जशपुर: जिले में धान खरीदी केंद्रों में बारदाना आपूर्ति से संबंधित तैयारी पूरी की जा रही है. जिला प्रशासन 50% से कम बारदाना जमा करने वालों पर भी शिकंजा कस रहा है. जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने 50% से कम बारदाना जमा करने वाली ग्राम पंचायतों के सचिवों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मनोरा के फूड इंस्पेक्टर को भी नोटिस जारी किया गया है.
दरअसल, कलेक्टर महादेव कावरे ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धान खरीदी, बारदाने का उठाव, मनरेगा के कार्य, गोधन न्याय योजना की समीक्षा की है. उन्होंने उचित मूल्य की दुकानों से बारदाना उठाव को गंभीरता से लेते हुए समितियों में जमा करने के सख्त निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना के संचालन में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करने की हिदायत अधिकारियों को दी है.
खाद्य निरीक्षक और पंचायत सचिवों से जानकारी तलब
उन्होंने सभी आठ विकासखंड के खाद्य निरीक्षक और पंचायत सचिवों से उचित मूल्य दुकानों से बारदाने के उठाव के संबंध में एक-एक करके जानकारी ली. उन्होंने कहा कि धान खरीदी के लिए सोसायटी में बारदाने की विशेष आवश्यकता है. इसके लिए दिए गए बारदाने के उठाव के लक्ष्य को शत् प्रतिशत पूर्ण करने को कहा गया है.
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मनोरा विकासखंड के फूड इंस्पेक्टर को नोटिस
जिन ग्राम पंचायत के सचिवों ने उचित मूल्य दुकानों से 50 प्रतिशत से कम बारदाने सोसायटी में जमा किए हैं, उनको नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मनोरा विकासखंड के फूड इंस्पेक्टर को बारदाने उठाव के धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए नोटिस जारी कराने के निर्देश दिए गए हैं.
77 ग्राम पंचायत सचिव को नोटिस
कलेक्टर ने 77 ग्राम पंचायत के सचिव जिन्होंने 50 प्रतिशत से कम बारदाना सोसायटी में जमा किया है, उनको नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि उचित मूल्य दुकानों के संचालक बारदाना सीधे किसानों को नहीं देंगें. सोसायटी के माध्यम से जमा करना अनिवार्य है. जब किसान सोसायटी में धान विक्रय करने आते हैं तो सोसायटी के बारदाने से किसानों के धान का पल्टी किया जाता है.
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65 हजार मजदूर मनरेगा में कर रहे कार्य
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.एस मण्डावी ने बताया कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, कुंआ निर्माण, भूमि समतलीकरण के कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं. साथ ही लगभग 65 हजार मनरेगा में मजदूर कार्य कर रहे हैं. 1 लाख मजदूरों को मनरेगा में कार्य देने का लक्ष्य रखा गया है.