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Bhoramdev Mahotsav : भोरमदेव महोत्सव शुरू, सारेगामा विजेता इशिता विश्वकर्मा सहित कई दिग्गज बिखेरेंगे जलवा

आज से भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. इस महोत्सव में देश और छत्तीसगढ़ के बड़े बड़े कलाकार अपनी कला का जलवा बिखेरेंगे. सोमवार को सारेगामा विजेता इशिता विश्वकर्मा भी अपनी मधुर आवाज से कार्यक्रम की रौनक बढ़ाएगी.

Kawardha Bhoramdev Festival
कवर्धा भोरमदेव महोत्सव
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Published : Mar 19, 2023, 12:46 PM IST

कवर्धा: छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर में 27वां दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन आज से शुरू हो गया है. ये महोत्सव बड़े स्तर पर किया जा रहा है. भोरमदेव महोत्सव में इस बार बॉलीवुड के गायक, छत्तीसगढ़ी गायक अपनी प्रस्तुति देंगे. इतना ही नहीं सारेगामा विजेता इशिता विश्वकर्मा भी इस महोत्सव में बतौर गायिका अपना परफॉर्मेंस देंगी.

भगवान भोलेनाथ की होती है पूजा: हिन्दू मान्यता के अनुसार होली के 13 दिन बाद तेरस को भोरमदेव यानी कि भगवान भोलेनाथ की खास पूजा अर्चना की जाती है. इस पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इस दिन भोरमदेव मंदिर में भोलेनाथ की पूजा करने का विशेष महत्व है. यही कारण है जिले के सबसे बड़े और छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर में आसपास के जिले सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं.

दो दिनों तक लगता है मेला: इस मौके पर भोरमदेव में दो दिनों का मेला लगता है. इस मेले में हजारों लोगों की भीड़ रहती है. इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाता है.

ऐसे होती है भोरमदेव मंदिर में विशेष पूजा: भोरमदेव मंदिर के प्रधान पुजारी अशीष शास्त्री ने बताया कि "भोरमेदव मंदिर में हर साल होली के बाद तेरस और चौदस को बाबा भोरमदेव के लिए खास दिन होता है. प्राचीन काल से इन तिथियों के दिन मंदिर में दिव्य श्रृंगार के साथ धार्मिक अनुष्ठान होता है. यहां प्राचीन काल से मंदिर के पास स्थानीय मेला का आयोजन भी होते आया है. अब इस मेला ने बड़े महोत्सव का स्वरूप ले लिया है. प्रात: काल बाबा भोरमदेव का महाअभिषेक, एक हजार नामों से सहर्षाचन, रूद्राभिषेक, विशेष श्रृंगार आरती होती है. सायंकाल में सहत्रधारा से महाभिषेक, श्रृंगार, महाआरती, भस्म आरती, शिव सरोवर के सामने भगवान वरूण देव का पूजन, दीपदान, गंगाआरती की जाती है. इस उत्सव में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं का आगमन होता है. इस पूजा में कोई पर्यटक के रूप में शामिल होता है, तो कोई श्रद्धालु के रूप में."

ये है प्रथा: सबसे पहले दिन बाबा भोरमदेव मंदिर में शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रांगण में दोपहर 12 बजे से जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे. दो दिनों तक मंदिर प्रांगण में संगीत, बैगा नृत्य, शिव पार्वती कथा, भजन, राम भजन, पंडवानी, पंथी नृत्य, सहित अलग अलग धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.

पहले दिन की प्रस्तुति: विशेष कार्यक्रम की शुरूआत बोड़ला विकासखंड के ग्राम बारपानी निवासी मोहतु बैगा और साथी के साथ बैगा नृत्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा. मंच में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों का कार्यक्रम का समय पहले से निर्धारित है. इसके बाद जिले के स्कूली बच्चे अपनी प्रस्तुति देंगे. बोड़ला के रजउ साहू छत्तीसगढ़ की लोकगीत और नृत्य की प्रस्तुति देंगे. रायपुर की पूर्णश्री राउत भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए ओडिशा नृत्य की प्रस्तुति देंगी. भिलाई की ऋतु वर्मा छत्तीसगढ़ की पण्डवानी की प्रस्तुति देंगी. कोरबा के जाकिर हुसैन सुपरहिट गीतों की प्रस्तुति देकर शमां बांधेगे. इसके बाद छत्तीसढ़ के लोकगीतों के गायन की प्रस्तुति देते हुए सुनील तिवारी आयोजन को आगे बढ़ाएंगे.

