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Jashpur News: मछली मारने के लिए बहा दिया डैम का पूरा पानी, प्यास से तड़प रहे अभयारण्य के प्राणी - अभयारण्य के प्राणी

जशपुर में कुछ शरारती तत्वों ने मछली मारने के लिए स्टॉप डैम से पानी बहा दिया. इस भीषण गर्मी में अब वन्य जीवों के जिवन पर खतरा मंडरा रहा है. सोचने की बात तो ये है कि वन विभाग को इस करतूत की भनक तक कैसे नहीं लगी.

water of dam shed to kill fish in jashpur
स्टॉप डैम से पानी बहा
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Published : May 30, 2023, 11:30 PM IST

Updated : May 31, 2023, 10:09 AM IST

जशपुर: जिले के जंगलों में जंगली जानवरों के लिए वन विभाग ने सैकड़ों तालाब और स्टॉप डेम बनवाए हैं. जिनकी देखरेख का जिम्मा भी विभागीय कर्मचारियों पर ही है. इस क्रम में जिले के बादलखोल अभयारण्य के बीच लुम्भा लाता में भी स्टॉप डेम बनाया गया है. इस डैम के गेट को खोलकर लाखों लीटर पानी को असमाजिक तत्वों ने केवल मछली मारने के लिए बहा दिया. इस घटना की वन विभाग को भनक तक नहीं है. जबकि जंगल की सुरक्षा और गश्त के लिए बीट गार्ड्स की ड्यूटी लगाई जाती है. लेकिन वे नदारत रहते हैं. डैम का पानी बह जाने से जानवरों के लिए पानी की समस्या खड़ी हो गई है.

विभाग कुंभकरण की नींद सोया: गर्मी के मोसम में एक तरफ शहरों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कोसों दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. वहीं भीषण गर्मी में आपातकाल के लिए डैम में पानी का इकट्ठा किया जाता है. लेकिन उन पर प्रशासन का नियंत्रण नहीं है. इसी का नतीजा है कि आए दिन डैम में संग्रहित पानी बहाने की खबर आ रहा है. अभी बस्तर के पंखाजूर में मोबाइल के लिए पानी बहाने का मामला शांत नहीं हुआ था कि अब जशपुर के बादलखोल अभयारण्य से यह खबर सामने आई है.

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"जंगल में जंगली जानवरों को गर्मी के दिनों में पानी उपलब्ध कराने के लिए डैम का निर्माण किया गया था, जिसमें लगभग 20 से 30 मीटर लंबाई में ढाई फीट गहरा पानी था. असामाजिक तत्वों के द्वारा मछली मारने के नाम पर डैम खोल दिया गया, जिससे पानी बह गया है. कुछ पानी डैम में अब भी बाकी है. डैम की मरम्मत कर वापस से बंद कर दिया जा रहा है, ताकि पानी दुबारा से स्टोरेज हो सके. इसके साथ ही जिन लोगों ने इस तरह की हरकत की है, उसका भी पता लगाया जा रहा है. विभाग की ओर से उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी." - अगपित मिंज, रेंजर, बादल खोल अभयारण्य


शरारती तत्वों की है करतूत: बादलखोल अभयारण्य के लुम्भा लाता में जंगली जानवरों के पानी पीने के लिए इकट्ठा किया जाता है. इस पानी को कुछ शरारती तत्वों के ने मछली मारने के नाम पर डैम के गेट खोलकर बहा दिया. अब डैम में एक बूंद पानी भी नहीं बचा है. जिस वजह से अभ्यारण्य के जीव पानी के लिए तरस रहे हैं. बदलखोल अभयारण्य का यह क्षेत्र जंगली हाथियों का रहवास है. ऐसे में हाथियों के प्यास के चलते पानी की तलाश में गांवों की ओर आने की भी आशंका बढ़ गई है.

जशपुर: जिले के जंगलों में जंगली जानवरों के लिए वन विभाग ने सैकड़ों तालाब और स्टॉप डेम बनवाए हैं. जिनकी देखरेख का जिम्मा भी विभागीय कर्मचारियों पर ही है. इस क्रम में जिले के बादलखोल अभयारण्य के बीच लुम्भा लाता में भी स्टॉप डेम बनाया गया है. इस डैम के गेट को खोलकर लाखों लीटर पानी को असमाजिक तत्वों ने केवल मछली मारने के लिए बहा दिया. इस घटना की वन विभाग को भनक तक नहीं है. जबकि जंगल की सुरक्षा और गश्त के लिए बीट गार्ड्स की ड्यूटी लगाई जाती है. लेकिन वे नदारत रहते हैं. डैम का पानी बह जाने से जानवरों के लिए पानी की समस्या खड़ी हो गई है.

विभाग कुंभकरण की नींद सोया: गर्मी के मोसम में एक तरफ शहरों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कोसों दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. वहीं भीषण गर्मी में आपातकाल के लिए डैम में पानी का इकट्ठा किया जाता है. लेकिन उन पर प्रशासन का नियंत्रण नहीं है. इसी का नतीजा है कि आए दिन डैम में संग्रहित पानी बहाने की खबर आ रहा है. अभी बस्तर के पंखाजूर में मोबाइल के लिए पानी बहाने का मामला शांत नहीं हुआ था कि अब जशपुर के बादलखोल अभयारण्य से यह खबर सामने आई है.

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शरारती तत्वों की है करतूत: बादलखोल अभयारण्य के लुम्भा लाता में जंगली जानवरों के पानी पीने के लिए इकट्ठा किया जाता है. इस पानी को कुछ शरारती तत्वों के ने मछली मारने के नाम पर डैम के गेट खोलकर बहा दिया. अब डैम में एक बूंद पानी भी नहीं बचा है. जिस वजह से अभ्यारण्य के जीव पानी के लिए तरस रहे हैं. बदलखोल अभयारण्य का यह क्षेत्र जंगली हाथियों का रहवास है. ऐसे में हाथियों के प्यास के चलते पानी की तलाश में गांवों की ओर आने की भी आशंका बढ़ गई है.

Last Updated : May 31, 2023, 10:09 AM IST
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