कवर्धा: कवर्धा जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र के 7 आदिवासी मजदूरों को पुलिस ने छुड़ाया है. ये सभी मजदूर बोर खनन वाली गाड़ी में काम करते करते तमिलनाडु पहुंच गए. इन मजदूरों का आरोप है कि बोर खनन वाली गाड़ी के मालिक इन्हें छोड़ नहीं रहे थे. ना ही परिवार से मिलने दिया जा रहा था. जिससे सभी मजदूर डरे और सहमे हुए थे.
ऐसे हुआ परिवार से संपर्क: इन बंधक मजदूरों का परिवार कोई खबर न मिलने से परेशान था. किसी तरह एक दिन बंधक मजदूर रामकुमार अपने घर फोन कर परिवारवालों को अपनी समस्या बताया. उसने पुलिस को सूचना देकर उन्हें छुड़ाने की बात भी परिवारवालों से कही. जिसके बाद मजदूरों के परिजन कुकदूर थाना पहुंचे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया: शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से देखते हुए मजदूरों के बताए गए ठिकानों का पता लगाया. स्थानीय पुलिस की मदद से ठेकेदार तक पहुंच पुलिस ने सभी मजदूरों को छोड़ने को कहा. पहले तो ठेकेदार ने आनाकानी की, लेकिन बाद में ठेकेदार ने सभी सात मजदूरों को छोड़ दिया.
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सभी मजदूर पहुंचे अपने घर: कुकदूर थाना के प्रभारी सावन सार्थी ने बताया, " पीड़ित मजदूरों के परिजनों ने 6 मार्च को थाना पहुंच कर शिकायत दर्ज कराया. ये सभी बंधक तमिलनाडु के बोर खनन वाली गाड़ी में काम करते थे. काम लंबे समय तक कवर्धा जिले के अलग-अलग जगहों में चल रहा था.अच्छी जान पहचान होने के कारण मालिक के कहने पर सातों मजदूर बोर खनन वाली गाड़ी में ही काम करते हुए तमिलनाडु पहुंच गए. लेकिन मालिक उन्हें वापस भेजने में आनाकानी कर रहा है. जिससे आदिवासी मजदूर डरने लगे. इसी दौरान साथ में ही काम करने वाले बिहार के एक मजदूर की हत्या हो गई. इससे सभी डर गए. किसी तरह एक मजदूर ने घर से संपर्क कर पुलिस को जानकारी देने की बात कही. जिसके बाद सभी के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज करायी. कुकदूर पुलिस ने तमिलनाडु की स्थानीय पुलिस की मदद से बोर खनन वाली गाड़ी के मालिक से संपर्क कर मजदूरों को छोड़ने का दबाव बनाया.फिलहाल सभी मजदूर अपने-अपने घर पर है."