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वन विभाग ने कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षित क्षेत्र का लिया जायजा

कबीरधाम से लगे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षित क्षेत्र का वन विभाग ने जायजा लिया. टीम ने लगभग 20 किलोमीटर पैदल चलकर जंगल का जायजा लिया.

review of Kanha National Park and tiger reserve in kabirdham and mp border
जंगल का निरीक्षण
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Published : Oct 3, 2020, 3:53 PM IST

कवर्धा : वन्य प्राणी सप्ताह के तहत वन विभाग की टीम ने कबीरधाम से लगे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षित क्षेत्र का जायजा लिया गया. वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से सीमावर्ती वनांचल क्षेत्रों की सर्चिंग कर वास्तविक स्थिति का जायजा लिया. टीम ने मध्य प्रदेश राज्य के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षित क्षेत्र के क्षेत्रीय वन अमला ने मारू झोला, मठिया डोंगरी, नंदनीटोला, कुमान, सिलयारी, बंदूक कुंदा, पटवा ग्रामों और इन ग्रामों से सटे हुए वन क्षेत्रों में लगभग 20 किलोमीटर पैदल गश्त किया.

review of Kanha National Park and tiger reserve in kabirdham and mp border
जंगल का निरीक्षण

पिछले दिनों कई राज्यों में वन्य प्राणियों के शिकार की घटना सामने आई थी. करंट के तार बिछाकर शिकार के कई मामले भी सामने आए थे. इसे देखते हुए वन विभाग की टीम गश्त पर निकली थी. लगभग 20 किलोमीटर क्षेत्र का जायजा उन्होंने पैदल चलकर किया. बता दें शिकार के आलवा वन क्षेत्रों में अवैध कटाई, अतिक्रमण, अवैध उत्खनन और बहुमूल्य वनोपज तथा लघु वनोपज के परिवहन की घटनाएं भी घटित होती रहती है. वन क्षेत्रों से जुड़े ग्रामीण भी वन संरक्षण में मदद कर रहे हैं. वन प्रबंधन और वनों की सुरक्षा में इन ग्रामीणों के बिना संभव नहीं है. साथ ही इससे उन्हें रोजगार में भी मदद मिल सकती है.

पढ़ें : SPECIAL: सब्जियों के राजा 'आलू' की फसल खराब, आम लोगों के साथ अन्नदाता भी परेशान

कवर्धा के वनमंडलाधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश राज्य के वन कर्मियों की संयुक्त पैदल गश्त की यह पहल आगे भी जारी रहेगी. इससे सीमावर्ती क्षेत्रों के वन प्रबंधन और वन विकास में न सिर्फ वन विभाग के अमले की भूमिका होगी, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों की भी सक्रिय सहभागिता से वनों को सुरक्षित और संरक्षित रखने में शासन और प्रशासन को सहयोग मिलेगा.

कवर्धा : वन्य प्राणी सप्ताह के तहत वन विभाग की टीम ने कबीरधाम से लगे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षित क्षेत्र का जायजा लिया गया. वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से सीमावर्ती वनांचल क्षेत्रों की सर्चिंग कर वास्तविक स्थिति का जायजा लिया. टीम ने मध्य प्रदेश राज्य के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षित क्षेत्र के क्षेत्रीय वन अमला ने मारू झोला, मठिया डोंगरी, नंदनीटोला, कुमान, सिलयारी, बंदूक कुंदा, पटवा ग्रामों और इन ग्रामों से सटे हुए वन क्षेत्रों में लगभग 20 किलोमीटर पैदल गश्त किया.

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जंगल का निरीक्षण

पिछले दिनों कई राज्यों में वन्य प्राणियों के शिकार की घटना सामने आई थी. करंट के तार बिछाकर शिकार के कई मामले भी सामने आए थे. इसे देखते हुए वन विभाग की टीम गश्त पर निकली थी. लगभग 20 किलोमीटर क्षेत्र का जायजा उन्होंने पैदल चलकर किया. बता दें शिकार के आलवा वन क्षेत्रों में अवैध कटाई, अतिक्रमण, अवैध उत्खनन और बहुमूल्य वनोपज तथा लघु वनोपज के परिवहन की घटनाएं भी घटित होती रहती है. वन क्षेत्रों से जुड़े ग्रामीण भी वन संरक्षण में मदद कर रहे हैं. वन प्रबंधन और वनों की सुरक्षा में इन ग्रामीणों के बिना संभव नहीं है. साथ ही इससे उन्हें रोजगार में भी मदद मिल सकती है.

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कवर्धा के वनमंडलाधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश राज्य के वन कर्मियों की संयुक्त पैदल गश्त की यह पहल आगे भी जारी रहेगी. इससे सीमावर्ती क्षेत्रों के वन प्रबंधन और वन विकास में न सिर्फ वन विभाग के अमले की भूमिका होगी, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों की भी सक्रिय सहभागिता से वनों को सुरक्षित और संरक्षित रखने में शासन और प्रशासन को सहयोग मिलेगा.

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