कवर्धा: सुतियापाट नहर निस्तारिकरण और पड़कीपारा जलाशय निर्माण की मांग ने अब आंदोलन का रुप धारण कर लिया है. इस बार आंदोलन में भाजपा महामंत्री व जिला पंचायत सभापति भावना बोहरा भी कूद पड़ी हैं. 26 गांव के सैकड़ों किसानों के साथ उन्होंने आंदोलन किया. सिल्हाटी गांव से लोहारा ब्लॉक मुख्यालय तक 7 किलोमीटर बैलगाड़ी से और पैदल चलकर लोहारा एसडीएम कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. इस बीच सभी आंदोलनकारियों ने सरकार के नाम प्रशासन ज्ञापन सौंप कर नहर निस्तारिकरण की मांग की है.
जानिए क्या है मांग: कबीरधाम के सहसपुर लोहारा क्षेत्र के सुतियापाट बांध में बने दहिने नहर लाइन की लंबाई 16 किलोमीटर और बढ़ाना है. इससे 23 गांव के 3250 हेक्टेयर खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इसे लेकर 16.50 करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ है, लेकिन दो साल बाद भी जल संसाधन विभाग ने काम शुरू नहीं किया है. इसे लेकर क्षेत्र के किसानों में खासा नाराजगी है.
"साल 2017 में सुतियापाट नहर निस्तारिकरण की घोषणा रमन सिंह ने की थी. 2018 में कांग्रेस सरकार आने के बाद नहर निस्तारिकरण का काम नहीं किया गया. कबीरधाम जिले के जलाशय का पानी लोकल किसानों को मिलने के बजाय पड़ोसी जिला के किसानों को दिया जा रहा है. जबकि यहां के किसान कृषि कार्य के लिए पानी को तरस रहे हैं." - भावना बोहरा, जिला पंचायत सभापति
किसानों का आरोप: आंदोलनकारी किसानों का आरोप है कि जिले के जलाशय का पानी कबीरधाम जिले के किसानों के लिए है. लेकिन शासन और प्रशासन जिले के किसानों को कृषि कार्य के लिए पानी ना देकर पड़ोसी जिला बेमेतरा को दे रहे हैं. इसके कारण जिले के किसान सिंचाईं की समस्या से जूझ रहे हैं. उग्र किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग 100 दिनों के भीतर पूरी नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.