कवर्धा: बारिश के मौसम में अवैध कब्जा खाली करवाने के नाम पर परिवार को घर से बाहर निकालने की घटना सामने आई है. घटना शुक्रवार की है. जिसके बाद से परिवार टेंट ने नीचे जीवन गुजारने को मजबूर है. जिले के बोड़ला विकासखंड के सरेखा गांव में एक परिवार को तहसीलदार ने घर से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया. तहसीलदार का कहना है कि परिवार अवैध कब्जे में घर बनाकर रह रहा था. लेकिन परिवार का कहना है कि उन्होंने ये जमीन किसी और से खरीदा है.
ऐसा है पूरा मामला
बारिश के दिनों मे जब जीव-जन्तु भी अपने लिए सिर छुपाने की जगह तलाश करते हैं. ऐसे वक्त में प्रशासन मानवता को शर्मसार करने वाला काम कर रहा है. सरेखा गांव मे रहने वाले रामजी साहू और उसके परिवार को बोड़ला ब्लॉक के तहसीलदार ने शुक्रवार को अवैध भूमि पर कब्जा करने के नाम पर कार्रवाई करते हुए घर से बेदखल कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो परिवार तहसीलदार के सामने हाथ-पैर जोड़कर मिन्नतें कर रहा था. लेकिन तहसीलदार ने परिवार की एक न सुनी. घर से समानों को बहार फेंक कर मकान मे ताल जड़ दिया.
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102 साल की मां
कार्रवाई के बाद परिवार के सर से छत छिन गई. पीड़ित अपनी 102 साल कि मां जो हिल भी नहीं सकती, पत्नी और बेटा, बहू, और तीन छोटे- छोटे नाती पोतों को लेकर खुद के मकान के सामने तारपतरी डालकर बारिश में रात गुजारने को मजबूर हैं. पीड़ित रामजी ने बताया की उन्होंने कब्जा भूमि को किसी अन्य व्यक्ति से खरीदा है. उनके पास सरकारी रजिस्ट्री के कागजात और नक्शा-खसरा भी है. लेकिन अधिकारी कागज देखना ही नहीं चाहते हैं.
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पंचायत सरपंच पति राजेश साहू का कहना है कि कुछ ग्रामीणों ने अवैध अतिक्रमण की शिकायत तहसीलदार से की थी. कब्जाधारी रामजी को दो बार नोटिस दिया गया था की जमीन गौठान भूमि है. मगर पीड़ित ने कब्जा नहीं हटाया. लिहाजा शुक्रवार को प्रशासन के टीम ने आकर पीड़ित के परिवार को घर से बहार निकालकर ताला लगाकर चाबी पंचायत को सौंप दी है. मामले में कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने बोड़ला SDM को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं.