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सड़कों पर आवरा मवेशियों का जमावड़ा, दम तोड़ता रोका छेका अभियान - मवेशियों का जमावड़ा

आवरा मवेशियों के जमावड़े को रोकने के लिए प्रदेश स्तर पर रोका छेका अभियान चलाया गया था लेकिन यह अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. क्योंकि सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. इस योजना से सड़कों पर मवेशियों की संख्या कम होती नजर नहीं आ रही है.

cattle gathering on streets
मवेशियों का जमावड़ा
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Published : Jul 31, 2021, 9:11 PM IST

Updated : Aug 1, 2021, 4:43 PM IST

जशपुर: रोका छेका अभियान का असर देखने को नहीं मिल रहा है. शहर से लेकर नेशनल हाईवे तक आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगना अब आम बात है. जबकि गौठान वीरान पड़े हैं. निराश्रित मवेशियों को सुरक्षा देने के लिए प्रदेश सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत गौठान का निर्माण कराया है. लेकिन अधिकांश गौठान सूने और खाली पड़े हैं.

जशपुर में आवरा मवेशियों का जमावड़ा

जशपुर के शहरी क्षेत्र में अब तक एक गौठान नहीं बन पाया है. अधिकारियों का कहना है कि जगह की किल्लत की वजह से अब तक गौठान नहीं बन पाया है. उन्होंने बताया कि शहर में घूम रहे आवारा मवेशियों के पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

शहर में भटक रहे मवेशी

प्रदेश सरकार द्वारा रोका छेका अभियान की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन इसका असर जिले भर में कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है. जशपुर शहर के मुख्य मार्ग पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. वहीं शहर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर भी आवारा मवेशी बैठे देखे जा सकते हैं. निराश्रित मवेशियों को लेकर सरकारी अमला तक परेशान नजर आ रहा है. इन मवेशियों को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने जिले भर में गौठान तो बना दिये लेकिन यहां गोठन वीरान पड़े हैं, क्योंकि मवेशी सड़कों पर हैं.

बेमेतरा में 189 गौठान निर्माण अधूरे, ग्रामीणों नहीं मिल पा रहा योजना का लाभ

सिर्फ 25 पशुपालकों पर कार्रवाई

मुख्य नगरपालिका अधिकारी बसंत बुनकर का कहना है कि, नगरी क्षेत्र में कुल 122 मवेशी पशुपालक हैं. इनमें से मात्र 77 बालकों ने नगरपालिका में अपना पंजीयन करा रखा है. उन्होंने बताया कि बीते 1 साल के दौरान सड़कों में भटक रहे मवेशियों के 25 मामलों में जुर्माने की कार्रवाई करते हुए 16 सौ रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है. इन आंकड़ों से हिसाब लगाया जा सकता है कि नगर पालिका की इस कार्रवाई से ना तो लापरवाह पशुपालकों पर दबाव बना पा रही है. अब नगरपालिका अपनी रणनीति बदलते हुए मवेशी पशुपालकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की योजना पर काम किया जा रहा है.

जमीन की कमी से नहीं बना गौठान

सीएमओ का कहना है कि शहरी क्षेत्र में जमीन ना मिलने की वजह से शहरी गौठान का निर्माण नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि जिस जमीन को चिन्हित किया गया था वह शहर से काफी दूर हो गई थी. जहां मवेशियों के लिए जाना संभव नहीं था. शहर के पशुपालक भी वहां नहीं पहुंच सकते थे. इसलिए गौठान नहीं बनाया जा सका है. उन्होंने बताया कि शहर के पशुपालकों से गोबर खरीदी करने के लिए एसएलआरएम सेंटर में शहरी क्षेत्र के मवेशी पालकों से गोबर की खरीदी की जा रही है. जहां खाद का भी निर्माण गोबर के माध्यम से किया जा रहा है.

जशपुर: रोका छेका अभियान का असर देखने को नहीं मिल रहा है. शहर से लेकर नेशनल हाईवे तक आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगना अब आम बात है. जबकि गौठान वीरान पड़े हैं. निराश्रित मवेशियों को सुरक्षा देने के लिए प्रदेश सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत गौठान का निर्माण कराया है. लेकिन अधिकांश गौठान सूने और खाली पड़े हैं.

जशपुर में आवरा मवेशियों का जमावड़ा

जशपुर के शहरी क्षेत्र में अब तक एक गौठान नहीं बन पाया है. अधिकारियों का कहना है कि जगह की किल्लत की वजह से अब तक गौठान नहीं बन पाया है. उन्होंने बताया कि शहर में घूम रहे आवारा मवेशियों के पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

शहर में भटक रहे मवेशी

प्रदेश सरकार द्वारा रोका छेका अभियान की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन इसका असर जिले भर में कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है. जशपुर शहर के मुख्य मार्ग पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. वहीं शहर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर भी आवारा मवेशी बैठे देखे जा सकते हैं. निराश्रित मवेशियों को लेकर सरकारी अमला तक परेशान नजर आ रहा है. इन मवेशियों को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने जिले भर में गौठान तो बना दिये लेकिन यहां गोठन वीरान पड़े हैं, क्योंकि मवेशी सड़कों पर हैं.

बेमेतरा में 189 गौठान निर्माण अधूरे, ग्रामीणों नहीं मिल पा रहा योजना का लाभ

सिर्फ 25 पशुपालकों पर कार्रवाई

मुख्य नगरपालिका अधिकारी बसंत बुनकर का कहना है कि, नगरी क्षेत्र में कुल 122 मवेशी पशुपालक हैं. इनमें से मात्र 77 बालकों ने नगरपालिका में अपना पंजीयन करा रखा है. उन्होंने बताया कि बीते 1 साल के दौरान सड़कों में भटक रहे मवेशियों के 25 मामलों में जुर्माने की कार्रवाई करते हुए 16 सौ रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है. इन आंकड़ों से हिसाब लगाया जा सकता है कि नगर पालिका की इस कार्रवाई से ना तो लापरवाह पशुपालकों पर दबाव बना पा रही है. अब नगरपालिका अपनी रणनीति बदलते हुए मवेशी पशुपालकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की योजना पर काम किया जा रहा है.

जमीन की कमी से नहीं बना गौठान

सीएमओ का कहना है कि शहरी क्षेत्र में जमीन ना मिलने की वजह से शहरी गौठान का निर्माण नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि जिस जमीन को चिन्हित किया गया था वह शहर से काफी दूर हो गई थी. जहां मवेशियों के लिए जाना संभव नहीं था. शहर के पशुपालक भी वहां नहीं पहुंच सकते थे. इसलिए गौठान नहीं बनाया जा सका है. उन्होंने बताया कि शहर के पशुपालकों से गोबर खरीदी करने के लिए एसएलआरएम सेंटर में शहरी क्षेत्र के मवेशी पालकों से गोबर की खरीदी की जा रही है. जहां खाद का भी निर्माण गोबर के माध्यम से किया जा रहा है.

Last Updated : Aug 1, 2021, 4:43 PM IST
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