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Baiga Tribals Protest कवर्धा में बैगा आदिवासियों ने किया कुकदूर तहसील का घेराव - कुकदूर तहसील का घेराव

कवर्धा में बैगा आदिवासियों ने कुकदूर तहसील का घेराव किया है. आदिवासियों ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान जेसीसीजे प्रमुख अमित जोगी ने बैगा आदिवासियों के साथ तहसील का घेराव किया.

siege of kukdur tehsil
कुकदूर तहसील का घेराव
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Published : Apr 27, 2023, 5:05 PM IST

बैगा आदिवासियों ने किया कुकदूर तहसील का घेराव

कवर्धा: जिले के वनांचल क्षेत्र कुई-कुकदूर तहसील में रहने वाले बैगा आदिवासियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बैगा आदिवासियों के बातों को सरकार तक पहुंचाने को जेसीसीजे प्रमुख अमित जोगी के नेतृत्व में कुकदूर तहसील घेराव किया गया. जिसमें भारी संख्या में बैगा आदिवासियों के साथ जोगी कांग्रेस की पंडरिया टीम शामिल हुए. अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के बैगा आदिवासी राज्य सरकार के खिलाफ लामबंद हुए.

जेसीसीजे प्रमुख ने किया समर्थन: वनांचल क्षेत्र के लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान अमित जोगी ने कहा, "छत्तीसगढ़ में पिछले 19 सालों से धोखेबाजों की सरकार चल रही है. बस उनके चेहरे बदल रहे हैं. 15 साल रमन सिंह ने आदीवासीयो को ठगने का काम किया. वही काम आज भूपेश बघेल और उनकी सरकार कर रही है. साल 2018 चुनाव के जन घोषणा पत्र में उन्होंने वादा किया था कि वनांचल क्षेत्रों में रह रहे लोगों को वन अधिकार पट्टा दिया जाएगा. लेकिन किसी भी बैगा आदिवासीयों को पट्टा नहीं मिला है. जिनको पहले से मिला है, उनको उनकी जमीन पर खेती करने नहीं दिया जा रहा है."

यह भी पढ़ें: janjgir champa कुत्ते की पिटाई करना पड़ा भारी, पशु प्रेमियों का फूटा गुस्सा

राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन: पंडरिया क्षेत्र के युवा नेता रवि चन्द्रवंशी ने कहा, "कुकदूर क्षेत्र के 40 बैगा परिवारों को 2015/16 में राजस्व विभाग निवास और खेती कर जीवन यापन के लिए पट्टा जारी किया था. दुर्भाग्य की बात है कि पट्टा जारी होने के 7 साल बाद भी उन बैगा परिवारों को कब्जा नहीं मिला है. आज भी वो लोग भटक रहे हैं, जिनके पास जीने का कोई साधन नहीं है. हम लोग वन अधिकार पट्टा, पेसा कानून सहित बिजली सड़क पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने की 13 मांगों के साथ तहसील कार्यालय का घेराव कर माननीय राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपने आए हैं.

ये हैं बैगा आदिवासियों की 13 सूत्रीय मांगे:छत्तीसगढ़ सरकार 8 जुलाई 2022 को पेसा अधिनियम लागू की थी, जिसके अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं से वनांचल क्षेत्र कुकदुर तहसील सहित कवर्धा जिला के आदिवासियों को दूर रखा गया है. तुरंत कुकदुर तहसील सहित पूरे जिले में पेसा अधिनियम लागू हो.भूपेश बघेल ने 2018 विधानसभा चुनाव में अपने जन घोषणा पत्र के माध्यम से वादा किया था कि वनों में रहने वालों के लिए तत्काल वन अधिकार पट्टा जारी किया जाएगा. ये जल्द जारी हो. कुकदूर तहसील के पूरे क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौती बंद कर बिजली व्यवस्था दुरुस्त की जाए.घाटो के ऊपर बसे गांवों में ग्रामीण झिरिया का पानी पीने को मजबूर हैं. तत्काल शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाए.

ये भी है मांगे: कुकदूर मुख्यालय से घाटों के ऊपर ग्रामों को जोड़ने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है. तत्काल पक्की सड़कों का निर्माण किया जाए. साल 2016-17 में राजस्व विभाग 40 परिवारों को जारी पट्टे पर (बदना, मंजगांव) के आसपास क्षेत्र के बैगा आदिवासियों को कब्जा दिलाकर उनके जीवन यापन को सहज व सरल बनाये. सुदूर वनांचल क्षेत्र में एकलव्य आवासीय आश्रम का निवास हो. कोदो-कुटकी, मड़िया सिकिया खरीदी केन्द्र भवन की व्यवस्था हो. वनोपज जैसे चार, चिरौजीं, महुआ, लाख की खरीदी सरकार के समर्थन मूल्य पर किया जाये. छपरा पारा में मिनी आंगन बाड़ी, पक्की सड़क निर्माण और बेल्हापारा की ओर आगर नदी पर पूल निर्माण हो. निर्माण व नागाडबरा में प्राथमिक शाला भवन की निर्माण कराया जाए. बदौरा गांव में जारी पट्टे की भूमि का सीमांकन किया जाए.ढोलढोली नदी पर रपटे की जगह पुलिया निर्माण कराया जाए.

