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Kawardha Bal Vivah: कवर्धा में नाबालिग चढ़ने जा रहा था बाल विवाह की भेंट, प्रशासन ने रोका - Child Protection Commission

कवर्धा में बाल संरक्षण आयोग की टीम ने नाबालिग लड़के की शादी रुकवाई. टीम को जब सूचना मिली कि कुकदुर थाना क्षेत्र में नाबालिग की शादी की तैयारी चल रही है. शादी की रस्में पूरी की जा रही थी. इसी बीच टीम पहुंची और शादी रुकवाई.Kawardha Child marriage

Kawardha Bal Vivah
कवर्धा बाल विवाह
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Published : Apr 15, 2023, 11:33 AM IST

कवर्धा: शुक्रवार को छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग के टोल फ्री नंबर पर कवर्धा में बाल विवाह होने की सूचना मिली. फोन कॉल में बताया गया कि जिले के कुकदुर थाना क्षेत्र के गांव में एक नाबालिग बालक का बाल विवाह कराया जा रहा है. सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने जिला स्तरीय बाल विवाह रोकथाम के लिए गठित संयुक्त टीम को तत्काल बाल विवाह रोकने के लिए विवाह स्थल रवाना किया. टीम ने कार्रवाई करते हुए बाल विवाह को रोका और कानून के बारे में नाबालिग के परिजनों को जानकारी दी.

टीम ने किया उम्र का परीक्षण: महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई पुलिस विभाग और पंचायत स्तरीय बाल सरक्षण की संयुक्त टीम ने नाबालिग के घर पहुंच कर बालक के उम्र और शैक्षणिक दस्तावेजों का परीक्षण किया. टीम ने जांच में पाया कि बालक वर्तमान में 21 साल के कम उम्र का है, जो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के हिसाब से अपराध है.

यह भी पढ़ें: कवर्धा वन्यजीवों पर संकट: चौरा गांव में भालू का खौफ, रुसे गांव में हिरण की मौत

टीम ने की कार्रवाई: बाल विवाह रोकथाम टीम ने नाबालिग के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी दी. जिसके हिसाब से ऐसे शादी में शामिल होने वाले को 2 साल के करावास और एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. टीम ने विवाह की उम्र के बारे में परिजनों को समझाया. जिसके बाद नाबालिग के पिता ने शादी स्थगित करने की सहमति दे दी. बाल विवाह रोकथाम दल ने बालक और उसके पिता से घोषणा पत्र लिया और पंचनामा तैयार कर बाल विवाह रोकथाम की कार्रवाई की.

कवर्धा: शुक्रवार को छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग के टोल फ्री नंबर पर कवर्धा में बाल विवाह होने की सूचना मिली. फोन कॉल में बताया गया कि जिले के कुकदुर थाना क्षेत्र के गांव में एक नाबालिग बालक का बाल विवाह कराया जा रहा है. सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने जिला स्तरीय बाल विवाह रोकथाम के लिए गठित संयुक्त टीम को तत्काल बाल विवाह रोकने के लिए विवाह स्थल रवाना किया. टीम ने कार्रवाई करते हुए बाल विवाह को रोका और कानून के बारे में नाबालिग के परिजनों को जानकारी दी.

टीम ने किया उम्र का परीक्षण: महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई पुलिस विभाग और पंचायत स्तरीय बाल सरक्षण की संयुक्त टीम ने नाबालिग के घर पहुंच कर बालक के उम्र और शैक्षणिक दस्तावेजों का परीक्षण किया. टीम ने जांच में पाया कि बालक वर्तमान में 21 साल के कम उम्र का है, जो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के हिसाब से अपराध है.

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टीम ने की कार्रवाई: बाल विवाह रोकथाम टीम ने नाबालिग के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी दी. जिसके हिसाब से ऐसे शादी में शामिल होने वाले को 2 साल के करावास और एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. टीम ने विवाह की उम्र के बारे में परिजनों को समझाया. जिसके बाद नाबालिग के पिता ने शादी स्थगित करने की सहमति दे दी. बाल विवाह रोकथाम दल ने बालक और उसके पिता से घोषणा पत्र लिया और पंचनामा तैयार कर बाल विवाह रोकथाम की कार्रवाई की.

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