ETV Bharat / state

जशपुरः होली में हर्बल गुलाल बनाकर महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

कांसाबेल विकासखंड के बटाइकेला गोठान की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. केमिकल से त्वचा को नुकसान ना हो इसके लिए पालक, पत्ते, चुकंदर, हल्दी से हर्बल गुलाल बना रहीं हैं.

Women are becoming self-sufficient in Jashpur
गुलाल बनाकर महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
author img

By

Published : Mar 27, 2021, 7:08 PM IST

जशपुरः बटाइकेला गौठान की स्व सहायता समूह की महिलाएं शासन की योजनाओं का लाभ उठा रही हैं. साथ ही ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ कर हर्बल गुलाल बनाकर बेच रही हैं. इन महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र डूमरबहार के कृषि वैज्ञानिकों ने हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया. महिलाएं गुलाल बनाकर जिलेभर में अलग-अलग स्थानों पर स्टॉल लगाकर हर्बल गुलाल का विक्रय कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. गुलाल बनाने में मुख्य रूप से पालक,पपीता, चुकंदर जैसी हरी सब्जियों का इस्तेमाल किया गया है. जो सेहत के लिए बिल्कुल भी नुकसानदेय नही है.

गुलाल बनाकर महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
कांसाबेल विकासखंड के बटाइकेला गोठान की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शासन की ओर से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र डूमरबहार गुलाल बनाने के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया. महिलाओं ने केमिकल से त्वचा को नुकसान ना हो इसके लिए पालक, पत्ते, चुकंदर, हल्दी से हर्बल गुलाल बना रही हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ राकेश भगत ने 10 महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया.

हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य

सहायक परियोजना अधिकारी मनोज रमाकांत मिश्र ने बताया कि, बिहान से जुड़ी महिलाओं को छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. होली को देखते हुए हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य रखा गया है. गुलाल बनाने के लिए महिलाएं पालक के पत्ते, चुकंदर और हल्दी का प्रयोग करती हैं. जिसके लिए कोई विशेष मशीन उपयोग नहीं किया जाता है. केवल मिक्सर मशीन का ही उपयोग किया जाता है. बाकी का काम महिलाएं अपने हाथों से करती हैं.

महिलाएं स्टॉल लगाकर बेच रही गुलाल

समूह की महिलाओं ने जशपुर शहर के कलेक्ट्रेट कार्यालय जिला पंचायत कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर हर्बल गुलाल का स्टॉल लगाकर बेच रही हैं. बाजार में मिलने वाले दूसरे केमिकल युक्त गुलाल से इस गुलाल को बेहतर विकल्प के तौर पर लोग चुन रहे हैं.

SPECIAL: परंपरा और प्रकृति के साथ मनाएं हर्बल होली

30 से 40 रुपये पैकेट में बिक रहा गुलाल

होली में महिलाओं को गुलाल से अच्छा मुनाफा होगा. बाजार में इसकी मांग भी अधिक है. हर्बल गुलाल की कीमत पैकेट के अनुसार रखी गई है. जिसकी कीमत 30 से 40 रुपये पैकेट है.

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने समूह की महिलाओं को गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया. जिसके बाद महिलाएं गुलाल बनाकर बाजार में बेच रही हैं. जशपुर कलेक्टर कार्यालय जिला पंचायत सहित दूसरे स्थानों पर स्टॉल लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि हर्बल गुलाल होने की वजह से बाजार में इसकी अच्छी मांग है. लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं. गुलाल के विक्रय होने के पश्चात महिलाओं को अच्छी आमदनी होने की संभावना है.

जशपुरः बटाइकेला गौठान की स्व सहायता समूह की महिलाएं शासन की योजनाओं का लाभ उठा रही हैं. साथ ही ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ कर हर्बल गुलाल बनाकर बेच रही हैं. इन महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र डूमरबहार के कृषि वैज्ञानिकों ने हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया. महिलाएं गुलाल बनाकर जिलेभर में अलग-अलग स्थानों पर स्टॉल लगाकर हर्बल गुलाल का विक्रय कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. गुलाल बनाने में मुख्य रूप से पालक,पपीता, चुकंदर जैसी हरी सब्जियों का इस्तेमाल किया गया है. जो सेहत के लिए बिल्कुल भी नुकसानदेय नही है.

गुलाल बनाकर महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
कांसाबेल विकासखंड के बटाइकेला गोठान की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शासन की ओर से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र डूमरबहार गुलाल बनाने के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया. महिलाओं ने केमिकल से त्वचा को नुकसान ना हो इसके लिए पालक, पत्ते, चुकंदर, हल्दी से हर्बल गुलाल बना रही हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ राकेश भगत ने 10 महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया.

हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य

सहायक परियोजना अधिकारी मनोज रमाकांत मिश्र ने बताया कि, बिहान से जुड़ी महिलाओं को छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. होली को देखते हुए हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य रखा गया है. गुलाल बनाने के लिए महिलाएं पालक के पत्ते, चुकंदर और हल्दी का प्रयोग करती हैं. जिसके लिए कोई विशेष मशीन उपयोग नहीं किया जाता है. केवल मिक्सर मशीन का ही उपयोग किया जाता है. बाकी का काम महिलाएं अपने हाथों से करती हैं.

महिलाएं स्टॉल लगाकर बेच रही गुलाल

समूह की महिलाओं ने जशपुर शहर के कलेक्ट्रेट कार्यालय जिला पंचायत कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर हर्बल गुलाल का स्टॉल लगाकर बेच रही हैं. बाजार में मिलने वाले दूसरे केमिकल युक्त गुलाल से इस गुलाल को बेहतर विकल्प के तौर पर लोग चुन रहे हैं.

SPECIAL: परंपरा और प्रकृति के साथ मनाएं हर्बल होली

30 से 40 रुपये पैकेट में बिक रहा गुलाल

होली में महिलाओं को गुलाल से अच्छा मुनाफा होगा. बाजार में इसकी मांग भी अधिक है. हर्बल गुलाल की कीमत पैकेट के अनुसार रखी गई है. जिसकी कीमत 30 से 40 रुपये पैकेट है.

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने समूह की महिलाओं को गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया. जिसके बाद महिलाएं गुलाल बनाकर बाजार में बेच रही हैं. जशपुर कलेक्टर कार्यालय जिला पंचायत सहित दूसरे स्थानों पर स्टॉल लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि हर्बल गुलाल होने की वजह से बाजार में इसकी अच्छी मांग है. लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं. गुलाल के विक्रय होने के पश्चात महिलाओं को अच्छी आमदनी होने की संभावना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.