दूसरे दिन की प्रस्तुति: भोरमदेव महोत्सव के दूसरे दिन स्कूली बच्चों के आयोजन के साथ सांस्कृतिक कार्याक्रमों का शुभारंभ होगा. दूसरे दिन भोरमदेव प्रांगण में दोपहर 12 बजे से कार्यक्रम की शुरूआत मनोहर भास्कर के द्वारा पंथी गीत भजन से होगी. जिसके बाद सुखचंद पटेल के भजन मंडली, रामकृपाल द्वारा जसगीत, शेखर धुर्वे और साथी द्वारा जसगीत, शिव भजन, शिवकुमार यादव द्वारा बांसगीत, पीलाराम साहू द्वारा रामायण, जसगीत, सरस्वती विश्वकर्मा द्वारा पण्डवानी और नीता मानिकपुरी द्वारा भजन/जसगीत की प्रस्तुति देंगे.

रात में होगा विशेष कार्यक्रम: खैरागढ़ के नीता राजेन्द्र सिंह कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देंगे. गुरूदास मानिकपुरी छत्तीसगढ़ लोकगीत की प्रस्तुति देंगे. भाटापारा के अंशिका चौहान सुगम संगीत की प्रस्तुति देंगे. ग्राम दुल्लापुर के गोलू दिवाना लोक संगीत की प्रस्तुति देंगे. रायपुर से आए आरती सिंह कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देंगे. इसके बाद सारेगामापा विजेता सिंगर इशिता विश्वकर्मा और उनकी पूरी टीम संगीत से शमां बांधेंगी. छत्तीसगढ़ की लोकगायिका अल्का चंद्राकर और उनकी टीम कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए महोत्सव के समापन बेला तक पहुंचाएंगे.

कानून व्यवस्था का रखा जाएगा पूरा ख्याल:इस महोत्सव को लेकर जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे, एसपी लालउमेंद सिंह, जिला सीईओ संदीप अग्रवाल, कवर्धा और बोड़ला एसडीएम सहित जिले के सभी आला अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. कानून व्यवस्था बनाए रखने को बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है.

कवर्धा: छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर में 27वां दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन आज से शुरू हो गया है. ये महोत्सव बड़े स्तर पर किया जा रहा है. भोरमदेव महोत्सव में इस बार बॉलीवुड के गायक, छत्तीसगढ़ी गायक अपनी प्रस्तुति देंगे. इतना ही नहीं सारेगामा विजेता इशिता विश्वकर्मा भी इस महोत्सव में बतौर गायिका अपना परफॉर्मेंस देंगी.

भगवान भोलेनाथ की होती है पूजा: हिन्दू मान्यता के अनुसार होली के 13 दिन बाद तेरस को भोरमदेव यानी कि भगवान भोलेनाथ की खास पूजा अर्चना की जाती है. इस पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इस दिन भोरमदेव मंदिर में भोलेनाथ की पूजा करने का विशेष महत्व है. यही कारण है जिले के सबसे बड़े और छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर में आसपास के जिले सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं.

दो दिनों तक लगता है मेला: इस मौके पर भोरमदेव में दो दिनों का मेला लगता है. इस मेले में हजारों लोगों की भीड़ रहती है. इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाता है.

