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'गंगाजल में बह गईं कांग्रेस की कसमें, अभी भी नहीं हुई पूर्ण कर्जमाफी' !

छत्तीसगढ़ के किसानों को कर्ज से राहत दिलाने राज्य सरकार ने चुनाव के पहले किसानों की कर्जमाफी की बात कही थी, लेकिन अभी पूर्ण कर्जमाफी नहीं होने से किसान साहूकारों से कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर नजर आ रहे हैं.

अशोकनाथ को नहीं मिल रहा सोसायटी से खाद्य
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Published : Jul 21, 2019, 8:54 PM IST

कवर्धा: 'छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस के दिग्गजों ने चुनाव से ठीक पहले किसानों को विश्वास दिलाने के लिए दोनों हांथों में गंगा जल लेकर भरी सभा में वादे किए थे, लेकिन आज वो कसमें गंगा नदी में बहती दिख रही हैं'. प्रदेश के कुछ किसान आज भी हाथों में बैंक से थमाया गया नोटिस लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, जिससे सरकार की कर्जमाफी योजना कागजों पर ही झलक रही है.

किसानों की नहीं हुई पूर्ण कर्जमाफी

एक ओर जहां सरकार कर्जमाफी को लेकर चारों ओर अपनी तारीफ कर रही है, वहीं दूसरी ओर कर्ज माफ नहीं होने से अशोकनाथ खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. 6 महीने बीतने के बाद भी छत्तीसगढ़ की सहकारी समिति में पंजीकृत किसान की कर्जमाफी नहीं हो पाई है, जो प्रदेश सरकार के वादों पर सवाल खड़ा कर रहा है.

अशोकनाथ को नहीं मिल रहा सोसायटी से खाद्य
बता दें कि जिले के सोनपुरी के रहने वाले अशोकनाथ बैंक से लिए कर्ज को लेकर खासा परेशान हैं. किसान को राज्य सरकार के वादे के मुताबिक पूर्ण कर्जमाफी नहीं हो पाई. इससे किसान को खेती करने के लिए सोसायटी से उधार खाद्य नहीं मिल पा रहा है. सोसायटी सैल्समैन का कहना है कि बैंक में कर्ज होने के कारण उन्हें खाद्य दिया जाना संभव नहीं है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब सरकार ने सभी किसानों की कर्जमाफी कर दी है, तो फिर इस किसान का कर्ज माफ क्यों नहीं किया गया.

90 हजार के लोन में 28 हजार माफ
दरअसल, इस किसान ने बैंक से 90 हजार रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन गरीबी की मार से लोन को चुका नहीं पाया. इसी बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के कर्जमाफी की वादों की बात सुनकर किसान निश्चिंत हो गया था, लेकिन जब किसान ने बैंक में पता किया तो महज 28 हजार रुपये का कर्जमाफ हुआ. शेष बची हुई राशि किसान के गले की फांस बनी हुई है. इससे गरीब किसान को इस सीजन में खाद्य, बीज नहीं मिल पाएगा.

डिप्टी कलेक्टर से मिला आश्वासन
पूरे मामले में डिप्टी कलेक्टर ने बताया कि अभी हमें किसान का ज्ञापन मिला है, उसका कहना है कि उसे सोसायटी में खाद्य नहीं दिया जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि उसका केसीसी का कर्ज बकाया है, जबकि कर्जमाफी के बाद उसका बकाया कैसे है. इसका पता लगा रहे हैं और उस सोसायटी के प्रबंधक से बात करके जो भी समस्या आ रही है, उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

कवर्धा: 'छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस के दिग्गजों ने चुनाव से ठीक पहले किसानों को विश्वास दिलाने के लिए दोनों हांथों में गंगा जल लेकर भरी सभा में वादे किए थे, लेकिन आज वो कसमें गंगा नदी में बहती दिख रही हैं'. प्रदेश के कुछ किसान आज भी हाथों में बैंक से थमाया गया नोटिस लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, जिससे सरकार की कर्जमाफी योजना कागजों पर ही झलक रही है.

किसानों की नहीं हुई पूर्ण कर्जमाफी

एक ओर जहां सरकार कर्जमाफी को लेकर चारों ओर अपनी तारीफ कर रही है, वहीं दूसरी ओर कर्ज माफ नहीं होने से अशोकनाथ खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. 6 महीने बीतने के बाद भी छत्तीसगढ़ की सहकारी समिति में पंजीकृत किसान की कर्जमाफी नहीं हो पाई है, जो प्रदेश सरकार के वादों पर सवाल खड़ा कर रहा है.

अशोकनाथ को नहीं मिल रहा सोसायटी से खाद्य
बता दें कि जिले के सोनपुरी के रहने वाले अशोकनाथ बैंक से लिए कर्ज को लेकर खासा परेशान हैं. किसान को राज्य सरकार के वादे के मुताबिक पूर्ण कर्जमाफी नहीं हो पाई. इससे किसान को खेती करने के लिए सोसायटी से उधार खाद्य नहीं मिल पा रहा है. सोसायटी सैल्समैन का कहना है कि बैंक में कर्ज होने के कारण उन्हें खाद्य दिया जाना संभव नहीं है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब सरकार ने सभी किसानों की कर्जमाफी कर दी है, तो फिर इस किसान का कर्ज माफ क्यों नहीं किया गया.

