ETV Bharat / state

भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में गड़बड़ी, 4 पदाधिकारियों को हटाने के आदेश - loss to sugarcane farmers

भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में गड़बड़ी के आरोप में चार पदाधिकारियों को पद से हटाने के आदेश जारी हुए हैं.

Bhoramdev Sugar Factory
भोरमदेव शक्कर कारखाना
author img

By

Published : Jan 13, 2020, 7:05 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 7:46 PM IST

कवर्धा : भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है. मामले में संचालक मंडल के अध्यक्ष भेलीराम चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष गणेश प्रसाद तिवारी, सदस्य शिव प्रसाद वर्मा और साकेत चंद्रवंशी को पद से हटाने आदेश जारी हुए हैं.

भोरमदेव शक्कर कारखाने को गड़बड़ी से 7.03 करोड़ का घाटा

क्या हैं आरोप ?
चारों पर आरोप है कि पेराई सत्र 2017-18 के दौरान इन्होंने अवैध तरीके से 2 हजार से अधिक पर्चियां निकलवाईं और अपने सगे-संबंधियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों से कम दर में गन्ना खरीदकर कारखाने को बेचा. गन्ना पर्चियों में गड़बड़ी से कारखाने को 7 करोड़ 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.

क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, मामला 2017-18 का है जब भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष दानेश्वर सिंह परिहार ने मामले की शिकायत की थी. अपर कलेक्टर ने इसकी जांच की. इसके बाद दुर्ग में सहकारी संस्थाओं के उप-पंजीयक ने रिपोर्ट की जांच कर कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जांच में दोष साबित होने पर सहकारी संस्थाओं के पंजीयक धनंजय देवांगन ने 21 जनवरी तक चारों को पद से हटाने आदेश जारी किया है. साथ ही अगले 3 साल तक समितियों के किसी भी पद के लिए अयोग्य करार दिया है.

क्या पाया गया जांच में
जांच रिपोर्ट के मुताबिक अध्यक्ष भेलीराम चंद्रवंशी ने नागपुर की कंपनी वर्चुअल गैलेक्सी इंफोटेक लिमिटेड से पर्ची जारी करने से जुड़ा सुपर एडमिन यूजर पासवर्ड लिया था. तकनीकी रूप से ये पासवर्ड कारखाने के सहायक प्रोग्रामर और उप मुख्य गन्ना विकास अधिकारी के पास रहता है, लेकिन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और दो सदस्यों ने कंप्यूटर ऑपरेटर पर दबाव डालकर पर्ची की तारीख अपडेट कराई. नतीजा ये हुआ कि पेराई क्षमता से ज्यादा गन्ना कारखाने में आ गया. उसकी पेराई 6- 7 दिनों बाद हुई. इससे किसानों को गन्ना बेचने के लिए परेशान होना पड़ा. जांच में ये पाया गया कि सदस्यों और पदाधिकारियों ने कंप्यूटर ऑपरेटर पर दबाव बनाकर गलत जानकारी अपडेट कराई, जिससे किसानों का भी नुकसान हुआ और उत्पादन पर असर पड़ा.

अब आगे क्या ?
कारखाने के महाप्रबंधक का कहना है कि, 'सहकारी संस्था से आदेश मिलने के बाद अब संचालक मंडल की बैठक बुलाई जाएगी और 21 जनवरी से पहले अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और दोनों सदस्यों को बाहर किया जाएगा'.

कवर्धा : भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है. मामले में संचालक मंडल के अध्यक्ष भेलीराम चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष गणेश प्रसाद तिवारी, सदस्य शिव प्रसाद वर्मा और साकेत चंद्रवंशी को पद से हटाने आदेश जारी हुए हैं.

भोरमदेव शक्कर कारखाने को गड़बड़ी से 7.03 करोड़ का घाटा

क्या हैं आरोप ?
चारों पर आरोप है कि पेराई सत्र 2017-18 के दौरान इन्होंने अवैध तरीके से 2 हजार से अधिक पर्चियां निकलवाईं और अपने सगे-संबंधियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों से कम दर में गन्ना खरीदकर कारखाने को बेचा. गन्ना पर्चियों में गड़बड़ी से कारखाने को 7 करोड़ 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.

क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, मामला 2017-18 का है जब भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष दानेश्वर सिंह परिहार ने मामले की शिकायत की थी. अपर कलेक्टर ने इसकी जांच की. इसके बाद दुर्ग में सहकारी संस्थाओं के उप-पंजीयक ने रिपोर्ट की जांच कर कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जांच में दोष साबित होने पर सहकारी संस्थाओं के पंजीयक धनंजय देवांगन ने 21 जनवरी तक चारों को पद से हटाने आदेश जारी किया है. साथ ही अगले 3 साल तक समितियों के किसी भी पद के लिए अयोग्य करार दिया है.