ऐसे होती है भोरमदेव मंदिर में विशेष पूजा: भोरमदेव मंदिर के प्रधान पुजारी अशीष शास्त्री ने बताया कि "भोरमेदव मंदिर में हर साल होली के बाद तेरस और चौदस को बाबा भोरमदेव के लिए खास दिन होता है. प्राचीन काल से इन तिथियों के दिन मंदिर में दिव्य श्रृंगार के साथ धार्मिक अनुष्ठान होता है. यहां प्राचीन काल से मंदिर के पास स्थानीय मेला का आयोजन भी होते आया है. अब इस मेला ने बड़े महोत्सव का स्वरूप ले लिया है. प्रात: काल बाबा भोरमदेव का महाअभिषेक, एक हजार नामों से सहर्षाचन, रूद्राभिषेक, विशेष श्रृंगार आरती होती है. सायंकाल में सहत्रधारा से महाभिषेक, श्रृंगार, महाआरती, भस्म आरती, शिव सरोवर के सामने भगवान वरूण देव का पूजन, दीपदान, गंगाआरती की जाती है. इस उत्सव में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं का आगमन होता है. इस पूजा में कोई पर्यटक के रूप में शामिल होता है, तो कोई श्रद्धालु के रूप में."

ये है प्रथा: सबसे पहले दिन बाबा भोरमदेव मंदिर में शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रांगण में दोपहर 12 बजे से जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे. दो दिनों तक मंदिर प्रांगण में संगीत, बैगा नृत्य, शिव पार्वती कथा, भजन, राम भजन, पंडवानी, पंथी नृत्य, सहित अलग अलग धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.

पहले दिन की प्रस्तुति: विशेष कार्यक्रम की शुरूआत बोड़ला विकासखंड के ग्राम बारपानी निवासी मोहतु बैगा और साथी के साथ बैगा नृत्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा. मंच में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों का कार्यक्रम का समय पहले से निर्धारित है. इसके बाद जिले के स्कूली बच्चे अपनी प्रस्तुति देंगे. बोड़ला के रजउ साहू छत्तीसगढ़ की लोकगीत और नृत्य की प्रस्तुति देंगे. रायपुर की पूर्णश्री राउत भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए ओडिशा नृत्य की प्रस्तुति देंगी. भिलाई की ऋतु वर्मा छत्तीसगढ़ की पण्डवानी की प्रस्तुति देंगी. कोरबा के जाकिर हुसैन सुपरहिट गीतों की प्रस्तुति देकर शमां बांधेगे. इसके बाद छत्तीसढ़ के लोकगीतों के गायन की प्रस्तुति देते हुए सुनील तिवारी आयोजन को आगे बढ़ाएंगे.

दूसरे दिन की प्रस्तुति: भोरमदेव महोत्सव के दूसरे दिन स्कूली बच्चों के आयोजन के साथ सांस्कृतिक कार्याक्रमों का शुभारंभ होगा. दूसरे दिन भोरमदेव प्रांगण में दोपहर 12 बजे से कार्यक्रम की शुरूआत मनोहर भास्कर के द्वारा पंथी गीत भजन से होगी. जिसके बाद सुखचंद पटेल के भजन मंडली, रामकृपाल द्वारा जसगीत, शेखर धुर्वे और साथी द्वारा जसगीत, शिव भजन, शिवकुमार यादव द्वारा बांसगीत, पीलाराम साहू द्वारा रामायण, जसगीत, सरस्वती विश्वकर्मा द्वारा पण्डवानी और नीता मानिकपुरी द्वारा भजन/जसगीत की प्रस्तुति देंगे.

रात में होगा विशेष कार्यक्रम: खैरागढ़ के नीता राजेन्द्र सिंह कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देंगे. गुरूदास मानिकपुरी छत्तीसगढ़ लोकगीत की प्रस्तुति देंगे. भाटापारा के अंशिका चौहान सुगम संगीत की प्रस्तुति देंगे. ग्राम दुल्लापुर के गोलू दिवाना लोक संगीत की प्रस्तुति देंगे. रायपुर से आए आरती सिंह कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देंगे. इसके बाद सारेगामापा विजेता सिंगर इशिता विश्वकर्मा और उनकी पूरी टीम संगीत से शमां बांधेंगी. छत्तीसगढ़ की लोकगायिका अल्का चंद्राकर और उनकी टीम कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए महोत्सव के समापन बेला तक पहुंचाएंगे.

कानून व्यवस्था का रखा जाएगा पूरा ख्याल:इस महोत्सव को लेकर जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे, एसपी लालउमेंद सिंह, जिला सीईओ संदीप अग्रवाल, कवर्धा और बोड़ला एसडीएम सहित जिले के सभी आला अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. कानून व्यवस्था बनाए रखने को बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है.

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