90 हजार के लोन में 28 हजार माफ
दरअसल, इस किसान ने बैंक से 90 हजार रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन गरीबी की मार से लोन को चुका नहीं पाया. इसी बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के कर्जमाफी की वादों की बात सुनकर किसान निश्चिंत हो गया था, लेकिन जब किसान ने बैंक में पता किया तो महज 28 हजार रुपये का कर्जमाफ हुआ. शेष बची हुई राशि किसान के गले की फांस बनी हुई है. इससे गरीब किसान को इस सीजन में खाद्य, बीज नहीं मिल पाएगा.

डिप्टी कलेक्टर से मिला आश्वासन
पूरे मामले में डिप्टी कलेक्टर ने बताया कि अभी हमें किसान का ज्ञापन मिला है, उसका कहना है कि उसे सोसायटी में खाद्य नहीं दिया जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि उसका केसीसी का कर्ज बकाया है, जबकि कर्जमाफी के बाद उसका बकाया कैसे है. इसका पता लगा रहे हैं और उस सोसायटी के प्रबंधक से बात करके जो भी समस्या आ रही है, उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

Intro:प्रदेश के किसानो को कर्ज से राहत दिलाने राज्य सरकार ने चुनाव के पूर्व किसानों की कर्ज माफी की बात कही थी वही चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार सत्ता मे आई और अपने वादे के अनुसार उन्होंने किसानों के कर्ज माफी की घोषणा भी कर दी और किसानों के कर्ज माफी भी हुऐ । लेकिन कई ऐसे भी किसान है जिनको कर्ज माफी का पुन: लाभ अब तक नही मिल पाया ।और ऐसे किसान आज भी साहूकारों से कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर है



Body:एंकर-जी हाँ एक एसा ही मामला कवर्धा जिले के कवर्धा जनपत अंतर्गत ग्राम सोनपुरी मे रहने वाले अशोक नाथ किसान की है । किसान को खेती करने सुसाईटी से उधार खाद्य नही मे नही मिल पा रहा है , सोसायटी सैल्समैन का कहना है की बैंक मे कर्ज होने के कारण उन्हें खाद्य दिया जाना संभव नही है । सरकार ने यदि सभी किसानों का कर्ज माफी कर दिया है तो फिर इस किसान का कर्ज कि माफ नही हुआ । दरअसल इस किसान ने बैंक से 90 हजार रुपये का कर्ज लिया था । और कर्ज माफी की बात सुनकर किसान निष्चित है गया था मगर जब किसान ने बैंक मे पता करने पर उसे बताया गया की प्रथम किस्त मे उन्हें मात्र 28 हजार रुपये का कर्ज माफी हुआ है शेष राशि बची हुई है । कब माफ होगा ये वो नही बता सकते । मगर फिलहाल तो किसान के सर मे खेतीबाड़ी का सीजन आ गया है ऐसे मे इस गरीब किसान को खेती करने के लिए खाद्य बीज की अवश्यकता है और हर सीजन की तरहा इस सीजन भी किसान सोसायटी से उधर मे खाद्य मिलने कि आस लगाऐ बैठा था अब खाद्य नही मिलने के कारण यह किसान फिर साहूकार से कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर है जिससे उसे अपने फसल के राशि का 75% कर्ज चुकाने मे चला जाऐगा तो वह खुद व अपने परिवार का पुरे वर्ष पालन पोषण कैसे कर पाऐगा ।ऐसे मे सवाल उठता है कि आखिरकार सरकार का कर्ज माफी और किसानों को साहूकार के चंगुल से मुक्त करने का संकल्प का क्या होगा किसान आज भी परेशान है आज भी साहूकारों के चंगुल मे फस रहे है।


Conclusion:किसान अशोक थान आज अपनी परेशानी को लेकर जिला प्रशासन के समक्ष गुहार लगा रहा है कि उसे सोसायटी से खाद्य बीच दिलाई जाऐ सोसायटी प्रबंधक अन्य बैंक मे कर्जा बकाया होने के कारण खाद्य देने से मना कर रहा है। सरकार को चाहिए की सीमांत किसानों को पहले राहत दे ताकि गरीब किसानों को इससे राहत मिल सके।

इस मामले मे जब हमने सोसायटी के सैल्समैन से बात की तो उनका कहना है कि हमे हमारे प्रबंधक से आदेश मिला है कि हम उन किसानों को खाद्य बीज ना दे जिनका किसी भी बैंक मे केसीसी का पुराना कर्ज बकाया हो।

वही इस पुरे संबंध मे डिप्टी कलेक्टर ने बताया की अभी हमे किसान का ज्ञापन मिला है जिनका कहना है कि उसे सोसायटी मे खाद्य नही दिया जा रहा है की उसका केसीसी बकाया है जबकि कर्ज माफी के बाद उसका बकाया कैसे है इसका पता लगा रहे है और उस सोसायटी के प्रबंधक से बात करके जो भी समस्या आ रही है उसे दूर करने का प्रयास कर रहे है।

बाईट01 अशोक नाथ, किसान
बाईट02 रामकुमार श्रीवास्तव, सोसायटी सैल्समैन
बाईट03 व्हीएन चन्द्रवंशी, डिप्टी कलेक्टर कवर्धा
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