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जशपुर में 3 साल बाद भी शौचालय निर्माण अधूरा, सरपंच-सचिव पर गंभीर आरोप

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Published : Sep 21, 2020, 7:04 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की परेशानियों को देखते हुए देशभर में स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत की थी, ताकि लोगों को शौच के लिए बाहर न जाना पड़े, लेकिन जशपुर में 'स्वच्छ भारत मिशन' योजना में भ्रष्टाचार देखने को मिला है. ग्रामीणों का आरोप है कि राशि निकालने के बाद भी 36 से ज्यादा शौचालयों का निर्माण अधूरा पड़ा है.

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जशपुर में स्वच्छ भारत मिशन का बुरा हाल

जशपुर: केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में शौचालय निर्माण की शुरुआत की गई थी. ताकि महिलाओं को परेशानियों का सामना करना न पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की परेशानियों को देखते हुए देशभर में स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत की थी, लेकिन निचले तंत्र की मनमानी से केंद्र सरकार की योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है. जशपुर में सरपंच-सचिव की लापरवाही की वजह से जिले के कई इलाकों में शौचालय अधूरे पड़े हैं, जिससे महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ रहा है.

3 साल बाद भी शौचालय निर्माण अधूरा

दअरसल, बगीचा विकासखंड के टांगरडीह गांव में शौचालय निर्माण के लिए राशि ग्राम पंचायत में आई थी, लेकिन टांगरडीह ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव की मनमानी से अबतक 36 से ज्यादा शौचालय अधूरे पड़े हैं. हितग्राहियों ने बताया कि कई बार सरपंच और सचिव को पूरा कराने के लिए बोला गया, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है. कई हितग्राहियों के शौचालय लापरवाही के कारण अधूरा पड़ा है, जिसकी वजह से महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ रहा है.

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शौचालय निर्माण करने के लिए 250 ईंट दी गई थी

खिरोधर यादव ने बताया कि शौचालय निर्माण करने के लिए 250 ईंट दी गई थी. साथ ही 2 बोरी सीमेंट देकर छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि उनके शौचालय निर्माण कार्य का पूरा पैसा निकल चुका है, लेकिन सरपंच और सचिव उस पैसे को नहीं दे रहे हैं. गांव के उपसरपंच देवराज यादव ने बताया कि गांव में आधे से अधिक शौचालय अधूरे पड़े हैं. कुछ को तो मटेरियल दिया गया है, कई लोगों को कुछ नहीं दिया गया. इतना ही नहीं मजदूरी भुगतान भी नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि 2017 से लेकर 2020 तक भुगतान नहीं किया गया है.

बगीचा एसडीएम रोहित व्यास से मामले की शिकायत

ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत बगीचा एसडीएम रोहित व्यास से भी की है. एसडीएम ने मामले की जांच के लिए जांच टीम भी गठित कर दी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले में बगीचा जनपद सीईओ ने बताया कि बगीचा ब्लॉक में एमआईएस फीडिंग के माध्यम से शौचालय बना दिए गए हैं. टांगरडीह में अभी जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है.

जशपुर: केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में शौचालय निर्माण की शुरुआत की गई थी. ताकि महिलाओं को परेशानियों का सामना करना न पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की परेशानियों को देखते हुए देशभर में स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत की थी, लेकिन निचले तंत्र की मनमानी से केंद्र सरकार की योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है. जशपुर में सरपंच-सचिव की लापरवाही की वजह से जिले के कई इलाकों में शौचालय अधूरे पड़े हैं, जिससे महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ रहा है.

3 साल बाद भी शौचालय निर्माण अधूरा

दअरसल, बगीचा विकासखंड के टांगरडीह गांव में शौचालय निर्माण के लिए राशि ग्राम पंचायत में आई थी, लेकिन टांगरडीह ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव की मनमानी से अबतक 36 से ज्यादा शौचालय अधूरे पड़े हैं. हितग्राहियों ने बताया कि कई बार सरपंच और सचिव को पूरा कराने के लिए बोला गया, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है. कई हितग्राहियों के शौचालय लापरवाही के कारण अधूरा पड़ा है, जिसकी वजह से महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ रहा है.

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शौचालय निर्माण करने के लिए 250 ईंट दी गई थी

खिरोधर यादव ने बताया कि शौचालय निर्माण करने के लिए 250 ईंट दी गई थी. साथ ही 2 बोरी सीमेंट देकर छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि उनके शौचालय निर्माण कार्य का पूरा पैसा निकल चुका है, लेकिन सरपंच और सचिव उस पैसे को नहीं दे रहे हैं. गांव के उपसरपंच देवराज यादव ने बताया कि गांव में आधे से अधिक शौचालय अधूरे पड़े हैं. कुछ को तो मटेरियल दिया गया है, कई लोगों को कुछ नहीं दिया गया. इतना ही नहीं मजदूरी भुगतान भी नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि 2017 से लेकर 2020 तक भुगतान नहीं किया गया है.

बगीचा एसडीएम रोहित व्यास से मामले की शिकायत

ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत बगीचा एसडीएम रोहित व्यास से भी की है. एसडीएम ने मामले की जांच के लिए जांच टीम भी गठित कर दी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले में बगीचा जनपद सीईओ ने बताया कि बगीचा ब्लॉक में एमआईएस फीडिंग के माध्यम से शौचालय बना दिए गए हैं. टांगरडीह में अभी जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है.

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