जशपुर: कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना गरीब और मजदूर परिवारों को करना पड़ा है. लॉकडाउन के दौरान हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेशों से अपने राज्य लौटे, लेकिन मजदूरों की समस्या अब भी कम नहीं हुई है. दरअसल रोजगार की तलाश में गोवा गए जशपुर के ग्रामीणों को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है, जिन्हें छुड़वाने के लिए उनके परिजनों ने जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे से गुहार लगाई है.
मामला जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के रानपुर गांव का है, जहां रहने वाले पुरुषोत्तम चौहान की पत्नी मंजिता चौहान ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए आवेदन दिया है. आवेदन में लिखा है कि उनके पति पुरुषोत्तम चौहान और उनके पति के भतीजे अंकित चौहान को गोवा में एक व्यापारी ने 15 महीने से बंधक बनाकर रखा है. साथ ही उनसे काम करावा रहे हैं, लेकिन काम के बदले पगार नहीं दे रहा है. वहीं उन्हें वापस भी नहीं आने दिया जा रहा है.
पति को छुड़वाने के लिए पत्नी ने कलेक्टर से लगाई गुहार
मंजिता चौहान ने बताया कि उसके पेट में पथरी हो जाने के कारण उसके पति ने इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए अपने भतीजे के साथ गोवा गए थे, लेकिन दोनों वहां प्रताड़ना के शिकार हो गए. मंजिता चौहान ने बताया कि उनके दो बच्चे भी हैं जिनका भरण पोषण वे मजदूरी करके कर रही है. मंजिता ने बताया कि उनके पति और भतीजे को गोवा के वाटर स्पॉट कोलवा बीच में बोट पर काम में लगाया गया है, जिन्हें शकुशल वापस लाने की गुहार उन्होंने कलेक्टर से लगाई है.
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इस कोरोना महामारी में भले ही राज्य और केंद्र की सरकार मजदूरों को घर भेजने या सभी सहयोग देने की दावे कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर मजदूरों का हाल कुछ और ही है. बता दें कि पूरे देश में कोरोना की मार सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग झेल रहा है. कोरोना काल में मजदूरों की हालात सबसे ज्यादा खराब है. कोरोना के कारण मजदूरों के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है.