कवर्धा: जिला अस्पताल के जूनियर डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्टाफ ने सिविल सर्जन पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए बुधवार को अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जद्दोजहद कर रही है, वहीं कवर्धा जिला अस्पताल के जूनियर डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्टाफ अपने ही हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉ. सुजाय मुखर्जी पर तानाशाही रवैए का आरोप लगाया है.
डॉक्टरों और स्टाफ का आरोप है कि, 'सिविल सर्जन सुजाय मुखर्जी डॉक्टरों से गालीगलौज और अपशब्द का प्रयोग करते हैं. साथ ही बात-बात पर ट्रांसफर कर देने कि धमकी देते हैं. वहीं अस्पताल में जब कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावधानी बरतनी है, तो सिविल सर्जन बायोमेट्रिक मशीन में थंब लगाने के लिए दबाव बनाते हैं. अस्पताल पहुंचने में 5 मिनट देर हो जाने से सैलरी काट देने की बात करते हैं.'
स्टाफ को नहीं मिला मास्क
अस्पताल की नर्स ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि, 'देश कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है और इस बीमारी से लड़ने में स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका है, लेकिन कवर्धा के जिला अस्पताल में किसी भी स्टाफ को मास्क नहीं दिया गया है, न ही सैनिटाइजर और न ही किसी तरह की सुरक्षा का कोई किट दिया गया है. जान जोखिम में डालकर काम करने वाले स्टाफ सिविल सर्जन के अड़ियल रवैये से भी परेशान थे, इसलिए सभी ने स्वास्थ्य सचिव और परिवार एवं कल्याण विभाग के नाम कलेक्ट्रेट पहुंच कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.'
वहीं जब मामले में सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया.