कवर्धा : जिले में खरीफ विपरण (Kharif Marketing) 2020-21 के तहत 94 धान खरीदी केंद्रों में 39 लाख क्विंटल धान की खरीद की गई थी. इसके लिए 15.60 लाख बारदाने (gunny bags) का उपयोग किया गया था. शुरुआत में ही केंद्रों में बारदाने का संकट उत्पन्न हो गया था. इस संकट से उबरने के लिए किसानों ने करीब 3.90 लाख बारदाना दिये थे, तब जाकर धान की खरीदी हो पाया था. लेकिन किसानों को नौ महीने के बाद भी सरकार की ओर से बारदाना की राशि अदा नहीं की जा सकी है. जबकि प्रशासन का कहना है कि राशि का भुगतान कर दिया गया है. जबकि किसानों का कहना है कि उन्हें अभी तक राशि नहीं मिली है.
बारदाने की कमी होने पर प्रशासन ने की थी खरीदी
बारदाना मामले को लेकर भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Association)ने संबंधित विभागीय अधिकारी पर राशि वितरण में गडबड़ी करने का आरोप लगाया है. बता दें कि प्रशासन के पास बारदाने की कमी हुई थी तो शासन और प्रशासन ने जिला सहकारी बैंक के मध्य से पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के लिए बारदाना देने का प्रस्ताव रखा था. इसके बदले प्रशासन ने किसानों को प्रति बारदाना 15 रुपये के भुगतान का वादा किया था. जिसे लेकर कवर्धा जिले के 94 धान खरीदी केंद्रों में किसानों से 3.90 लाख बारदाना प्रशासन ने लिया था. जिसकी कीमत 58.50 लाख रुपये का भुगतान किसानों को किया जाना था. लेकिन नौ महीने बाद भी किसानों किसानों को बारदाने की राशि का भुगतान नहीं हुआ है.
कलेक्टर कह रहे बैंक भेज दी राशि
अब इस मामले को लेकर जिले के कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा का कहना है कि प्रशासन द्वारा किसानों से लिए बारदाना की राशि का भुगतान संबंधित जिला सहकारी बैंक में भेज दिया गया है. संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर किसानों के खाते में राशि डालने के आदेश दे दिये गए थे. जो किसानों के खाते में भेज दी जा चुकी है. इधर, इस बारदाना राशि भुगतान मामले को लेकर किसानों का कहना है कि उन्हें अब तक बारदाने की राशि का भुगतान नहीं हुई है.
किसान संघ कर रहा कार्रवाई की मांग
इस मामले को लेकर अब भारतीय किसान संघ ने आरोप लगाया है कि शासन की ओर से जब किसानों की राशि का भुगतान किया जा चुका है, तो राशि आखिर गई कहां. संबंधित अधिकारी किसानों के खाते में राशि क्यों नहीं भेज रहे हैं. किसान संघ राशि गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच कर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.