पंडरिया : सावन के तीसरे सोमवार के दिन शिवमंदिर में भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए उमड़े. वहीं नदी किनारे मौजूद मंदिरों में भी शिवभक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालु और कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए नदी घाटों पर भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.पंडरिया ब्लॉक के ग्राम डोंगरिया के प्रसिद्व शिव मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हुई. डोंगरिया में जलेश्वर महादेव प्राकृतिक अवस्था में विराजमान हैं. भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
150 किमी दूर से पैदल आते हैं कावड़िएं : आपको बता दें कि कावड़ियों की टोली 150 किलोमीटर दूर अमरकंटक से नर्मदा नदी का जल लेकर पहुंचती है.इसके बाद डोंगरिया महादेव और बूढ़ा महादेव का जलाभिषेक करते हैं. भोरमदेव मंदिर में जल अभिषेक करते हैं.
जल के बीच में है शिवलिंग : डोंगरिया में सन 1930 के मध्य नदी में पत्थरों में शिवलिंग देखा गया. जहां 1960 से डोंगरिया जलेश्वर धाम में माघ पूर्णिमा माह में प्रति वर्ष हजारों की संख्या में मेला भी लगता हैं. वहीं प्रतिदिन लोगों को अपने अपने मन्नतों को लेकर बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने आते हैं. जहां बाबा सबकी विनती पूरी करते हैं. सावन माह में हजारों की संख्या में कांवड़िएं शिवलिंग का अभिषेक करते हैं.
'' सावन मास में रोज प्रतिदिन जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें.अपने मंदिर को गंगा जल से शुद्ध कर लें. एक थाली में शिवलिंग रखकर इन पर जल गंगा जल और दूध अर्पित करें. शिवलिंग पर सफेद चंदन जरुर लगाएं. शिवलिंग पर बेलपत्र धतूरा फल, मेवा और फूल चढ़ाएं.-'' पुजारी, जलेश्वर महादेव मंदिर
इस साल अधिक मास लग जाने की वजह से सावन का महीना 59 दिन का होगा. यानि इस बार सावन में 4 नहीं बल्कि 8 सोमवार पड़ेंगे. इस बार सावन के तीसरे सोमवार पर आप शिवलिंग पर जल जरुर अर्पित करें. ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होती है. जो कुंवारी कन्याएं सावन में सोमवार के दिन व्रत रखती है उन्हें मनचाहे जीवन साथ की प्राप्ति होती है. कोई व्यक्ति सावन में भोलेनाथ की आराधना कर सकता है. ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होकर आपकी हर इच्छा को पूरा करते हैं.