जशपुर: तमिलनाडु के चेन्नई स्थित द मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट (एमसीबीटी) के बाद अब जशपुर में भारत का दूसरा सर्प विष संग्रहण केन्द्र शुरू करने की तैयारी की जा रही है. देश में सर्पदंश पीड़ितों के इलाज में उपयोग होने वाली दवा 'एंटी स्नेक विनम' की कमी को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने यह पहल की है. वन विभाग ने इस केंद्र को शुरू करने का प्रस्ताव तैयार कर सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा है. जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि, अगस्त के आखिर तक इसकी स्वीकृति मिल जाएगी, जिसके बाद इसपर काम शुरू कर दिया जाएगा.
जशपुर के वनमंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि सर्प विष संग्रहण केंद्र की शुरुआत तपकरा में स्थित सर्पज्ञान केंद्र में किए जाने की योजना बनाई गई है. इस केंद्र में आबादी इलाके से रेस्क्यू किए गए सर्प को रखा जाएगा. आवश्यकता के अनुसार पकड़े गए सांप को इलाज करने के बाद, इसके जहर को सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के मुताबिक संग्रहित किया जाएगा.
श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि संग्रहित विष को सरकार को बेचने से जो भी आय प्राप्त होगी, इससे सांपों के संरक्षण में लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि विष संग्रहण केंद्र शुरू करने के लिए जिले भर में स्नेक रेस्क्यू टीम तैयार की जाएगी. इसके तहत 40 से 50 लोगों को सांप पकड़ने का प्रशिक्षण देकर, आवश्यक उपकरण के साथ उन्हें ग्रामीण और शहरी इलाकों में काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. श्रीकृष्ण जाधव के मुताबिक इस योजना से करीब 100 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.
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जशपुर में सापों की कई प्रजातियां मौजूद
डीएफओ ने बताया कि विनम के लिए विष बीग फोर प्रजाति के चार प्रजातियों के सांप के जहर की आवश्यकता होती है. इसमें किंग कोबरा, रसल वाइपर, कॉमन करैत और बैंडेड करैत शामिल है. जशपुर में सापों की ये चारों प्रजाति मौजूद होने की वजह से संग्रहण केन्द्र स्थापित करने के लिए आदर्श परिस्थितियां मोजूद है. वन विभाग ने विनम केन्द्र की तैयारी के लिए दो रेंजर को तमिलनाडु के चेन्नई स्थित द मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट (एमसीबीटी) भेजा था. इन अधिकारियों के इस केन्द्र के अध्ययन के आधार पर ही प्रस्ताव तैयार किया गया है.
भारत में सर्प के विष की भारी कमी
सर्पदंश पीड़ित व्यक्ति के इलाज के लिए एंटी स्नेक विनम की आवश्यकता होती है. फिलहाल, देश में एंटी स्नेक विनम तैयार करने के लिए सर्प के विष की भारी कमी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल औसतन साढ़े 7 हजार लोगों की मौत सर्पदंश से होती है. वहीं विनम तैयार करने के लिए आवश्यक विष को दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है. सरकार की योजना विष संग्रहण केंद्र की संख्या बढ़ाकर सर्प विष का आयात कम करने की है.