जशपुर: यूं तो सरकार राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा को बचाने के लाखों दावे कर रही है, लेकिन पहाड़ी कोरवा समुदाय के यदु की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत कुछ और ही ब्यां कर रही है. यदु की मौत ने प्रशासन के खोखले दावों की पोल खोल दी है. पहाड़ी कोरवा संरक्षित जनजाति है, इसे राष्ट्रपति ने गोद लिया है. बावजूद इसके इनके संरक्षण को लेकर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रही है.
कुनकुरी नगर पंचायत क्षेत्र में खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजार रहे पहाड़ी कोरवा जनजाति समुदाय के यदु की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई.
जिला प्रशासन का दावा, बीमारी से हुई यदु की मौत
जिला प्रशासन ने मौत के पीछे का कारण बीमारी बताया है, जबकि परिवार वालों का कहना है कि उसकी मौत ठंड से हुई है. यदु बगीचा क्षेत्र का रहने वाला था और पिछले एक महीने से कुनकुरी आया था. बीती रात यदु के पेट में अचानक दर्द उठा, उसके बाद उसकी पत्नी सुनीता ने दर्द की दवाई दी. सुनीता ने बताया कि यदु रात में सो गया, लेकिन सुबह उसे मृत पाया गया. यदु का पूरा परिवार घूम-घूम कर मधुरस बेचता है और शाम में कुनकुरी ग्रोटो लाइन खेल मैदान में खुले आसमान के नीचे रात गुजारता है.
पहाड़ी कोरवा की मौत पर लीपापोती में जुटा प्रशासन
कुनकुरी के लोगों की माने तो यदु की मौत ठंड से हुई है. जबकि प्रशासन इस मामले की लीपापोती में जुट चुका है. प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि यदु की मौत ठंड से नहीं बल्कि बीमारी से हुई है.राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहने जाने वाले पहाड़ी कोरवा के कल्याण और उनके संरक्षण के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. लेकिन यह योजना महज दिखावा साबित हो रहा है. प्रशासन की लापरवाही से आज पहाड़ी कोरवा की हालत बेहद खराब होती जा रही है.