जशपुर: अनुसूचित जनजाति और पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोगों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मनोरा विकासखंड के सोनक्यारी गांव में जनजातीय समुदाय के सैकड़ों लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान जनजातीय समाज के जनप्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन पर जमकर निशाना साधा और राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. समुदाय के लोगों के साथ हो रही वारदातों में कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.
'नये सिरे से हो जांच'
जशपुर में हुए दुष्कर्म, हत्या और नवजात शिशु की चोरी के मामले की नए सिरे से निष्पक्ष जांच की मांग और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया है. जिसमें जिले भर से सैकड़ों की संख्या आदिवासी जनजाति समाज के लोग शामिल हुए. प्रदर्शन में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि सोनक्यारी चौकी क्षेत्र में हुए पहाड़ी कोरवा युवती से दुष्कर्म और हत्या का मामला एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है.
पुलिस की जांच में चूक!
उन्होंने इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि जांच की प्रक्रिया में गंभीर चूक हुई है. कुछ लोगों को बचाने के लिए पुलिस महज खानापूर्ति कर रही है. मृतिका के परिजनों और प्रत्यक्षदर्शी के बयान के बावजूद पुलिस आजादी से घूम रहे संदेहियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.
'आदिवासी समाज कमजोर नहीं'
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने कहा कि जनजातीय समाज को कमजोर समझने की भूल किसी को नहीं करना चाहिए. अत्याचार और दमन का जवाब देना जनजातीय समाज के लोग भलीभांति आता है. इस पूरे धरना-प्रदर्शन के दौरान प्रदेश की कांग्रेस सरकार निशाने पर रही.