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इन्हें नहीं पता क्यों होते हैं चुनाव, लेकिन फिर भी करेंगे मतदान - राजनांदगांव

मुल्क में चुनाव चल रहे हैं. एक ओर आवाम मुल्क का सरदार चुनने के लिए मतदान कर रही है, तो वहीं छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक जगह ऐसी भी है जहां रहने वाले आदिवासियों को यह तक पता नहीं है कि चुनाव आखिर क्या और क्यों होते हैं.

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Published : Apr 13, 2019, 11:02 PM IST

कवर्धा: एक ओर प्रशासन जागरूकता अभियान चला रहा है. अलग-अलग तरीकों से यह लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि मतदान करना लोकतंत्र के लिए कितना जरूरी है. वहीं दूसरी ओर बोडला के वनांचल ग्राम पंचायत लूप में रहने वाले ग्रामीणों को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर चुनाव कब हैं और मतदान क्यों किया जाता है और इसके जरिए किसका चुनाव होता है.

स्टोरी पैकेज


चुनाव के तारीख के बारे में नहीं है जानकारी
चुनाव की तारीख और उसके मकसद की जानकारी इन लोगों को भले न हो, लेकिन ये वोट डालने जरूर जाएंगे. बता दें कि राजनांदगांव लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.


नहीं पहुंचे किसी पार्टी के कार्यकर्ता
हैरत की बात तो यह है कि जहां एक ओर चुनाव आयोग और प्रशासन अलग-अलग तरीकों से लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है वहीं किसी ने इस गांव में पहुंचकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत तक नहीं समझी.

कवर्धा: एक ओर प्रशासन जागरूकता अभियान चला रहा है. अलग-अलग तरीकों से यह लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि मतदान करना लोकतंत्र के लिए कितना जरूरी है. वहीं दूसरी ओर बोडला के वनांचल ग्राम पंचायत लूप में रहने वाले ग्रामीणों को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर चुनाव कब हैं और मतदान क्यों किया जाता है और इसके जरिए किसका चुनाव होता है.

स्टोरी पैकेज


चुनाव के तारीख के बारे में नहीं है जानकारी
चुनाव की तारीख और उसके मकसद की जानकारी इन लोगों को भले न हो, लेकिन ये वोट डालने जरूर जाएंगे. बता दें कि राजनांदगांव लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.


नहीं पहुंचे किसी पार्टी के कार्यकर्ता
हैरत की बात तो यह है कि जहां एक ओर चुनाव आयोग और प्रशासन अलग-अलग तरीकों से लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है वहीं किसी ने इस गांव में पहुंचकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत तक नहीं समझी.

Intro:ग्राम लूप के मतदाताओं को नही मालुम लोकसभा चुनाव के कौन -कौन है प्रत्याशी। जीतने वाला जीत कर क्या बनेगा किस लिए हो रहा चुनाव ना है ।मतदान की तारीख की जानकारी।


Body:महबुब खान, कवर्धा


जिला प्रशासन मतदाताओं को मतदाता जगरुकता के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर तरह-तरह की कार्यक्रम आयोजन कर रही है। उसके बावजूद जिले के विकासाखण्ड बोडला के वनांचल ग्राम पंचायत लूप के ग्रामीणों को नही मालुम मतदान के तारीख ना जानते है प्रत्याशी को इससे अनुमान लगाया जा सता है कि मतदान के लिए कितने है लोग जागरूक।

एकंर-देश मे लोकसभा 2019 की चुनाव चल रहा है वही दुसरी चरण के मतदान 18 अप्रैल को होने जा रहा है इसी कडी मे राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र का भी मतदान 18 अप्रैल को किया जाना है। साथ ही चुनाव आयोग व जिला निर्वाचन अधिकारी मतदाताओं जागरूक करने मे लाखो खर्च कर तरह-तरह का कार्यक्रम आयोजित कर रहे है।जिसमे क्रिकेट , रक्तदान, साईकिल रैली रंगोली, व और भी अन्य प्रकार के आयोजन जिला प्रशासन करा रही है। उसके बावजूद भी जिले के विकासाखण्ड बोडला के वनांचल क्षेत्र ग्राम पंचायत लूप मे जहा बैगा आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र है ।यहा ना अब तक जिला प्रशासन का कोई अमला यहा नही पहुंचा है बताने मतदान कि तारिख ना कोई प्रत्याशी यहा प्रचार-सचार के लिए यहा के ग्रामीणों को मतदान के 04 दिन पहले तक नही है मालूम की किस पार्टी से कौन है प्रत्याशी आपको बता दे यहा के ग्रामीण मतदान करने अपने गाँव से 03 कि.मी दूर मतदान करने चिल्फी के बूथ क्रमांक 57 मे जाते है साथ ही यहा के मतदाता मतदान करने को लेकर काफी उत्साहित भी रहते है बीते विधानसभा चुनाव मे यहा का मतदान प्रतिशत 83.6 रहा था । अगर इस गाँव व बुथ मे मतदाताओं को जागरूकता अभियान के तहत प्रशासन का अमला पहुंचा तो तो इस बुथ मे शतप्रतिशत मतदान पढना निश्चित ही होगा। जब हम इस गाँव मे पहुंचे तो सुन कर छौक गऐ कि यहा के जादातर लोगो को चुनाव से 04 दिन पहले तक मतदान की तारीख नही मालुम ऐसा नही है कि इस गाँव का ही हाल है वनांचल क्षेत्रों के बहुत से गाँव और ग्रामीण है जिनको नही मालुम मतदान कि तारीख हम जब भोरमदेव के जंगल से गुजर रहे थे तो रास्ते मे हमे एक बुजुर्ग अपनी छोटे -छोटे बच्चो के साथ कडकती भूप मे महुआ बात नते नजर आया जब हमने पुछा कि आपके गाँव मे कोई नेता वोट मांगने आता तो उसका जवाब चौकाने वाला था बुजुर्ग नज कहा कि चुनाव होने वाला है मुझे नही मालुम था चुनाव होने वाला था कौन कौन खडा है चुनाव मे और कब होने वाला है चुनाव पुछने लगा और बैगा आदिवासी बुजुर्ग ने बताया कि सुन कर हर बार वोट डालने तो जाता हू मगर मेरा नाम नही आता मतदाता सुची मे तो वापस लोट जाता हू। आप इसे देख कर अंदाजा लगा सकते है। जिस गाँव मे चुनाव के दौरान प्रत्याशी वोट मांगने नही आते उस गाँव मे विकास कहा से आऐगा। इस गाँव के ग्रामीण आजादी के 07 दशक बाद भी मुलभुत सुविधाओं से आज भी जुझ रहे है ।


Conclusion:
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