जशपुर: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा समाज युवाओं को रोजगार मिला है. समाज के 67 युवाओं को शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में जिला प्रशासन ने रोजगार दिया है. कोरोना काल में आदिम जाति विकास विभाग की ओर से खनिज न्याय निधि मद से युवाओं को रोजगार मिलने से युवा उत्साहित हैं. इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन का धन्यवाद दिया है.
बता दें, बगीचा विकासखंड के ग्राम पन्ड्रापाठ में आदिम जाति विकास विभाग ने खनिज न्याय निधि मद से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के 67 युवाओं को नियुक्त किया है. ये युवा विभिन्न स्कूलों में पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षकों के रूप में नियुक्त किए गए हैं. विशेष संरक्षित जनजाति के 10 युवाओं को माध्यमिक स्कूलों में और पूर्व माध्यमिक शालाओं में 57 युवाओं को अतिथि सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है.
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बेरोगारी के कारण सुनने पड़ते थे ताने
कोरोना काल में इस विशेष संरक्षित जनजाति के युवाओं को रोजगार मिलने पर युवाओं ने जिला प्रशासन का धन्यवाद जताते हुए बताया कि कोरोना महामारी के इस समय में उन्हें आर्थिक रूप से काफी तकलीफों से गुजरना पड़ रहा था. बेरोजगारी के चलते घर चलाना मुश्किल हो गया था, लेकिन अब उन्हें रोजगार मिल गया है. पहाड़ी कोरवा सुमन ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं. बेरोजगारी के कारण घर में उन्हें ताने भी सुनने पड़ते थे और बच्चों के लालन-पालन में भी परेशानी होती थी, लेकिन अब रोजगार मिलने से वह भी अपने बच्चों का अच्छी तरह से लालन-पालन कर सकेंगी.
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आर्थिक स्थिति सुधार करने का प्रयास
इस संबंध में जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में चल रहे कोरोना महामारी के इस दौर में बेरोजगारी से गुजर रहे अति विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के युवाओं को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है. उन्होंने बताया कि 67 युवाओं को नौकरी देकर उनकी आर्थिक स्थिति सुधार करने का प्रयास जिला प्रशासन ने किया है.