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कवर्धा में बाइक एम्बुलेंस सेवा बंद होने से वनांचल क्षेत्रों में बढ़ी परेशानी

कवर्धा के वनांचल क्षेत्रों में बाइक एम्बुलेंस सुविधा बंद होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर गर्भवती महिलाओं को दिक्कतें हो रही है. इस बीच ग्रामीणों की मांग के बाद कलेक्टर ने एम्बुलेंस सेवा जल्द शुरू करने की बात कही है.

bike ambulance service
बाइक एम्बुलेंस सेवा
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Published : Apr 17, 2023, 1:29 PM IST

Updated : Apr 17, 2023, 1:41 PM IST

कवर्धा में बाइक एम्बुलेंस सेवा बंद

कवर्धा: कवर्धा में संचालित बाइक एम्बुलेंस सुविधा को प्रशासन ने 1 अप्रैल 2023 से बंद कर दिया है. जिससे दूरस्थ अंचल और दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले बैगा आदिवासी गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए प्रशासन बजट की व्यवस्था कर बाइक एम्बुलेंस शुरू करने की बात कह रहा है.

खाट पर लिटाकर बीमार लोगों को पहुंचाते थे अस्पताल: कवर्धा पहाड़ और जंगलों से घिरा हुआ है. यहां आदिवासियों की संख्या ज्यादा है. यहां अधिकतर बैगा आदिवासी परिवार रहते हैं. आजादी के बाद भी यहां के ग्रामीण इलाकों में सड़क का निर्माण नहीं हुआ है, ना ही सरकार की मूलभूत सुविधा यहां तक पहुंची है. लोगों को बीमार होने या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल भी खाट पर लिटाकर ले जाया जाता था. कई बार तो लोगों की रास्तें में मौत भी हो जाती थी. बेहतर इलाज न मिल पाने के कारण गर्भवती महिलाओं की जान भी जा चुकी हैं.

कवर्धा के लिए वरदान बाइक एम्बुलेंस: इन सब परेशानियों के बीच साल 2015 में बाइक एंबुलेंस की शुरुआत हुई. बाइक एम्बुलेंस जिले के दूरस्थ अंचलों में वरदान बन कर आया. खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए ये वरदान साबित हुआ है. वनांचल के लोगों की पुरानी तरकीब खाट के सहारे अस्पताल तक पहुंचने की समस्या दूर हो गई.

यह भी पढ़ें: Kawardha Bal Vivah: कवर्धा में नाबालिग चढ़ने जा रहा था बाल विवाह की भेंट, प्रशासन ने रोका

इन क्षेत्रों में बाइक एम्बुलेंस संचालित: जिले के पांच बड़े केंद्र दलदली, बोक्करखार, झलमला, कुकदूर और छिरपानी गांव के स्वास्थ्य केंद्र में बाइक एम्बुलेंस को संचालित किया जा रहा है. क्षेत्र के ऐसे वनांचल क्षेत्र जहां एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाता, वहां यह बाइक एम्बुलेंस आसानी से पहुंचकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाता था. जिससे महिला को समय-समय पर इलाज मिलने से सफल डिलीवरी हो जाती थी. जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहते थे. लेकिन अब इस योजना को बजट का हवाला देकर बंद कर दिया गया है. जिससे वनांचल के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बाइक एम्बुलेंस सेवा जल्द शुरू करने की मांग: वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण बाइक एम्बुलेंस को देवदूत की तरह मानते हैं. जो पकड़ी मार्ग और बीहड़ जंगल और पहाड़ के रास्ते उनके गांव तक आसानी से पहुंचता है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मांग है कि जल्द ही एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाए.

कलेक्टर ने दिया आश्वासन: मामले में जिला कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बजट व्यवस्था को सुचारू कर जल्द ही एम्बुलेंस शुरू करने का आश्वासन दिया है.

कवर्धा में बाइक एम्बुलेंस सेवा बंद

कवर्धा: कवर्धा में संचालित बाइक एम्बुलेंस सुविधा को प्रशासन ने 1 अप्रैल 2023 से बंद कर दिया है. जिससे दूरस्थ अंचल और दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले बैगा आदिवासी गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए प्रशासन बजट की व्यवस्था कर बाइक एम्बुलेंस शुरू करने की बात कह रहा है.

खाट पर लिटाकर बीमार लोगों को पहुंचाते थे अस्पताल: कवर्धा पहाड़ और जंगलों से घिरा हुआ है. यहां आदिवासियों की संख्या ज्यादा है. यहां अधिकतर बैगा आदिवासी परिवार रहते हैं. आजादी के बाद भी यहां के ग्रामीण इलाकों में सड़क का निर्माण नहीं हुआ है, ना ही सरकार की मूलभूत सुविधा यहां तक पहुंची है. लोगों को बीमार होने या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल भी खाट पर लिटाकर ले जाया जाता था. कई बार तो लोगों की रास्तें में मौत भी हो जाती थी. बेहतर इलाज न मिल पाने के कारण गर्भवती महिलाओं की जान भी जा चुकी हैं.

कवर्धा के लिए वरदान बाइक एम्बुलेंस: इन सब परेशानियों के बीच साल 2015 में बाइक एंबुलेंस की शुरुआत हुई. बाइक एम्बुलेंस जिले के दूरस्थ अंचलों में वरदान बन कर आया. खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए ये वरदान साबित हुआ है. वनांचल के लोगों की पुरानी तरकीब खाट के सहारे अस्पताल तक पहुंचने की समस्या दूर हो गई.

यह भी पढ़ें: Kawardha Bal Vivah: कवर्धा में नाबालिग चढ़ने जा रहा था बाल विवाह की भेंट, प्रशासन ने रोका

इन क्षेत्रों में बाइक एम्बुलेंस संचालित: जिले के पांच बड़े केंद्र दलदली, बोक्करखार, झलमला, कुकदूर और छिरपानी गांव के स्वास्थ्य केंद्र में बाइक एम्बुलेंस को संचालित किया जा रहा है. क्षेत्र के ऐसे वनांचल क्षेत्र जहां एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाता, वहां यह बाइक एम्बुलेंस आसानी से पहुंचकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाता था. जिससे महिला को समय-समय पर इलाज मिलने से सफल डिलीवरी हो जाती थी. जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहते थे. लेकिन अब इस योजना को बजट का हवाला देकर बंद कर दिया गया है. जिससे वनांचल के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बाइक एम्बुलेंस सेवा जल्द शुरू करने की मांग: वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण बाइक एम्बुलेंस को देवदूत की तरह मानते हैं. जो पकड़ी मार्ग और बीहड़ जंगल और पहाड़ के रास्ते उनके गांव तक आसानी से पहुंचता है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मांग है कि जल्द ही एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाए.

कलेक्टर ने दिया आश्वासन: मामले में जिला कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बजट व्यवस्था को सुचारू कर जल्द ही एम्बुलेंस शुरू करने का आश्वासन दिया है.

Last Updated : Apr 17, 2023, 1:41 PM IST
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