और देश का तिरंगा लहराया. अंकिता गुप्ता की इस मेहनत ने ना सिर्फ जिले बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री मोहम्मद अकबर ने उन्हें बधाई दी.
- खिलाड़ियों ने जीते कई मेडल: कवर्धा जिला पुलिस विभाग की ओर से संचालित फोर्स आकदमी में प्रधान आरक्षक वशीम कुरैशी की तरफ से नौजवानों को लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग की वजह से सात युवक सीआईएसएफ और बीएसएफ के लिए चयनित हुए हैं. उन्होंने ज्वाइनिंग भी कर ली है. नगर के करपात्री हाईस्कूल में संचालित निजी संस्था द्वारा कराटे की ट्रेनिंग दी जाती है. आकाश राजपूत ट्रेनर से ट्रेनिंग पाकर खिलाड़ियों ने नेशनल और स्टेट में अपना करतब दिखाया. कुल 60 गोल्ड मेडल, 33 सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल हासिल कर जिला और प्रदेश का नाम रौशन किया.
- हाथियों के आतंक से ग्रामीण रहे परेशान: जिले के सरहदी सीमा से लगे गांव के ग्रामीणों के लिए जंगली हाथियों की मौजूदगी मुसीबत बन गई है. जंगली हाथियों ने पंडरिया और बोड़ला ब्लॉक के विभिन्न गांव में दाखिल होकर दर्जनों मकान को क्षतिग्रस्त किया. लाखों रुपए की फसलों को बरबाद भी कर दिया. बार बार हाथी के हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है.
- अज्ञात बीमारी से आदिवासी बैगाओं की मौत: जिले के वनांचल इलाकों में अक्टूबर और नवम्बर महीने में अज्ञात बीमारी से बैगा आदिवासियों की मौत भी बड़ी घटना के रुप में दर्ज हुई. जिले के पंडरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांदावानी के ठेंगाटोला और कान्हाखैर की महिला समेत 7 बैगा आदिवासियों की अज्ञात बीमारी से मौत हुई. बोड़ला ब्लॉक के मुड़घुसरी पंचायत में 2 आदिवासियों की मौत ने जिले के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा दिया. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की कार्ययोजना पर भी सवाल उठा.
- जिले में अपराध और दुर्घटनाएं बेलगाम: पुलिस लॉ एंड ऑर्डर और वीआईपी duty करती रही और जिले में अपराध व दुर्घटना बेलगाम होती गई. जनवरी 2022 से 15 दिसंबर 2022 तक कुल 321 सड़क हादसे में 221 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 487 लोग घायल हुए. बहुत सारे लोगों की जान तो बची मगर किसी के हाथ कट गए, किसी के पैर, कुछ बिस्तर में पड़े जी रहे हैं. ज्यादातर सड़क हादसों का मुख्य कारण नशे व लापरवाही और बिना हेलमेट वाहन चलाना ही सामने आया है. हालांकि पुलिस ने सड़क हादसे रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया. 2824 चलानी कार्रवाई की गई. 9 लाख 9.900 रुपये वसूल किए गए लेकिन आज भी लोग लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने में मस्त हैं.
- हत्याकांड के मामले ने तोड़ा पिछला रिकॉर्ड: कवर्धा जिले में अब तक हत्याकांड के 19 मामले हुए. यह अब तक के सबसे अधिक मामले हैं. हलांकि पुलिस ने 14 हत्यारों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा है. वहीं 5 हत्या के मामले आज भी पेंडिंग हैं. पुलिस की टीम मामले को सुलझाने के लिए खाक छान रही है.
- कवर्धा जिले के 99 लोग अब भी लापता: कवर्धा जिले में गुमशुदगी के 463 मामले सामने आए हैं. ज्यादातर महिलाएं और नबालिग शामिल हैं. पुलिस ने 364 लोगों को बरामद कर लिया लेकिन अब भी 99 लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. इनमें से सबसे चर्चित मामला आरटीआई कार्यकर्ता (पत्रकार) विवेक चौबे का है. 24 दिसंबर को पत्रकार विवेक चौबे हत्याकांड Journalist Vivek Choubey Murder Case में 42 दिन बाद पुलिस ने खुलासा किया. हत्या के आरोपी बोक्करखार सरपंच समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. मृतक की बाइक और कंकाल बरामद हुआ है. बोक्करखार सरपंच Bokkarkhar Sarpanch समेत चार लोगों ने पैसे के लेन देन को लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया था.
- सकरी नदी में पुल निर्माण: कवर्धा जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाली सकरी नदी में 9 करोड़ की लागत से नए पुल का निर्माण किया गया. इसका भूमिपूजन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट मुलाकात के दौरान किया गया. यह मांग वर्षों पुरानी थी. यह रायपुर-जबलपुर मार्ग नेशनल हाईवे 30 होने के कारण बेहद व्यस्त रहता है. आवागमन बाधित हो जाता था. जिलेवासियों की बहुत पुरानी मांग पूरी होने से लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला.
- मेडिकल कॉलेज की सौगात: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में भेट मुलाकात के दौरान कवर्धा में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है. प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज के लिए जगह का चयन कर लिया है. फिलहाल मुख्यालय के सौ बिस्तर अस्पताल में कॉलेज संचालित किया जाएगा.
- कवर्धा दो पक्षों मे विवाद: लोहारा नाका चौक में 19 नवंबर को सब्जी व्यापारी से मारपीट मामले में बवाल हो गया. भाजपा और हिन्दू संगठन के लोगों ने एक दिन कवर्धा बंद करा दिया. जिससे शहर में बेहद तनावपूर्ण माहौल बना रहा. कई दिनों तक इसका असर देखने को मिला. इससे रोजमर्रा की जिंदगी तो प्रभावित हुई ही, व्यापारियों का भी बड़ा नुकसान हुआ. चूंकि अक्टूबर 2021 के विवाद में हुए दंगे से लोग वाकिफ थे. इसलिए बाहर से आने वाले लोग शहर मे आने-जाने से बचते नजर आए. हालांकि तुरंत कार्रवाई कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. लेकिन इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर भुनाने के प्रयास भी किए गए.
- दो नक्सलियों ने किया सरेंडर: लाल आतंक की राह छोड़कर 2 नक्सली मुख्य धारा में लौटे. कवर्धा जिले में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पूर्व नक्सलियों की मदद से जिला पुलिस ने नक्सलियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के प्रयास किए. पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली. इससे प्रभावित होकर एक महिला और एक पुरुष नक्सली ने एसपी लाल उमेंद सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण किया. पुरुष नक्सली पर 8 लाख का इनाम और महिला नक्सली पर 5 लाख का इनाम रखा गया था.
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