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'मधुकम' से इनकम: महुए से बन रहा सैनिटाइजर, महिलाओं को मिल रहा रोजगार

जशपुर में महुए से सैनिटाइजर बनाया गया है. इस सैनिटाइजर को अब मधुकम नाम से बाजार में उतारा जा रहा है. जिसे स्व-सहायता समूह की महिलाएं बेचेंगी.

women making Madhukam sanitizer
महिलाओं ने बनाया सैनिटाइजर
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Published : May 23, 2020, 6:23 PM IST

Updated : May 23, 2020, 7:24 PM IST

जशपुर: जिले में प्राकृतिक संसाधनों से बनाया गया सैनिटाइजर अब बाजार में बिकने को तैयार है. जशपर के रहने वाले वैज्ञानिक समर्थ जैन ने महुआ से सैनिटाइजर बनाया था. जिसे जिला प्रशासन की मदद से बाजार में उतार दिया गया है. अब ये सैनिटाइजर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के साथ ही रोजगार मुहैया कराएगा. जिला प्रशासन और युवा वैज्ञानिक की मदद से महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं अब इस सैनिटाइजर का उत्पादन करेंगी और इसके साथ ही इसे बेचेंगीं भी.

मधुकम सैनिटाइजर की बिक्री

जिले में होने वाला महुआ अब कोरोना संक्रमण के खतरे के साथ बेरोजगारी के खिलाफ एक मजबूत हथियार बनने जा रहा है. ड्रग विभाग के लाइसेंस जारी किए जाने के बाद, महुआ से सैनिटाइजर बनाना शुरू कर दिया गया है. इस हर्बल सैनिटाइजर को बनाने की जिम्मेदारी सिनगीदैई महिला स्व सहायता समूह को दी गई है. वन विभाग इससे फिलहाल 100 महिलाओं को रोजगार मिलने का दावा कर रहा है. सैनिटाइजर उत्पादन के बाद बचे हुए पदार्थों से जैविक उर्वरक खाद और पशु आहार बनाने के लिए शोध का काम शुरू कर दिया गया है. आने वाले दिनों में इसका उत्पादन शुरू होने से महिलाओं को रोजगार मिलेगा.

women making Madhukam sanitizer
मधुकम सैनिटाइजर

पढ़ें: जशपुर: शहीद जवानों के परिवार के लिए मसीहा बने टीआई विशाल कुजूर

30 रुपए है सैनिटाइजर की कीमत

कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि जशपुर में बने महुआ सैनेटाइजर को मधुकम नाम से बाजार में उतारा जा रहा है. इसके 60 मिली लिटर पैक की कीमत 30 रूपए रखी गई है, जबकि आमतौर पर इस तरह के उत्पादों की कीमत बाजार में 50 रूपए तक होती है. डीएफओ एसके जाधव ने बताया कि फिलहाल इस प्लांट में सैनिटाइजर का उत्पादन की क्षमता 200 लीटर है. यानी ये महिलाएं हर दिन 200 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन करती हैं.

जशपुर: जिले में प्राकृतिक संसाधनों से बनाया गया सैनिटाइजर अब बाजार में बिकने को तैयार है. जशपर के रहने वाले वैज्ञानिक समर्थ जैन ने महुआ से सैनिटाइजर बनाया था. जिसे जिला प्रशासन की मदद से बाजार में उतार दिया गया है. अब ये सैनिटाइजर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के साथ ही रोजगार मुहैया कराएगा. जिला प्रशासन और युवा वैज्ञानिक की मदद से महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं अब इस सैनिटाइजर का उत्पादन करेंगी और इसके साथ ही इसे बेचेंगीं भी.

मधुकम सैनिटाइजर की बिक्री

जिले में होने वाला महुआ अब कोरोना संक्रमण के खतरे के साथ बेरोजगारी के खिलाफ एक मजबूत हथियार बनने जा रहा है. ड्रग विभाग के लाइसेंस जारी किए जाने के बाद, महुआ से सैनिटाइजर बनाना शुरू कर दिया गया है. इस हर्बल सैनिटाइजर को बनाने की जिम्मेदारी सिनगीदैई महिला स्व सहायता समूह को दी गई है. वन विभाग इससे फिलहाल 100 महिलाओं को रोजगार मिलने का दावा कर रहा है. सैनिटाइजर उत्पादन के बाद बचे हुए पदार्थों से जैविक उर्वरक खाद और पशु आहार बनाने के लिए शोध का काम शुरू कर दिया गया है. आने वाले दिनों में इसका उत्पादन शुरू होने से महिलाओं को रोजगार मिलेगा.

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मधुकम सैनिटाइजर

पढ़ें: जशपुर: शहीद जवानों के परिवार के लिए मसीहा बने टीआई विशाल कुजूर

30 रुपए है सैनिटाइजर की कीमत

कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि जशपुर में बने महुआ सैनेटाइजर को मधुकम नाम से बाजार में उतारा जा रहा है. इसके 60 मिली लिटर पैक की कीमत 30 रूपए रखी गई है, जबकि आमतौर पर इस तरह के उत्पादों की कीमत बाजार में 50 रूपए तक होती है. डीएफओ एसके जाधव ने बताया कि फिलहाल इस प्लांट में सैनिटाइजर का उत्पादन की क्षमता 200 लीटर है. यानी ये महिलाएं हर दिन 200 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन करती हैं.

Last Updated : May 23, 2020, 7:24 PM IST
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