बैगा आदिवासियों ने किया कुकदूर तहसील का घेराव

कवर्धा: जिले के वनांचल क्षेत्र कुई-कुकदूर तहसील में रहने वाले बैगा आदिवासियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बैगा आदिवासियों के बातों को सरकार तक पहुंचाने को जेसीसीजे प्रमुख अमित जोगी के नेतृत्व में कुकदूर तहसील घेराव किया गया. जिसमें भारी संख्या में बैगा आदिवासियों के साथ जोगी कांग्रेस की पंडरिया टीम शामिल हुए. अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के बैगा आदिवासी राज्य सरकार के खिलाफ लामबंद हुए.

जेसीसीजे प्रमुख ने किया समर्थन: वनांचल क्षेत्र के लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान अमित जोगी ने कहा, "छत्तीसगढ़ में पिछले 19 सालों से धोखेबाजों की सरकार चल रही है. बस उनके चेहरे बदल रहे हैं. 15 साल रमन सिंह ने आदीवासीयो को ठगने का काम किया. वही काम आज भूपेश बघेल और उनकी सरकार कर रही है. साल 2018 चुनाव के जन घोषणा पत्र में उन्होंने वादा किया था कि वनांचल क्षेत्रों में रह रहे लोगों को वन अधिकार पट्टा दिया जाएगा. लेकिन किसी भी बैगा आदिवासीयों को पट्टा नहीं मिला है. जिनको पहले से मिला है, उनको उनकी जमीन पर खेती करने नहीं दिया जा रहा है."

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राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन: पंडरिया क्षेत्र के युवा नेता रवि चन्द्रवंशी ने कहा, "कुकदूर क्षेत्र के 40 बैगा परिवारों को 2015/16 में राजस्व विभाग निवास और खेती कर जीवन यापन के लिए पट्टा जारी किया था. दुर्भाग्य की बात है कि पट्टा जारी होने के 7 साल बाद भी उन बैगा परिवारों को कब्जा नहीं मिला है. आज भी वो लोग भटक रहे हैं, जिनके पास जीने का कोई साधन नहीं है. हम लोग वन अधिकार पट्टा, पेसा कानून सहित बिजली सड़क पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने की 13 मांगों के साथ तहसील कार्यालय का घेराव कर माननीय राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपने आए हैं.

ये हैं बैगा आदिवासियों की 13 सूत्रीय मांगे:छत्तीसगढ़ सरकार 8 जुलाई 2022 को पेसा अधिनियम लागू की थी, जिसके अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं से वनांचल क्षेत्र कुकदुर तहसील सहित कवर्धा जिला के आदिवासियों को दूर रखा गया है. तुरंत कुकदुर तहसील सहित पूरे जिले में पेसा अधिनियम लागू हो.भूपेश बघेल ने 2018 विधानसभा चुनाव में अपने जन घोषणा पत्र के माध्यम से वादा किया था कि वनों में रहने वालों के लिए तत्काल वन अधिकार पट्टा जारी किया जाएगा. ये जल्द जारी हो. कुकदूर तहसील के पूरे क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौती बंद कर बिजली व्यवस्था दुरुस्त की जाए.घाटो के ऊपर बसे गांवों में ग्रामीण झिरिया का पानी पीने को मजबूर हैं. तत्काल शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाए.

ये भी है मांगे: कुकदूर मुख्यालय से घाटों के ऊपर ग्रामों को जोड़ने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है. तत्काल पक्की सड़कों का निर्माण किया जाए. साल 2016-17 में राजस्व विभाग 40 परिवारों को जारी पट्टे पर (बदना, मंजगांव) के आसपास क्षेत्र के बैगा आदिवासियों को कब्जा दिलाकर उनके जीवन यापन को सहज व सरल बनाये. सुदूर वनांचल क्षेत्र में एकलव्य आवासीय आश्रम का निवास हो. कोदो-कुटकी, मड़िया सिकिया खरीदी केन्द्र भवन की व्यवस्था हो. वनोपज जैसे चार, चिरौजीं, महुआ, लाख की खरीदी सरकार के समर्थन मूल्य पर किया जाये. छपरा पारा में मिनी आंगन बाड़ी, पक्की सड़क निर्माण और बेल्हापारा की ओर आगर नदी पर पूल निर्माण हो. निर्माण व नागाडबरा में प्राथमिक शाला भवन की निर्माण कराया जाए. बदौरा गांव में जारी पट्टे की भूमि का सीमांकन किया जाए.ढोलढोली नदी पर रपटे की जगह पुलिया निर्माण कराया जाए.

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