कवर्धा: नगर पंचायत लोहारा में कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्विरोध चुन लिए गए. लोहारा नगर पंचायत चुनाव में भाजपा पार्षदों ने नामांकन फार्म नहीं भरा. जिस वजह से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्विरोध चुने गए. वहीं इधर भाजपा जिला अध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नगर पंचायत के सामने धरना दिया. भाजपा पार्षदों ने दबाव का आरोप लगाया.
भाजपा ने लगाया आरोप: भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा की "भाजपा के पार्षदों से दो दिन पहले बात हुई थी. लेकिन चुनाव के एक दिन पहले सभी भाजपा पार्षदों को कांग्रेस द्वारा अगवा कर लिया गया. उनका मोबाइल भी बंद कर दिया गया. ताकि हमसे संपर्क ना कर सके और शासन के पक्ष में प्रशासन ने भाजपा पार्षदों को दबाव बनाकर नामांकन नहीं भरने दिया. इस तरह कांग्रेस के प्रत्याशी को निर्विरोध अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुना गया. ये लोकतंत्र की हत्या है."
चुनाव के आरोप को बेबुनियाद बताया: वहीं भाजपा पार्षद सरोजिनी बंजारे ने अपने पार्टी अध्यक्ष के द्वारा अगवा और दबाव बनाकर कराए चुनाव के आरोप को बेबुनियाद बताया है. भाजपा पार्षद सरोजिनी बंजारे ने कहा कि "हम अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने गए थे. आज जो चुनाव प्रक्रिया हुआ वह पूरी ईमानदारी और सभी पार्षदों की सहमति से संपन्न हुए है हम सभी इस चुनाव से संतुष्ट है."
कांग्रेस का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर कब्जा बरकरार: आपको बता दें कि जिले के लोहारा नगर पंचायत में 07 कांग्रेस और 07 भाजपा पार्षद और 01 निर्दलीय पार्षद हैं. कांग्रेस अध्यक्ष उषा श्रीवास उपाध्यक्ष, आभा श्रीवास्तव को कांग्रेस और भाजपा के 10 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लगाकर दोंनो की कुर्सी गिरा दी. जिसके बाद मंगलवार को उपचुनाव की प्रकिया पूरी की गई और दोबारा फिर से नगर पंचायत लोहारा में कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कब्जा बरकरार रहा.
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अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्विरोध चुनाव: एसडीएम कवर्धा पीसी कोरी ने बताया कि "नगर पंचायत लोहारा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सभी पार्षदों की मौजूदगी में होना था. जिस प्रकृिया के लिए मंगलवार को 15 पार्षदों को उपस्थित रहने के लिए सूचना जारी की गई थी. सूचना पर सभी 15 पार्षद उपस्थित हुए थे. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए एक एक आवेदन ही आया था. इसके अलावा कोई आवेदन नहीं दिया गया है. जिन्हें पार्षदों ने निर्विरोध चुन लिया गया है."