कवर्धा: छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर भाजपा नेता सियाराम साहू ने भूपेश सरकार पर आरोप लगते हुऐ इसे दादागिरी कर अवैध नियुक्ति करने की बात कही है. सियाराम ने कहा कि 'अभी मेरा एक साल का कार्यकाल बचा है. तो ऐसे में सरकार अध्यक्ष की नियुक्ति कैसे कर सकती है.' इस मामले में सियाराम ने कोर्ट जाने की बात कही है.
छत्तीसगढ़ में निगम मंडल की नियुक्ति को लेकर राजनीति गरमा गई है. भाजपा शासनकाल में पिछड़ा वर्ग आयोग में नियुक्त किए गए अध्यक्ष सियाराम साहू ने भूपेश सरकार की इस नियुक्ति को अवैध कहा है.
तीन साल का होता है कार्यकाल
प्रदेश सरकार ने निगम और मंडलों की नियुक्ति में छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की भी नियुक्ति की है. जिसमें पिछड़ा वर्ग आयोग के नए अध्यक्ष थनेश्वर साहू को नियुक्त किया है. जो बिलासपुर के रहने वाले हैं. इसे लेकर पूर्व के भाजपा शासनकाल में अध्यक्ष बनाए गए सियाराम साहू का कहना है कि 'एक अध्यक्ष के रहते दूसरे अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. जबकि यह पद एक ही है और इस पद का कार्यकाल तीन साल का होता है.'
सत्ता पक्ष की दादागीरी: सियाराम
सियाराम ने बताया कि भाजपा शासन काल में उनकी नियुक्ति 28 जुलाई 2018 को हुई थी. लिहाजा अभी उनका एक साल का कार्यकाल बचा हुआ है. सियाराम ने इस नियुक्ति को पूरी तरह अवैध और असंवैधानिक बताया है. सियाराम ने कहा कि 'ये सत्ता पक्ष की दादागीरी है जो अवैध नियुक्ति कर दी गई है.' उनका कहना है कि 'कोई भी मुझे इस पद से हटा नहीं सकता है.'
सियाराम साहू ने कोर्ट जाने की बात कही
भाजपा नेता ने कहा कि 'मैने अपने वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से बात की है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमें न्यायालय जाना चाहिए. मैं सरकार के खिलाफ कोर्ट जाऊंगा मुझे उम्मीद है, मुझे कोर्ट से न्याय मिलेगा.'