कवर्धा : पंडरिया ब्लॉक में रहने वाले बैगा आदिवासी अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हैं. जिसके कारण आदिवासियों को परेशानी उठानी पड़ रही है. बैगा आदिवासियों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और अफसरों से मिलकर अपनी समस्या बताई लेकिन कोई भी समाधान नहीं हुआ. इसलिए अब बैगा आदिवासियों ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है.
क्या है आदिवासियों की मांग : बैगा आदिवासी छिंदिडिह निवासी है. आजादी के बाद से इस गांव के लोगों ने बिजली नहीं देखी. अब बारिश का मौसम है.ऐसे में जंगली जीव जंतुओं का खतरा बना रहता है.इसके पहले भी कई बार बैगा आदिवासियों ने बिजली की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों के पास गुहार लगाई.लेकिन किसी ने भी आदिवासियों की बात नहीं सुनी.
''आज तक अपने गांव में बिजली नहीं देखी. गांव के आसपास सभी गांवों में बिजली है. लेकिन उनके गांव में नहीं है. अंधेरा होने के बाद कोई अपने घर से बाहर नहीं निकलता.जंगली जानवर, सांप और बिच्छू का खतरा बना रहता है.''- ग्रामीण
बैगा आदिवासियों ने कलेक्टर को बिजली की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा है.जिसके बाद कलेक्टर ने समस्या का हल करने को कहा है.
''आदिवासियों ने बिजली की समस्या को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.आदिवासियों की समस्याओं को जल्द ही दूर करने की कोशिश की जाएगी.''-जन्मेजय महोबे,कलेक्टर
आपको बता दें कि छिंदिडिह के ग्रामीण बारिश के समय ही खेती किसानी का काम कर पाते हैं. क्योंकि पानी की समस्या होने के कारण बाकी मौसम में खेती नहीं हो पाती. बिजली नहीं होने के कारण बच्चों को पढ़ाई में भी दिक्कत होती है. चिमनी के सहारे बच्चे पढ़ते हैं,लेकिन दिन ब दिन महंगे हो रहे दाम से आदिवासी परेशान हैं.