कवर्धा: कवर्धा में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. छत्तीसगढ़ के खजुराहो कहे जाने वाले भोरमदेव मंदिर की खबर दिखाने के बाद छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग और संस्कृति विभाग हरकत में आया है. दोनों विभागों की टीम भोरमदेव मंदिर पहुंची. इस दौरान बोड़ला एसडीएम, तहसीलदार, लोक निर्माण विभाग के ईई मौजूद रहे. पुरात्तव विभाग की टीम ने भोरमदेव मंदिर के चारों दिशाओं को घुमकर अवलोकन किया. जिला प्रशासन को निरीक्षण रिपोर्ट सौंपी और आगे का कार्य विशेषज्ञों के निगरानी में करने की बात कही है. वहीं पुरातत्वविद् प्रभात सिंह ने बताया कि भोरमदेव मंदिर के प्लिन प्रोटेक्शन का और आसपास मेंटनेंस कार्य किया जा रहा है.
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भोरमदेव मंदिर के मरम्मत प्लान: वहीं पुरातत्वविद् प्रभात सिंह ने बताया कि "भोरमदेव मंदिर के प्लिन प्रोटेक्शन का और आसपास मेंटनेंस कार्य किया जा रहा है. ट्रायलट्रेंच से पहले मंदिर के नींव को खोदकर पुराने तरीके से प्लिन प्रोटेक्शन किस तरह किया गया था उसे देखा जा रहा है, ताकि उसी तरीके से आगे का कार्य किया जा सके. मंदिर की मूल संरचना को किसी प्रकार की क्षति ना पहुंचे. मंदिर पूरा पहाड़ियों के बीच में है. इसलिए यहां जलवायु प्रभाव के कारण पत्थरों में रिएक्शन होते है. इसके साथ ही लोग चावल, गुलाल और अन्य चीजों को इस्तेमाल करते है. इससे मंदिर की दीवारों को नुकसान होता है. मंदिर में बारिश के पानी का रिसाव होता है. इसलिए मंदिर की नींव को सुदृढ़ीकरण, नवीकरण, मंदिर के छत से पानी का रिसाव को रोकने वाटर प्रूफिंग और केमिकल रिपेयरिंग का कार्य जल्द ही विशेषज्ञों की निगरानी में शुरू किया जाएगा."
जिला प्रशासन ने ली बैठक: निरिक्षण के बाद कलेक्टर जन्मेजय महोबे और एसपी लालउमेंद सिंह ने पुरातत्व, संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन की टीम के साथ बैठक की. भोरमदेव मंदिर होने वाली प्रस्तावित कार्यों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली. कलेक्टर ने टीम को निर्देश करते हुए कहा कि "भोरमदेव मंदिर ना सिर्फ जिला अपितु पुरे प्रदेश के ऐतिहासिक, पुरातात्विक और जन अस्था का केंद्र है. मंदिर नींव, सुदृढ़ीकरण और अन्य कार्यों को पुरातत्व विभाग की सुरक्षा मानकों के अनुरूप तकनीकी और कुशल कामगारों द्वारा कार्य शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही कार्य प्रारंभ से पहले सूचना बोर्ड कार्य होने वाले स्थान को चिह्नाकित कर सुरक्षा और कानून व्यवस्था अवश्य करें. तकनीकी और विशेष विशेषज्ञ की उपस्थिति में ही कार्य करने के निर्देश दिए हैं.