कवर्धा: जिले में टिड्डियों ने अपना डेरा जमा लिया है. दरअसल टिड्डियों का एक दल मंगलवार की शाम को मध्यप्रदेश के बालाघाट से उड़कर छत्तीसगढ़ के चिल्फी के जंगल के रास्ते कवर्धा जिले में दाखिल हुआ था. बोड़ला ब्लॉक के खारा वन परिक्षेत्र के नचनिया गांव के जंगल में लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्र में करोड़ों की तादाद में टिड्डियों ने अपना डेरा जमा लिया था.
प्रशासन रहा कामीयाब
वन विभाग और कृषि विभाग की टीम ने बुधवार की सुबह 4 बजे इन टिड्डियों पर हमला किया. इस ऑपरेशन में 6 फायरब्रिगेड की मदद से लगभग 1 लाख लीटर से अधिक कीटनाशक दवा का छिड़काव किया गया है, जिससे लाखों टिड्डियों को मारने में प्रशासन कामयाब रहा, लेकिन शाम होते ही यहां टिड्डियां दो अलग-अलग दल में बंट गईं और एक दल ने घानीखुटा के जंगल में अपना डेरा बना लिया, तो वहीं दूसरा दल पंडरिया ब्लॉक के भलपहरी गांव होते हुऐ डालामहुआ के जंगल में जाकर डेरा डाल लिया है.
![forest and agriculture department try to control Locust through Insecticide](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kwd-01-tiddyon-ka-hamla-jari-vij-cg10015_18062020113127_1806f_1592460087_871.jpg)
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रात होने पर ऑपरेशन को किया गया था बंद
रात होने की वजह से प्रशासन को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ा. गुरुवार को प्रशासन की टीम ने मौकै पर पहुंच कर एक बार फिर ऑपरेशन टिड्डी की शुरुआत की, जो खबर लिखे जाने तक जारी है. बुधवार को हुए ऑपरेशन में कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर आर के राठौर, जिले के डीडीए मोरध्वज डरसेना, राजनांदगांव के डीडीए टीकम सिंह, बेमेतरा के डीडीए वन वन विभाग के डीएफओ दिलराज प्रभाकर, खारा रेंज के एसडीओ, रेंजर, वनरक्षक ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.
![forest and agriculture department try to control Locust through Insecticide](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kwd-01-tiddyon-ka-hamla-jari-vij-cg10015_18062020113127_1806f_1592460087_577.jpg)
टिड्डियों को जल्द खत्म करना होगा
दरअसल इन टिड्डियों को जल्द ही जिले से भगाया नहीं गया तो बड़ी मुसीबत हो सकती है. टिड्डियों का दल जहां भी अपना डेरा बनाता है, वहां की फसलों को मिनटों में चट कर जाता है. इनकी तादाद करोड़ों में है, ये जिस जगह में भी बैठते हैं, वहां की फसलों को पूरा बर्बाद कर देते हैं. साथ ही नमी वाले जगहों पर टिड्डियां अंडा भी देती हैं, जिसकी संख्या 20 से 30 होती है. फिलहाल अभी तक यहां टिड्डियां जिले में रात भर जंगल पर ही अपना डेरा जमाए हैं, जिससे जंगल के पेड़ों के पत्तों को ही नुकसान पहुंचा पाए हैं. अच्छी बात यह है कि, टिड्डियां फसलों तक नहीं पहुंच पाईं हैं, जिससे जिले में बड़ा नुकसान नहीं हुआ है.
ये टिड्डियां हवा कि दिशा की ओर उड़ती हैं, लेकिन हवा का रुख ऐसा ही रहा तो यह टिड्डी दल मुंगेली की ओर बढ़ सकता है.