क्या पाया गया जांच में
जांच रिपोर्ट के मुताबिक अध्यक्ष भेलीराम चंद्रवंशी ने नागपुर की कंपनी वर्चुअल गैलेक्सी इंफोटेक लिमिटेड से पर्ची जारी करने से जुड़ा सुपर एडमिन यूजर पासवर्ड लिया था. तकनीकी रूप से ये पासवर्ड कारखाने के सहायक प्रोग्रामर और उप मुख्य गन्ना विकास अधिकारी के पास रहता है, लेकिन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और दो सदस्यों ने कंप्यूटर ऑपरेटर पर दबाव डालकर पर्ची की तारीख अपडेट कराई. नतीजा ये हुआ कि पेराई क्षमता से ज्यादा गन्ना कारखाने में आ गया. उसकी पेराई 6- 7 दिनों बाद हुई. इससे किसानों को गन्ना बेचने के लिए परेशान होना पड़ा. जांच में ये पाया गया कि सदस्यों और पदाधिकारियों ने कंप्यूटर ऑपरेटर पर दबाव बनाकर गलत जानकारी अपडेट कराई, जिससे किसानों का भी नुकसान हुआ और उत्पादन पर असर पड़ा.

अब आगे क्या ?
कारखाने के महाप्रबंधक का कहना है कि, 'सहकारी संस्था से आदेश मिलने के बाद अब संचालक मंडल की बैठक बुलाई जाएगी और 21 जनवरी से पहले अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और दोनों सदस्यों को बाहर किया जाएगा'.

Intro:-कवर्धा जिले के भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में बड़ी आर्थिक गड़बड़ी उजागर हुई है,इस मामले में संचालक मंडल के अध्यक्ष भेलीराम चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष गणेश प्रसाद तिवारी, सदस्य शिव प्रसाद वर्मा और साकेत चंद्रवंशी को पद से हटाने आदेश जारी हुआ है। आरोप है कि पेराई सत्र 2017- 18 के दौरान इन्होंने अवैध तरीके से 2 हजार से अधिक पर्चियां निकलवाई। अपने सगे सम्बंधियों को फायदा पहुंचाने किसानों से कम दर में गन्ना खरीदकर कारखाने को बेचा। गन्ना पर्चियों में गड़बड़ी कर कारखाने को 7.03 करोड़ रु. नुकसान पहुंचाया ।Body:दरअसल मामला 2017-18 का है जब भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष दानेश्वर सिंह परिहार ने मामले की शिकायत की थी। अपर कलेक्टर ने इसकी जांच की । इसके बाद दुर्ग में सहकारी संस्थाओं के उप-पंजीयक ने रिपोर्ट की जांच कर अपनी कार्रवाई की अनुशंसा की थी। जांच में दोष साबित होने पर सहकारी संस्थाओं के पंजीयक धनंजय देवांगन ने 21 जनवरी तक चारों को पद से हटाने आदेश जारी किया है। साथ ही अगले 3 साल तक समितियों के किसी भी पद के लिए अयोग्य करार दिया है।जांच रिपोर्ट के मुताबिक अध्यक्ष भेलीराम चंद्रवंशी ने नागपुर की कंपनी वर्चुअल गैलेक्सी इंफोटेक लिमिटेड से पर्ची जारी करने से जुड़ा सुपर एडमिन यूजर पासवर्ड लिया था। तकनीकी रूप से यह पासवर्ड कारखाने के सहायक प्रोग्रामर और उप मुख्य गन्ना विकास अधिकारी के पास रहता है। लेकिन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व शेष दो सदस्यों ने कंप्यूटर ऑपरेटर पर दबाव डालकर पर्ची की तारीख अपडेट कराई। नतीजा यह हुआ कि पेराई क्षमता से ज्यादा गन्ना कारखाने में आ गया। उसकी पेराई 6- 7 दिनों बाद हुई। इससे किसानों को गन्ना बेचने के लिए परेशान होना पड़ा। जांच में यह पाया गया कि सदस्यों और पदाधिकारियों ने कंप्यूटर ऑपरेटर पर दबाव गलत जानकारी अपडेट करवाई इससे किसानों का भी नुकसान हुआ और उत्पादन पर असर पड़ा।Conclusion:वहीं कारखाना के महाप्रबंधक का कहना है कि सहकारी संस्था से आदेश मिलने के बाद अब संचालक मंडल की बैठक बुलाई जाएगी और 21 जनवरी से पहले अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व दोनों सदस्यों को बाहर किया जाएगा।

बाईट-01-बीएस ठाकुर, एमडी सुगर फैक्ट्री
Last Updated : Jan 13, 2020, 7:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.