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जांच रिपोर्ट आने से पहले की गई छुट्टी, मजदूर निकला कोरोना पॉजिटिव - बगीचा कोरोना पॉजिटिव केस

बगीचा जनपद के ग्राम रेंगोला क्वॉरेंटाइन सेंटर का एक मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. लेकिन मजदूर को तीन दिन पहले ही क्वॉरेंटाइन सेंटर से छोड़ दिया गया था. मजदूर तीन दिनों तक पूरे गांव में घूमता रहा.

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मजदूर निकला कोरोना पॉजिटिव
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Published : Jun 7, 2020, 12:32 PM IST

जशपुर : जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस बीच प्रशासन की लापरवाही भी देखने को मिल रही है. ताजा मामला जिले के बगीचा विकासखंड का है, जहां कोरोना संक्रमित प्रवासी मजदूर की जांच रिपोर्ट आए बिना ही उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर से घर जाने की अनुमति दे दी गई. रिपोर्ट आने के बाद मजदूर पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद स्वास्थ्य अमला संक्रमित मजदूर की खोजबीन में जुट गया और घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद उसे खोजकर इलाज के लिए कोरबा मेडिकल कॉलेज भेजा गया.

मजदूर निकला कोरोना पॉजिटिव

बगीचा जनपद के ग्राम रेंगोला क्वॉरेंटाइन सेंटर का है, जहां तीन दिन पहले महाराष्ट्र से लौटे एक मजदूर को क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने पर घर जाने की अनुमति दे दी गई थी. सेंटर से घर जाने के बाद यह मजदूर तीन दिन तक गांव में घूमता रहा. रिपोर्ट आने के बाद आरटीपीसी जांच के लिए मजदूर की खोजबीन शुरू की गई. एंबुलेंस से उसे गांव से ही कोरबा मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना कर दिया गया. गांव में कोरोना संक्रमित मरीज के घूमने की खबरों से ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की टीम मजदूर की हिस्ट्री खंगालने में जुटी है.

पढ़ें : छत्तीसगढ़ में कोरोना से चौथी मौत, बिलासपुर से रायपुर एम्स रेफर किया गया था मरीज

सरपंच की लापरवाही का नतीजा
गांव के सरपंच ने प्रशासनिक अधिकारी के अनुमति के बिना ही मजदूरों को सेंटर से छुट्टी दे दी. छुट्टी देने के बाद जिन मजदूरों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उन्हें तत्काल ट्रेस कर के मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है. साथ ही मरीज के हिस्ट्री तैयार की जा रही है. इन तीन दिनों के दौरान मरीज के संपर्क में आए लोगों का सैंपल लिया जाएगा. छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है. एम्स के कोविड-19 वार्ड के इंचार्ज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. साथ ही एम्स का एक लैब टेक्नीशियन और एक सफाईकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव मिला है. फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स भी संक्रमित हो रहे हैं.

जशपुर : जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस बीच प्रशासन की लापरवाही भी देखने को मिल रही है. ताजा मामला जिले के बगीचा विकासखंड का है, जहां कोरोना संक्रमित प्रवासी मजदूर की जांच रिपोर्ट आए बिना ही उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर से घर जाने की अनुमति दे दी गई. रिपोर्ट आने के बाद मजदूर पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद स्वास्थ्य अमला संक्रमित मजदूर की खोजबीन में जुट गया और घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद उसे खोजकर इलाज के लिए कोरबा मेडिकल कॉलेज भेजा गया.

मजदूर निकला कोरोना पॉजिटिव

बगीचा जनपद के ग्राम रेंगोला क्वॉरेंटाइन सेंटर का है, जहां तीन दिन पहले महाराष्ट्र से लौटे एक मजदूर को क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने पर घर जाने की अनुमति दे दी गई थी. सेंटर से घर जाने के बाद यह मजदूर तीन दिन तक गांव में घूमता रहा. रिपोर्ट आने के बाद आरटीपीसी जांच के लिए मजदूर की खोजबीन शुरू की गई. एंबुलेंस से उसे गांव से ही कोरबा मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना कर दिया गया. गांव में कोरोना संक्रमित मरीज के घूमने की खबरों से ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की टीम मजदूर की हिस्ट्री खंगालने में जुटी है.

पढ़ें : छत्तीसगढ़ में कोरोना से चौथी मौत, बिलासपुर से रायपुर एम्स रेफर किया गया था मरीज

सरपंच की लापरवाही का नतीजा
गांव के सरपंच ने प्रशासनिक अधिकारी के अनुमति के बिना ही मजदूरों को सेंटर से छुट्टी दे दी. छुट्टी देने के बाद जिन मजदूरों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उन्हें तत्काल ट्रेस कर के मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है. साथ ही मरीज के हिस्ट्री तैयार की जा रही है. इन तीन दिनों के दौरान मरीज के संपर्क में आए लोगों का सैंपल लिया जाएगा. छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है. एम्स के कोविड-19 वार्ड के इंचार्ज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. साथ ही एम्स का एक लैब टेक्नीशियन और एक सफाईकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव मिला है. फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स भी संक्रमित हो रहे हैं.
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